लड़कियों को यौन शिक्षा की आवश्यकता क्यों है?

लड़कियों को यौन शिक्षा Sex Education देनी चाहिए या नहीं, भारत में हमेशा ये विवाद का विषय रहा है। कोई भी इस बारे में अपनी पर्सनल राय रखते हुए कतराता है। हमारे समाज में यौन सम्बंधित सभी मामलों की जानकारी शादी से पहले होना, सही नहीं माना जाता है। अक्सर विरोधी इसके फ़ायदों की अपेक्षा इसके नुक़सान पर अधिक ज़ोर देते हैं। उनके अनुसार इससे लड़कियों को समय से पहले यौन सम्बंधों की जानकारी मिल जाएगी, जिससे उनका मन विचलित होने की सम्भावना रहेगी।

क्या आज भी हमें इस सोच के साथ जीना चाहिए, जब कि हर जगह चाहे टीवी पर, इंटरनेट पर और घर के बाहर चौराहों पर कहीं भी व्यस्क सामग्री और सम्बंधित चीज़ों के विज्ञापन खुलेआम देख सकते हैं। क्या उनसे किसी लड़की के मन में कोई जिज्ञासा नहीं पैदा होती है, या फिर वो समय से पहले यौन सम्बंध नहीं बनाना चाहती हैं?

लड़कियों को यौन शिक्षा

आज हमारे समाज में सेक्सुअलि ट्रांस्मिटेड डिसीज़ Sexually Transmitted Disease यानि यौन रोगों से अनेक लड़कियाँ प्रभावित हो रही हैं। जिसका प्रमुख कारण लड़के और लड़कियों को यौन शिक्षा से दूर रखा जाना है। हमारे स्कूल से लेकर महाविद्यालय तक से पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा विषय सम्मिलित नहीं है। जबकि हमें इसकी शायद किसी और विषय से अधिक आवश्यकता है।

अमेरिका के सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल Center for Disease Control के अध्ययनों से यह बात खुलकर सामने आयी है कि गोनोरिया Gonorrhea, क्लेमीडिया Chlamydia और सिफ़लिस syphilis के मामलों में लगातार बढ़त देखी जा रही है। आज यौन रोग से अधिकतर 13 से 19 साल की लड़कियाँ ज़्यादा प्रभावित हो रही हैं। चार में से एक लड़की यौन से प्रभावित है, आप मामले की गम्भीरता सी बात से समझ सकते हैं।

लड़कियों को यौन शिक्षा की आवश्यकता

आइए वो सात कारण जानने की कोशिश करें, जिसकी वजह से लड़कियों को यौन शिक्षा देना ज़रूरी है –

1. यौन रोग की सम्भावना कम करने के लिए

नो द फ़ैक्ट्स Know the facts, एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार कमज़ोर शरीर के कारण लड़कियों को यौन रोग होने की अधिक सम्भावना रहती है। इसके बारे में न उन्होंने कभी पढ़ा होता है और न उन्हें किसी ने बताया होता है।

2. 19 साल से कम उम्र वाली 60% लड़कियाँ यौन सम्बंध रखती हैं

नो द फ़ैक्ट्स Know the facts, हमें बताता है कि 15 साल से कम उम्र वाली 13% ल‌ड़कियाँ यौन सम्बंध बन चुकी होती हैं और 19 साल की होते होते 68% लड़कियाँ यौन सम्बंधों में लिप्त हो जाती हैं। इस बात को गौर से समझने और यौन शिक्षा के प्रचार प्रसार पर बल देने की आवश्यकता है।

3. यौन रोग की जानकारी से अनभिज्ञता

अधिकांश लड़कियों को यौन रोगों की जानकारी ही नहीं होती है और न ही उन्हें मालूम होता है कि सेक्सुअलि ट्रांसमिटेड डिसीज़ Sexually Transmitted Disease कैसे फैलती है? अधिकांश सर्वे बताते हैं कि लड़कियाँ टायलेट सीट पर बैठने से होने वाली बीमारी को यौन रोग समझती हैं। सोचिए ये कितनी चिंताजनक बात है।

romantic couple in bed room

4. 30 लाख लड़कियाँ यौन रोग की चपेट में हैं

आज 30 लाख से भी अधिक लड़कियाँ क्लेमीडिया Chlamydia, हरपीस और ट्रिख जैसे यौन रोगों की चपेट में हैं। अगर इसमें गोनोरिया Gonorrhea, सिफ़लिस syphilis और एड्स HIV Aids के मामले शामिल नहीं है, तो सोचिए कि इनकी संख्या कितनी हो सकती है।

5. लड़कियाँ यौन रोग की चपेट में अधिक आती हैं

पुरुषों को किसी भी समाज में अधिक आज़ादी मिली हुई है, जिस कारण वे इन मामलों लड़कियों से कुछ अधिक जानते हैं। लेकिन लड़कियाँ यौन शिक्षा और ज्ञान से अभिज्ञ होने कारण बड़े ख़तरे में रहती हैं। यौन रोगों को सही समय पर इलाज न कराने के कारण सरवाइकल कैंसर हो सकता है, जिससे शायद वो कभी माँ न बन पाये।

6. 10% लड़कियों को एक से अधिक यौन रोग होते हैं

सही गर्भनिरोधक और उनकी जानकारी के अभाव में यौन रोगों की सम्भावना बढ़ जाती है। अधिकांश लड़के यौन सम्बंध बनाते समय मज़े के लिए कॉन्डम प्रयोग नहीं करना चाहते हैं, और न ही लड़कियाँ उन्हें कॉन्डम प्रयोग के लिए मना पाती हैं। जिसे एक से अधिक यौन रोगों की सम्भावना बढ़ जाती है। सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल के अनुसार 14 से 19 साल की उम्र वाली 15% लड़कियों को अधिक यौन रोग होते हैं।

7. 3 से अधिक पुरुषों से यौन सम्बंध बनाने वाली आधी लड़कियाँ हैं पीड़ित

यौन सम्बंधों के दौरान कॉन्डम का प्रयोग 100% सुरक्षा की गारंटी नहीं देता है, बल्कि यह यौन रोगों को सम्भावना को कम करता है। लेकिन सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल के अनुसार एक से अधिक पुरुषों से सम्बंध बनाने वाली लड़कियाँ यौन रोग से ग्रस्त रहती हैं।

आइए समाज से शर्म को गुड बॉय कहें और लड़कियों को यौन शिक्षा देकर अपने समाज को यौन रोगों से मुक्त रखने का प्रण लें।

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