तंबाकू की लत हो या दूसरी लत, उसे छोड़ना मुश्किल है लेकिन नामुमिकन नहीं। लत किसी प्रकार की हो उससे आसक्ति हो जाती है। वह मन के अंदर तक पहुंच जाती है। पहले मन पर आना साम्राज्य खड़ा करती है उसके बाद शरीर पर। बहुत दिनों तक तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट आदि पीने से उसमें मौजूद निकोटीन पार्ट ऑफ़ बॉडी हो जाता है। तब वह मन व शरीर दोनों को नियंत्रित करने लगता है। वह शरीर की आवश्यकता हो जाता है। एक निश्चित समय पर शरीर उसकी जरूरत महसूस करने लगता है और न मिलने पर शरीर के भीतर अनेक प्रकार के विकारों को जन्म देता है। यानि आपको तम्बाकू खाने से होने वाले रोग होने का ख़तरा बढ़ जाता है।

तंबाकू की लत
शरीर को तंबाकू की लत हो और ज़रूरत पड़ने समय पर न खाया जाए, कुछ देर बाद शरीर में ऐंठन होने लगती है, कुछ खालीपन महसूस होने लगता है। किसी काम में मन नहीं लगेगा। ताकत नहीं लगेगी। खासकर तंबाकू खाने वाला व्यक्ति यदि सोकर उठे और उसे तंबाकू न मिले तो मुंह धोने तक में उसके हाथ कमजोर मालूम पड़ने लगते हैं। यही सब तंबाकू सेवन के दुष्परिणाम हैं। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह दो-चार दिन ही रहता है। मानव शरीर का एक गुण है कि वह किसी भी परिस्थिति में अपने को ढाल लेती है। यह गुण सिर्फ मानव शरीर में ही है, किसी अन्य जीव में नहीं। इसीलिए सभी पक्षियां और सभी पशु सभी जगह नहीं पाए जाते।
परिवेश अनुकूलता
मानव को किसी भी परिस्थिति में, किसी भी मौसम में कर दिया जाए तो वह उसके अनुकूल अपने ढाल लेता है। तो दो-चार दिन ही इस तरह की स्थिति रहेगी। उसके बाद जैसे आपको तंबाकू खाने की आदत पड़ी, वैसे ही तंबाकू के बिना रहने की आदत पड़ने लगेगी। धीरे-धीरे एक माह बाद तंबाकू खाने की तरफ कभी-कभी मन आकर्षित होगा। कुछ समय और बीतने के बाद तंबाकू की लत नहीं रह जाएगी।

इच्छाशक्ति का महत्व
लेकिन इसके लिए दृढ़ इच्छा शक्ति की ज़रूरत पड़ती है। ओशो एक कहानी सुनाते हैं कि एक जहाज़ तूफान में फंस गया। नाविक को सिगरेट पीने की आदत थी। जहाज किसी दूसरी तरफ चला गया और नाविक का सिगरेट खत्म हो गया। आदत के अनुसार उसे परेशानी होने लगी। उसने जहाज़ की रस्सियां काटकर उसमें आग लगाकर पीना शुरू किया। अचानक उसके मन में आया कि यह क्या कर रहा है। उसने तत्क्षण जलती हुई रस्सी पानी में फेंक दी और संकल्प किया कि आज के बाद जब तक जीवन पर ही संकट न उत्पन्न हो जाए, मैं सिगरेट को हाथ नहीं लगाऊंगा। कहानी कहती है कि पूरे जीवन में ऐसा समय कभी नहीं आया कि सिगरेट न पीने के चलते उसके जीवन पर संकट उत्पन्न हुआ हो।
तम्बाकू छोड़ने का उपाय
तम्बाकू खाने नुकसान बहुत होते हैं। दृढ़ संकल्प करके तम्बाकू छोड़ने के उपाय किए जा सकते हैं। इसलिए तंबाकू, बीड़ी, सिगरेड आदि छोड़ने के लिए पहली बात कि दृढ़ संकल्प होना चाहिए। असली काम यह संकल्प ही करता है। इसके साथ कुछ होम्योपैथिक दवाओं को सुझा रहा हूं, लेकिन ये सहयोगी मात्र हैं। इन दोनों के प्रयोग से आप तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट आदि से मुक्ति पा सकते हैं।
– Tebacum 200 की 8 -10 गोली दिन मेँ दो बार मुंह मेँ डालकर चूसने से लाभ होता है।
– Caladium 30 पावर की 7-8 गोली मुंह मेँ डालकर दिन में तीन-चार बार चूसना चाहिए। कहा जाता है कि इसके सेवन से इस तरह के नशे से नफरत हो जाती है।