मनुष्य के सम्पूर्ण विकास के लिए पोषक तत्व, मिनरल्स, विटामिन्स, प्रोटीन और खनिज लवणों की आवश्यकता होती है। लेकिन इस सबके साथ साथ एक ख़ास विटामिन बी12 (Vitamin B12) भी सम्पूर्ण विकास के लिए बेहद ज़रूरी है। यह एक ऐसा पोषक तत्व है, जो खाद्य पदार्थों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होता है जिससे ज़्यादातर लोगो में इस विटामिन की कमी पायी जाती है।
वाइटमिन बी12 का रासायनिक नाम कोबालामिन हैं। इस विटामिन में कोबाल्ट (Cobalt) धातु पाया जाता हैं। यह विटामिन रक्त का थक्का बनाने, स्मरण शक्ति को बनाए रखने और महिलाओं के स्वास्थ्य आदि के लिए बेहद ज़रूरी है।
विटामिन बी12 का महत्त्व
विटामिन बी12 हमारे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और बुढ़ापे को दूर रखता है। इसकी कमी से शरीर में रक्त की कमी हो सकती है। यह शरीर में रक्त कणिकाओं के निर्माण में सहायक है। यह हमारे तंत्रिका तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में सहायक है। इसकी कमी के कारण शरीर कमज़ोर हो जाता है और मस्तिष्क अघात भी हो सकता है। इसे अपने भोजन में शामिल करने से चिड़चिड़ेपन, निम्न रक्तचाप, तनाव और कंपकंपाहट आदि लक्षणों से बचा जा सकता है। इसके इन्हीं गुणों के कारण इसे “Anti-Stress Vitamin” भी कहा जाता है।
विटामिन बी12 के शाकाहारी स्रोत
दालें, अंकुरित अनाज, घी, दूध, दही, मक्खन, आलू, गाजर, मूली शलजम, अरबी, शकरकंदी, पनीर, खोया, मट्ठा आदि में वाइटमिन बी12 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
विटामिन बी12 की कमी के कारण
वाइटमिन बी12 की कमी के कारण परनिशस एनीमीया (Pernicious Anaemia) रोग होता हैं। यह एक विशेष प्रोटीन इंट्रींसिक फ़ैक्टर (Intrinsic factor) के अवशोषण के लिए बेहद ज़रूरी होता है। कुछ लोगों में इसकी कमी के कारण आहार से वाइटमिन बी12 शरीर में अवशोषण नहीं हो पाता हैं और जिससे उन्हें इस विटामिन की कमी हो जाती है। जिन लोगों में किसी कारण से ऑपरेशन कर आमाशय या छोटी आंत का कुछ हिस्सा निकाल दिया जाता हैं, उनमें भी विटामिन बी12 की कमी पाई जाती हैं।
विटामिन बी12 की कमी के लक्षण
इसकी कमी से कमज़ोरी, जल्दी थक जाना, रक्त की कमी, पाचन शक्ति का कमजोर होना, सरदर्द, अधिक चिंता होना, पूरे शरीर और विशेषकर हाथों और पैरों में कमज़ोरी होना, याददास्त या स्मरण शक्ति का कमज़ोर होना, हाथों और पैरों की किसी भी भाग का अचानक सुन हो जाना, सेक्स के लिए मन न करना, त्वचा का पीला पड़ना, धड़कन का तेज़ होना, मुंह में छाले पड़ना, आँखों में कमज़ोरी, अवसाद, अनियमित मासिक चक्र, सोचने समझने में परेशानी होना आदि है।
विटामिन बी12 की कमी का निदान करने के लिए परीक्षण
सीरम विटामिन बी12 टेस्ट । Serum Vitamin B12 Test
इस जांच में रक्त में लाल रक्त कण में वाइटमिन बी12 की मात्रा का पता लगाते हैं।
बोन मेरो बीओप्सी । Bone Marrow Biopsy
इस जांच में अस्थि मज्जा का परिक्षण कर वाइटमिन बी12 की मात्रा का पता लगाते हैं।
एंटीबॉडी टेस्ट। Antibody Test
इस परिक्षण में इंट्रीनसिक फैक्टर के एंटीबॉडीज की जांच की जाती है जिससे की Pernicious Anaemia का निदान किया जाता हैं।
श्चिल्लिंग टेस्ट । Schilling Test
इस जांच में शरीर में रेडियो एक्टिव वाइटमिन बी12 देकर इंट्रीनसिक फ़ैक्टर की जांच की जाती हैं।
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