आज भागदौड़ की ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा ख़तरा नींद पर ही है। नींद ग़ायब हो रही है। आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ नींद कम होना सामान्य बात है लेकिन कम उम्र ही जब नींद न आने की समस्या घर करने लगे तो चिंतित होना स्वाभाविक है। हमारा पूरा सिस्टम नींद पर ही आधारित है। यदि नींद पूरी न हो तो पूरा सिस्टम अस्त-व्यस्त हो जाता है। अनिद्रा के चलते अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि रात भर सोये रहे लेकिन सुबह उठने के बाद थकान महसूस हो रही है। ताज़ा-ताज़ा महसूस नहीं कर रहे हैं, इसका मतलब यही हुआ कि रात भर आपको नींद नहीं आई। या तो आप सपने देखते रहे या मस्तिष्क बहुत ज़्यादा नींद में भी सक्रिय रहा। यह तनाव का लक्षण है।
अनिद्रा से होने वाली समस्याएं
नींद यदि ठीक से न आए तो सबसे ज़्यादा स्पॉण्डिलाइटिस व साइनस की समस्या आती है। दिन भर थकान व सुस्ती महसूस होती है। काम में मन नहीं लगता है। कब्ज़ की समस्या उत्पन्न हो जाती है। भूख नहीं लगती है। आलस्य घेरे रहता है। है। सांस लेने में परेशानी हो सकती है, ज़ुक़ाम व सिरदर्द हो सकता है।
योग निद्रा उत्तम औषधि
इस तरह की समस्या में योग व ध्यान आपके लिए औषधि का काम करेंगे। किसी कुशल योगाचार्य या मेडिटेशन सेंटर में जाकर योग या ध्यान करने से यह समस्या चली जाएगी। नींद भरपूर आने लगेगी। योग में एक क्रिया है- योग निद्रा। इस क्रिया में आप जागते हुए भी नींद में होते हैं। शरीर और मस्तिष्क पूरी तरह आराम में होता है और भीतर कोई जाग रहा होता है। यह क्रिया अनिद्रा की सबसे अच्छी दवा है।
योग निद्रा करने की विधि
योग निद्रा एक योगासन है। इस क्रिया को करना बहुत ही आसान है और कभी भी किसी जगह पर किया जा सकता है।
1. आप बिस्तर पर या ज़मीन पर कुछ बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
2. अपने शरीर के सभी अंगों को शिथिल होने का निर्देश दें।
3. पैर के अंगूठे से शुरू करें और धीरे-धीरे सभी अंगों को शिथिल करते हुए मस्तिष्क तक आएं। कुछ ही देर में आपका पूरा शरीर शिथिल हो जाएगा।
4. अब आती-जाती सांसों को देखें। सांस लेने या छोड़ने की चेष्टा न करें। स्वाभाविक रूप से जो सांस आ-जा रही है उसके द्रष्टा बने रहें। मन में जो विचार चल रहे हैं उसे देखते रहें। उसे रोकने की चेष्टा न करें, देखने मात्र से ही विचार विदा हो जाएंगे।
5. सांस लेने में पेट ऊपर-नीचे हो रहा है, उसे भी देखें। पूरी शरीर की हर गतिविधि को सिर्फ द्रष्टा भाव में देखते जाएं। धीरे-धीरे सब शांत हो जाएगा और मस्तिष्क तथा शरीर पूरी तरह आराम की मुद्रा में चले जाएंगे। कम से कम दस मिनट तक इस अवस्था में रहें, यदि आधा घंटे कर सकते हैं तो ज़्यादा उत्तम है। कहते हैं कि आधा घंटे की योग निद्रा सात घंटे के नींद के बराबर होती है। लगातार तीन-चार सप्ताह इसे करने से अनिद्रा में अभूतपूर्व सुधार होता है।
6. जब योग निद्रा की क्रिया पूरी हो जाए तो दोनों हाथों की अंगुलियों को हल्का-हल्का हिलाएं, इस तरह पूरे शरीर को धीरे-धीरे सक्रिय करें।
7. अब दोनों हाथों की हथेलियों को थोड़ा आपस में रगड़कर आंखों को धीरे-धीरे मलें और आंखें खोलें। धीरे से उठें। आपको बहुत अच्छा लगेगा, महसूस होगा कि आप नींद से उठ रहे हैं।