एसिडिटी के कारण, लक्षण और उपचार

खाना खाने के बाद मैं और मेरा पूरा परिवार छत पर टहलने जाता। हमेशा की तरह आज भी हम लोग खाना खा कर टहलने गए लेकिन आज हमारे चाचा जी न जाने क्यों अपने पेट पर हाथ घूमाते जाते और टहलते जाते। काफ़ी देर से मैं उनको देख रही थी शायद उन्हें पेट में कोई तकलीफ़ थी इसलिए वे अपने हाथ से पेट को पकड़े हुए थे। ये बात मैंने चाची से कहीं तो चाची ने बताया चाचा जी को कुछ दिनों से पेट में जलन महसूस हो रही, खट्टी डकारे भी आ रही हैं और वो काम अधिक होने के कारण डॉक्टर के पास जा नहीं पा रहे। खाना के बाद ये खट्टी डकारे और जलन ज़्यादा महसूस होती है। लेकिन फिर भी चाचा जी अपने सेहत के बजाय काम पर ध्यान दे रहे थे। अगले दिन जब सुबह चाचा जी के पेट में दर्द और जलन बढ़ गया और उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ़ होने लगी तो तुरन्त उन्हें डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने उनकी जाँच की और कहा चाचा जी को एसिडिटी या अम्लीयता की समस्या है।लेकिन अगर चाचा जी कुछ और दिन जांच नहीं करवाते तो यह अल्सर भी हो सकता था। सही समय पर सही जांच होने से चाचा जी एक बड़े रोग से बच सके। लेकिन आप सभी लोगों से यह निवेदन है, इसके लिए लापरवाह नहीं जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें। स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। इसलिए आज हम आपको एसिडिटी के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं ताकि आप लोग चाचा जी जैसी ग़लती न दोहराएं बल्कि अपने आस पास के लोगों को भी जागरूक करें…
एसिडिटी की समस्या

एसिडिटी के कारण और लक्षण

एसिडिटी को चिकित्सकीय भाषा में (GERD) गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ़लक्स डिज़ीज़ भी कहते हैं। अगर पेट की अम्लीयता जैसे रोग पर शुरू से ध्यान न दिया जाए तो ज़्यादा समय तक बने रहने से यह पेट के अलसर का रूप ले लेती है इसलिए इसे नज़रअंदाज़ न करें।

एसिडिटी के कारण

एसिडिटी दो कारणों से हो सकती है
1. बदलती हुई जीवनशैली जैसे ज़्यादा देर रात तक जागना, असमय भोजन ग्रहण करना, तीखा मसालेदार व गरिष्ठ भोजन ग्रहण करना आदि के कारण भी एसिडिटी हो सकती है।
2. पेट से जुड़ी कुछ बीमारी हो तो इस कारण से भी पेट की अम्लीयता हो सकती है।

एसिडिटी के लक्षण

एसिडिटी का लक्षण जैसे सीने या छाती में जलन होना, साँस लेने में तकलीफ़ होना, मुंह में खट्टा पानी और खट्टी डकारे आना, घबराहट और उलटी जैसा महसूस होना, पेट में जलन और दर्द होना, गले में लगातार जलन महसूस होना, पेट फूलना आदि लक्षण है।

घरेलू उपचार

1. तुलसी

तुलसी के पत्तों का या उसके अर्क का सेवन पेट के पाचक रसों को संतुलित कर पेट की कई व्याधियों को दूर करता है।तुलसी की चार पत्तियां सुबह सुबह खाली पेट चबाने से एसिडिटी कण्ट्रोल रहती है।

2. दाल चीनी

दाल चीनी एक प्राकृतिक औषधि है।अगर आधे चम्मच दाल चीनी में एक गिलास पानी को उबाल लें। इसके ठंडा होने पर दिन में तीन बार एक एक कप पीने से पेट की अम्लीयता में राहत मिलती है।

3. छाछ

छाछ बहुत ही लाभकारी पेय पदार्थ है इसमें लैक्टिक एसिड की संतुलित मात्रा होती है जिससे पेट की एसिडिटी संतुलित रहती है। ठण्डी छाछ में थोड़ा सेंधा नमक डालकर सेवन करने से पेट को बहुत आराम मिलता है।

4. जीरा

जीरा एक बेहतरीन एसिडिटी नाशक है, यह एसिड को न्यूट्रालाइज़ _ Neutralize कर पाचन को ठीक रखता है, इसमें गैस नाशक गुण भी पाये जाते हैं। अगर भुने हुए जीरे के चूर्ण को भोजन के बाद आधा गिलास पानी के साथ पिएं तो एसिडिटी बदहज़मी और गैस जैसे रोग में बहुत आराम मिलता है।

5. नारियल पानी

एसिडिटी होने पर नारियल पानी का सेवन भी बहुत राहत प्रदान करता है।यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभप्रद है।

6. अदरक

अदरक के रस में पेट के एसिड को न्यूट्रालाइज़ ‌‌कर पेट की जलन को कम करने की शक्ति रखता है। एसिडिटी के समय अदरक के कुछ टुकड़े चबाने से एसिडिटी गायब हो जाती है।

7. गुड़

ख़ाली पेट एक छोटा सा गुड़ का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से पेट की अम्लीयता में आराम मिलती है।

8. सौंफ

सौंफ एक एंटीएसिड पदार्थ है, इसके तत्त्व पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड के स्राव पर असर डाल कर एसिडिटी को कम करते है। इसलिए भोजन करने के बाद इसे चबाने से इस रोग में आराम मिलता है।

9. ठंडा दूध

दूध में कैल्शियम होता है जो की पेट में एसिड की मात्रा को काबू करने की शक्ति रखता है। इसलिए आधा गिलास ठंडा दूध पीने से एसिडिटी से तुरंत राहत मिलती है।

10. कालीमिर्च

एक गिलास गुनगुने पानी में एक चुटकी कालीमिर्च का चूर्ण और आधा नींबू निचोड़कर रोजाना खाली पेट पीने से काफी हद तक एसिडिटी की समस्या दूर होती है।
कोई रोग कभी छोटा नहीं होता है और न ही छोटा समझकर इसे नज़रअंदाज़ करें। क्योंकि कभी कभी यह छोटे छोटे रोग किसी बड़े रोग का रूप ले लेते हैं और थोड़ी सी लापरवाही के कारण जान से हाथ धो बैठते हैं। इसलिए इन रोगों के कारण और लक्षणों की जनकारी अवश्य रखें ताकि इस जानकारी के ज्ञान कारण सही समय पर तुरन्त डाक्टरी सलाह लेकर एक जीवन की सुरक्षा कर सकें।
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