आंखों की बीमारी के कारगर उपाय

आंखें हमारी दुनिया हैं। यदि हमें कम दिखने लगे या न दिखने लगे तो दुनिया अंधेरी हो जाती है। दुनिया की चमक-दमक हमारी नज़रों से ओझल हो जाती है और हम बेबस नज़र आते हैं। दूसरे पर निर्भर हो जाते हैं। आज हम आपको आंखों की बीमारी के कारगर घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।

आंखों की बीमारी
Eye care tips Hindi

आंखों की बीमारी का घरेलू उपचार

1. नज़र की कमज़ोरी

नज़र की कमज़ोरी, धुंध, जाला व रोहे आदि के लिए पचास ग्राम काला सुरमा, 500 मिली प्याज के रस में खरल करके छानकर रख लें। एक सलाई यह सुरमा सुबह-शाम लगाने से इन रोगों से निजात मिल जाती है।

– कम दिखाई पड़ रहा है तो 250 मिली दूध में थोड़ा घी मिलाकर या गाय के ताज़े घी में मिसरी मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।

– 1 ग्राम काली मिर्च, 3 ग्राम हल्दी, 2 ग्राम हरड़ को गुलाब जल में मिलाकर आंखों पर लगाने से रोशनी बढ़ती है।

– आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए जायफल को पानी में घिसकर दिन में एक बार कुछ देर के लिए पलकों पर लगाने से लाभ होता है।

– 4-4 ग्राम असगंध व मुलैठी का चूर्ण, 8 ग्राम आंवला के रस में मिलाकर 6-7 माह नियमित सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ जाती है।

– रोज़ सुबह आंखों में शुद्ध शहद काजल की तरह लगाने से भी आंखों की रोशनी बढ़ती है।

2. गुहेरी

– आंख की फुंसी को गुहेरी भी कहा जाता है। इस आंखों की बीमारी के लिए आम का पत्ते तोड़ें और उसकी जड़ से निकलने वाले रस को गुहेरी पर सावधानी पूर्वक लगाएं। दो-तीन दिन के ही प्रयोग से गुहेरी ठीक हो जाएगी।

– छुहारे की गुठली घिसकर लगाने से भी गुहेरी ठीक हो जाती है।

– गुहेरी में जब फुंसी बाहर की तरफ हो तो इमली के बीज की गिरी को साफ पत्थर पर घिसकर लगाने से फ़ायदा होता है।

– गुहेरी पर दो लौंग पानी में घिसकर लगाने से भी लाभ होता है।

आंखों की सूजन
Ankhon ki sujan – Gurehi

3. रतौंधी

– रतौंधी के लिए नीम के 10 ताज़े पत्‍ते, 20 ग्राम गुड़ में मिलाकर सुबह खाली पेट और रात में सोते समय खाएं। पंद्रह-बीस दिनों में राहत मिल जाएगी।

– दही में काली मिर्च पीसकर आंखों में लगाने से भी रतौंधी चली जाती है।

4. मोतियाबिंद

– आंखों की बीमारी मोतियाबिंद के लिए सफेद फिटकरी 35 ग्राम, नीला थोथा आधा ग्राम व छोटी इलायची साढ़े पांच ग्राम लेकर बारीक़ पीस लें और किसी पतले सूती कपड़े से छान लें। इसमें 750 मिली गंगाजल मिलाएं और किसी बोतल में भरकर दस दिन तक रख दें। रोज़ तीन-चार बार बोतल को हिलाते रहें। ग्‍यारहवें दिन से रोज़ सोते समय 2-3 बूंद दवा आंख में डालें। मोतियाबिंद विदा हो जाएगा।

5. आंखों का दर्द

– जस्‍ते का फूला गर्म पानी में डालकर सेंकने से आंख का दर्द चला जाता है।

– आंखों के दर्द के लिए गेंदे के पत्ते पीसकर उसकी टिकिया बनाकर आंखों पर बांधने से लाभ होता है।

– रुई के फाहों पर दूध की मलाई रखकर बांधने से भी आंखों का दर्द चला जाता है।

– आंखों के दर्द में हल्दी के पानी में कपड़ा भिगोकर आंखों पर रखने से आराम मिलता है।

– आंख दर्द में गुलाब जल में थोड़ा फिटकरी का फूला डालकर उसे कई बार आंखों में बूंद-बूंद टपकाने से लाभ मिलता है।

– आंख दर्द में हल्दी, आंमा हल्‍की, रसौत, फिटकरी, लोध्र, इंद्र, जौ, अफीम व ग्‍वारपाठे का गूदा पीसकर पलकों व आंखों के आसपास लगाने से लाभ मिलता है।

– आंखों में दर्द के लिए एक शीशी गर्म पानी में उबालकर अलग रख लें। इसके बाद हरड़, बहेड़ा, आंवला व पोस्ते को डोडे में घोलकर छान लें। इसे गर्म पानी में उबाली गई शीशी में भरकर रख लें। दिन में चार बार दो-दो बूंद यह दवा डालने से आंखों का दर्द चला जाता है।

– आंखों के दर्द व जलन में अनार के पत्ते या कीकर के मुलायम पत्ते पानी में पीसकर टिकिया बनाकर रात को आंख पर बांधने से फ़ायदा होता है।

आंखों की देखभाल
Ankhon ki dekhbhal

– 50 मिली गुलाब जल में एक मध्यम आकार की हल्दी की गांठ डाल दें। दूसरे दिन उसे छानकर शीशी में रख लें। जब आंख में लाली ज्‍यादा हो या दर्द करे तो दो-दो बूंद दिन में तीन-चार बार डालें।

– आंख आने पर अमरूद का रस डालने व बर्फ से सेंकाई करने से ठीक हो जाती है।

6. आंखों की सूजन

– आंखों की सूजन दूर करने के लिए इमली के फूलों की पुल्टिश आंखों पर बांधनी चाहिए।

– खाने वाली सुपारी पानी के साथ सिल पर घिसकर आंखों के ऊपर लगाने से आंखों की सूजन समाप्‍त हो जाती है।

– आंखों की सूजन दूर करने के लिए अड़ूस के ताज़े फूलों को गर्म करके आंखों पर बांधने से लाभ होता है।

7. आंखों से पानी गिरना

– इस आंखों की बीमारी में आंखों से यदि बार-बार पानी गिरता है और कोई दर्द नहीं होता है तो 2 रत्‍ती फिटकरी को 1 तोला गुलाब के अर्क में घोलकर आंखों में टपकाने और उसमें रूई का फाहा भिगोकर आंख पर रखने से लाभ होता है।

– गुठली निकला हुआ आंवला, पीली हरड़ का छिलका व बहेड़े का छिलका 5-5 तोला मिलाकर कूट-पीस लें। इसे छानकर दूना मधु में मिलाएं और समान मात्रा में घी मिलाकर प्रतिदिन एक तोला खाने से आंखों से पानी गिरना बंद हो जाता है।

8. आंखों के अंदर के दाने

आंखों की पलकों के अंदर कभी-कभी छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं, इन्‍हें रोहे या कुकरे कहते हैं। इस आंखों की बीमारी में इनकी वजह से आंखें लाल हो जाती हैं और पानी गिरता रहता है, आंखें खुजलाती भी हैं। इसके लिए 10 ग्राम रसौत, 3 ग्राम फिटकरी, तीन ग्राम हल्‍दी व व 10 ग्राम गुलाब का अर्क मिलाकर रात को सोते समय किसी शीशे के बर्तन में भिगो दें। सुबह उठकर इन्‍हें खूब मसलकर मोटे कपड़े से छान लें। दिन में पांच-छह बार दो-दो बूंद दोनों आंखों में डालने से रोहे व ढलके ठीक हो जाते हैं।

– माजू को बारीक़ खरल करके पलकों को उलटकर इसे सलाई से रोहों पर लगाएं या चुटकी से छिड़कें, रोहे ठीक हो जाएंगे।

– 6-6 माशा सुहागा व फिटकरी तथा तीन माशा शोरा कलमी को महीन पीसकर रोहों पर छिड़कने से लाभ होता है। थोड़ी देर के बाद ठंडे पानी से धो लेना चाहिए।

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