हमारा शरीर का मकैनिज़्म ऐसा है कि खाने पीने के बाद शरीर ज़रूरी पोषक तत्वों को अवशोषित करके विषैले पदार्थों को मल और मूत्र के मार्ग के से शरीर से बाहर निकाल देती है। इसलिए जब पेशाब लगे तो तुरंत बाथरूम जाना चाहिए। पेशाब को रोकना अच्छी बात नहीं है। ज़रूरत से ज़्यादा पेशाब आना बीमारी या किसी बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। रात को बार बार पेशाब करने के लिए उठना पड़े तो नींद भी खराब हो जाती है। ज़्यादा पेशाब लगने का कारण शारीरिक न होकर मानसिक भी हो सकता है। डर और तनाव के कारण भी यह समस्या हो सकती है। आज का लेख बार बार पेशाब आने के कारण और उसके घरेलू उपचार के बारे में है।
बार बार पेशाब आने के कारण
– ब्लैडर में यूरिन स्टोरेज की क्षमता कम होने या इसके अधिक सक्रिय होने से बार बार पेशाब लगती है।
– डायबिटीज के रोगी को पेशाब अधिक जाना पड़ता है।
– चाय, कॉफ़ी और शराब अधिक पीने से पेशाब ज़्यादा लगती है।
– पेट में कीड़े होने पर भी यूरिन अधिक होती है। ख़ासकर ऐसा बच्चों में देखने को मिलता है।
– प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ जाए तो भी यह परेशानी हो जाती है।
– इलाज के लिए दी जाने वाली दवाइयां भी अधिक बाथरूम जाने का कारण हो सकती है। इसलिए डॉक्टर से इस बारे में बात कीजिए।
– सर्दियों में भी पेशाब अधिक लगती है।
– गर्भाधारण के बाद भी ऐसा होना स्वभाविक है।
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अधिक पेशाब आने पर घरेलू उपाय
– बुज़ुर्गों में बार बार पेशाब आना आम बात है, इसलिए उन्हें रात में सोने पहले छुहारा खाकर दूध पीना चाहिए।
– रोज़ सेब खाने और गाजर का जूस पीने से भी इसका इलाज सम्भव है।
– पालक भी अधिक पेशाब जाने की समस्या को कम करती है। इसलिए शाम को इसकी सब्ज़ी बनाकर खाएं।
– बार बार पेशाब आने की दिक्कत होने पर अंगूर के सेवन से लाभ मिलता है।
– ब्रेकफ़ास्ट करने के बाद आप दो केले खाएं तो अधिक पेशाब आने की समस्या कम हो जाएगी।
– चुटकी भर हल्दी फांककर पानी पीने से ज़्यादा पेशाब आने की शिकायत जाती रहती है।
– मसूर की दाल खाने से इस प्रॉब्लम से छुटकारा मिल सकता है।
– 1 कटोरी मेथी का साग नियमित खाने से भी बार बार पेशाब आने की समस्या नहीं रहती है।
– दिन में 2 बार 3 पिस्ते, 3 मुनक्के और 5 काली मिर्च खाने से आराम मिल जाता है।
– जाड़े के मौसम में तिल के लड्डू बनाकर खाने से पेशाब अधिक आने की समस्या दूर हो जाती है।
– दही खाने से ब्लैडर के हानिकारक बैक्टीरिया की बढ़त कम हो जाती है।
पेशाब बार बार लगने का आयुर्वेदिक उपचार
– छोटे बच्चे बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं। अगर आपको लगे कि वह अधिक पेशाब कर रहा है तो जायफल घिसकर 1/4 चम्मच चटा दें और दूध पिला दें। इससे 3 दिन में लाभ हो जाएगा।
– ताज़े पानी के साथ 5 ग्राम अनार के छिलकों का चूरन दिन में 2 बार लेने पेशाब बार बार लगना कम हो जाता है।
– 1 चम्मच अजवाइन में चुटकी भर नमक मिलाकर पानी के साथ खा लें। दिन में 2 बार इस उपाय को करने से कुछ दिनों में पेशाब ज़्यादा आना कम हो जाएगा।
– खाली पेट 2 तुलसी के पत्ते और 1 चम्मच शहद के नियमित सेवन करने से परेशानी कम हो जाएगी।
– आंवले का चूरन गुड़ साथ लें, नहीं तो 2 आंवले का जूस 4 दिन सुबह शाम पीने से बार बार पेशाब आना कम हो जाएगा।
– गुड़ के साथ भुने चने खाने से भी फायदा होता है। यह 10 दिन करने पर आराम आ जाता है।
– आधा चम्मच खाने का सोडा 1 गिलास पानी में डालकर पीने से यूरिन का पीएच बैलेंस हो जाता है।
– पेशाब ज़्यादा आती है तो चाय, कॉफ़ी, कोल्ड ड्रिंक और बीयर से परहेज़ करना चाहिए। विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से फायदा मिलता है।
पेशाब के रंग से बीमारी की पहचान
पेशाब का रंग स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बताता है। इसलिए यूरिन के कलर से स्वास्थ्य की जानकारी करने के बारे में पता होना चाहिए।
– हल्के पीले रंग की पेशाब हो तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन गहरा पीला रंग शरीर में पानी की कमी को दर्शाता है। पेशाब का रंग गहरा हो तो अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए।
– पेशाब का रंग लाल हो तो डॉक्टरी जांच करनी चाहिए, क्योंकि पेशाब में खून किडनी, ब्लैडर, गर्भाशय, प्रोस्टेट ग्रंथि या किसी और कारण से आ सकता है।
– पेशाब का रंग गहरा लाल हो तो ऐसा गंभीर बीमारी की निशानी है। लीवर में इंफ़ेक्शन, हेप्टाइटिस, सिरोसिस या कोई दूसरी गंभीर बीमारी इसका कारण होती है।
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