हार्निया क्या है और आयुर्वेदिक उपचार

हार्निया क्या है – शरीर के खोखले स्‍थानों में कुछ अंग होते हैं, जिन्‍हें देहगुहा कहते हैं। देहगुहा के ऊपर पतली सी चमड़े की झिल्‍ली होती है। लंबे समय तक खांसते रहने या भारी सामान उठाने से कभी-कभी यह झिल्‍ली फट जाती है जिससे अंग का कुछ भाग बाहर आ जाता है, इसे ही हार्निया रोग _ Hernia Diease कहते हैं।

हार्निया के लक्षण

जब कोई अंग या आंत झिल्‍ली फटने से कुछ बाहर आ जाता है तो वहां एक उभार हो जाता है जिसे आसानी से देखा जा सकता है। देखने से वहां सूजन लगता है और दर्द भी होता है। इस रोग में पेट की त्वचा के नीचे नाभि के निचले हिस्‍से में एक असामान्य उभार आ जाता है। आंत का कुछ भाग पेट की मांसपेशियों के बाहर आ जाता है। इसके अतिरिक्‍त इंगुइंल हर्निया, फेमोरल हर्निया, एपिगास्त्रिक हर्निया, एंब्‍लाइकल हर्निया भी होता, लेकिन आमतौर पर यह कम नज़र आता है। किसी-किसी को जन्‍मजात हर्निया भी हो सकता है, इसे कॉनजेनाइटल हर्निया कहते हैं। एक उम्र के बाद यह किसी को भी हो सकता है।

हार्निया का इलाज
Hernia Hindi

हार्निया का इलाज

प्रारंभिक अवस्‍था में योगासन, प्राणायाम से ठीक हो जाता है लेकिन लंबा खिंच जाने पर इसकी सर्जरी करानी पड़ती है। अगर हर्निया की अभी शुरुआत है तो कपड़ा या बेल्‍ट बांधकर धीरे-धीरे प्राणायाम करने से लाभ होता है। योगासनों में पीछे झुकने वाला आसन नहीं करना चाहिए। हार्निया के लक्षण जब भी दिखें तो तत्‍काल चिकित्‍सक से परामर्श लेना चाहिए। झिल्‍ली को मजबूत करने और प्रारंभिक दौर की हार्निया के लिए कुछ उपायों की चर्चा हम कर रहे हैं, लेकिन बढ़ जाने पर आपरेशन कराना ही पड़ता है। घरेलू उपाय भी हो सकता है कि कभी-कभी विपरीत प्रभाव डाल दें, इसलिए योग्‍य चिकित्‍सक से सलाह लेना बहुत ज़रूरी है।

हार्निया का आयुर्वेदिक उपचार

– आंतों की झिल्‍ली मजबूत करने के लिए अमरूद, आम व यूकेलिप्‍टस के पांच-पांच पत्‍ते लेकर कूट लें और काढ़ा बनाकर पीयें।

– वृद्धि बाधिका वटी, कांचनार गुग्‍गल व सर्वकल्‍प क्‍वाथ आदि के प्रयोग से प्रारंभिक दौर की हर्निया ठीक हो जाती है।

– मार्शमैलो की जड़ ‌_ Marshmallow roots औषधीय गुणों से भरी है। हर्निया में इसके सेवन से लाभ होता है। यह पाचन तंत्र को भी ठीक करती है और इसके सेवन से पेट-आंत में एसिड कम बनता है।

– चूंकि हर्निया की वजह से गैस ज़्यादा बनने लगती है। इसलिए मेंम बबूने का फूल सेवन करने से आराम मिलता है, यह एसिड बनने की प्रक्रिया को धीमा करता है और पाचन तंत्र को ठीक रखता है।

– अदरक की जड़ हार्निया के दर्द को कम करती है तथा गैस्ट्रिक एसिड व बाइल जूस से होने वाले नुकसान से सुरक्षा करती है।

– मुलैठी खाने से हर्निया में लाभ मिलता है। हर्निया निकलने के बाद पेट में जब रेखाएं पड़ जाएं तो इसको आजमाना चाहिए।

हर्निया के घरेलू उपचार

– एकक्‍यूप्रेशर, एक्‍यूपंचर आदि के माध्‍यम से भी हार्निया में तत्‍काल लाभ हो जाता है। यदि नियमित कुछ समय तक योग्‍य चिकित्‍सक की देखरेख में इसका प्रयोग किया जाए तो हर्निया ठीक भी हो सकता है।

– हार्निया वाले स्‍थान को बर्फ से दबाने से आराम मिलता है और सूजन भी कम होता है।

– एक हर्बल सप्‍लीमेंट है- हावथोर्निया। यह पेट के अंदर के अंगों की सुरक्षा करता है और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। हार्निया की रोकथाम में यह कारगर है।

ज़रूरी परहेज़

– यदि हार्निया हो गया है तो शराब पीना बंद कर दें।

– ज़्यादा तंग कपड़े पहनने से परहेज करें।

– कसरत व व्‍यायाम न करें।

– तकिया कम से कम छह इंच ऊंची लगाएं, ताकि पेट में गैस न बनने पाए।

– हर्निया वाले स्‍थान को गर्म कपड़े या अन्‍य गर्म पदार्थ से कभी सेंके नहीं।

– एक बार में ज़्यादा भोजन न लें, थोड़ा-थोड़ा करके दिन में कई बार भोजन लें।

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