बहुत सी बीमारियों में हमारा किचेन तत्काल मदद कर देता है, लेकिन यदि हम किचेन में मौजूद सामानों के औषधीय गुणों से अपरिचित हैं तो छोटी-छोटी बीमारियों के लिए चिकित्सालय की शरण लेनी पड़ती है। आज हम ऐसे कुछ नुस्खे बताएंगे जो आपको कई तरह की बीमारियों का इलाज करके तत्काल लाभ पहुंचाएंगे।

तरह तरह के दर्द का इलाज
– बराबर-बराबर मात्रा में लौंग, सौंफ, छोटी इलायची व थोड़ा सा खोपरा लेकर कूट-पीस लें। इसे मुंह में रखने से दांत मजबूत होते हैं और मुंह से बदबू नहीं आती।
– दांत में दर्द हो रूई के फाहे में लौंग का दो बूंद तेल लगाकर दांत पर दबा लें। दर्द तुरंत भाग जाएगा।
– दांत दर्द में दांत के नीचे प्याज का टुकड़ा रखने से दर्द दूर भाग जाता है।
– सिर दर्द में नारियल के तेल में लौंग के तेल की 8-10 बूंदें मिलाकर सिर की मालिश करने से आराम मिल जाता है।
– प्याज के रस से मालिश करने से गठिया का दर्द दूर होता है।
पेट की समस्याओं का उपचार
– दस ग्राम लौंग, दस ग्राम छोटी हरड़ व दस ग्राम सेंधा नमक मिलाकर पीस लें। खाना खाने के बाद एक चम्मच यह चूर्ण पानी के साथ लेने से पेट की बीमारियों का इलाज होता है।
– हरी इलायची का भस्म व मधु चटाने से उल्टी तत्काल बंद हो जाती है। भस्म बनाने के लिए छिलके सहित हरी इलायची आग में जलाकर राख कर लें और उसमें मधु मिलाकर चटा दें।
– पतला दस्त आ रहा है तो प्याज के रस का नाभि पर लेप करना चाहिए।
– प्याज के रस में जरा सा नमक मिलाकर सेवन करने से अपच की समस्या दूर होती है।
– जी मिचलाने या उल्टियां होने पर नमक के साथ प्याज खाने पर आराम मिलता है।
– सीने में जलन का मुख्य कारण अपच है। इसके अलावा ज़्यादा चाय पीने व ज़्यादा भोजन करने से भी सीने में जलन हो सकती है। सीने में जलन का मतलब भोजन नली में तेज़ाब ज़्यादा आ रहा है। भोजन की नली व अमाशय के बीच पेशी का एक वाल्व होता है जो चीज़ों को भोजन की नली से अमाशय की ओर जाने देता है। जब चीज़ें अमाशय में पहुंच जाती हैं तो यह वाल्व उन्हें पुन: भोजन नली में नहीं आने देता। कई बार लिए गए भोजन के चलते इस वाल्व में कुछ गड़बड़ी आ जाती है जिससे अमाशय में बना अम्ल भोजन की नली में आने लगता है और सीने में जलन होने लगती है। जब जलन हो तो तली हुई वसायुक्त चीज़ें न खाएं। भोजन कम करें। सोते वक्त यदि जलन हो रही है तो छह इंच ऊंची तकिया लगाकर सोएं।
आंखों का उपचार
– 10 ग्राम हरी इलायची छिलका सहित, 20 ग्राम सौंफ व 40 ग्राम मिसरी मिलाकर बारीक पीस लें। सुबह एक चम्मच चूर्ण दूध के साथ लेने से आंखों की ज्योति बढ़ती है और हृदय को शक्ति मिलती है।
– नेत्र ज्योति बढ़ाने में प्याज का सेवन कारगर है।
अन्य बीमारियों का इलाज
– दमा रोग में सफेद प्याज के रस में मधु मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है। साथ ही शरीर में ख़ून की कमी दूर हो जाती है।
– कच्चे प्यास का सेवन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
– प्याज खाने से मानसिक तनाव दूर होता है।