पान में ग़ज़ब की शक्ति होती है। ख़ासतौर यह हाजमे को ठीक रखता है, इसीलिए खाना खाने के बाद पान खाने का चलन है। आमतौर लोग पान के पत्ते में सुपारी या सुपारी व तंबाकू डालकर खाते हैं। यदि पान और काली मिर्च को एक साथ खाया जाए तो मात्र आठ हफ़्तों में मोटापा कम हो जाता है। काली मिर्च में मौजूद पीपेरिन व पायथोन्यूट्रियंट्स शरीर में फ़ैट जमने नहीं देते और धीरे-धीरे वज़न कम होने लगता है।

पान के पत्ते का गुण
एक अध्ययन में पाया गया कि पान के पत्ते मेटाबॉलिज्म बढ़ाते हैं और पाचन क्रिया को सही रखते हैं। गैस बनने की प्रक्रिया की रोकथाम करते हैं। जब हम खाना खाने के बाद पान के पत्ते को मुंह में डालते हैं तो यह तुरंत लार बनाने लगता है जो खाना पचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खाना पचाने के अलावा यह शरीर के विजातीय व विषैले तत्वों को बाहर निकालने में भी मदद करता है। पान खाने से कब्ज़ नहीं होता।
आयुर्वेद के अनुसार पान के पत्ते शरीर से मेधा धातु यानी बॉडी फ़ैट को निकालते हैं इससे मोटापा कम होता है। सुबह नाश्ते के बाद पान के पत्ते में काली मिर्च डालकर खाने से यूजीनॉल अवयव के कारण भूख खुलकर लगती है। रात को सोने से पहले पान के पत्ते में नमक व अजवायन डालकर मुंह में रखने से अच्छी नींद आती है।
काली मिर्च के गुण
काली मिर्च में पीपेरिन व पायथोन्यूट्रियंट्स होते हैं जो फ़ैट को कम करते हैं। पीपेरीन तत्व पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। काली मिर्च मूत्र व पसीने के माध्यम से अत्यधिक पानी व गंदगी शरीर से निकाल देती है।
पान और काली मिर्च का प्रयोग
आठ सप्ताह तक रोज़ सुबह खाली पेट एक पान के पत्ते में 5 दाना काली मिर्च डालकर धीरे-धीरे चबाएं और उसकी लार को निगलते जाएं। पान का पत्ता ताज़ा हरा व नाज़ुक होना चाहिए। यदि पत्ता सूख गया हो या पीला पड़ गया तो उसे न खाएं क्योंकि उसके औषधीय गुण जा चुके होते हैं।
मुलेठी और पान का पत्ता
यदि गला बैठ गया हो तो पान के पत्ते में मुलेठी का चूर्ण रखकर खाने से आराम मिलता है। रात को सोते समय एक ग्राम मुलेठी मुंह में रखकर कुछ देर चबाने और वैसे ही मुंह में रखकर सो जाने से भी आराम मिलता है सुबह सोकर उठेंगे तो गला साफ़ मिलेगा। इसके सेवन से गले के दर्द व सूजन में भी लाभ होता है।