खुजली रोग गंभीर रोगों में नहीं गिना जाता, शायद यही कारण है कि हम इसे शुरू में गंभीरता से नहीं लेते और एक समय आता है जब खुजली हमें परेशान करने लगती है। खुजली का इलाज न करने पर खुजलाते-खुजलाते यह दाद व एक्जिमा _ Eczema का रूप से ले लेती है। अजीब स्थिति तब उत्पन्न हो जाती है जब हम चार लोगों के बीच में बैठे होते हैं और खुजली शुरू हो जाती है। खुजली की अचूक दवा तेल हैं, ये त्वचा की नमी भी बनाए रखते हैं और खुजली भी दूर कर देते हैं। आइए खुजली ठीक करने के उपाय जानें।
खुजली का इलाज
चर्मरोग नाशक तेल
चर्मरोग नाशक तेल घर पर बनाएं और इसे लगाकर खुजली से आराम पाएं। खुलजी, दाद व किसी भी चर्मरोग में यह तेल लाभकारी है। इसे पूरे शरीर में लगाया जा सकता है।
सामग्री– नीम की छाल, चिरायता, हल्दी, लाल चंदन, हरड़, बहेड़ा, आंवला, अड़ूसे के पत्ते (सभी 25-25 ग्राम) लें और इसके कुल वज़न का चार गुना तिल का तेल लें और तिल के तेल का चार गुना पानी लेकर रख लें।
बनाने का तरीका– तिल्ली के तेल को छोड़कर सभी सामान 5-6 घंटा पानी में भिगो दें। इसके बाद इसे पीसकर कल्क बना लें। इसे पूर्व से रखे गए तिल के तेल में मिला दें और किसी बड़े बर्तन में रखकर उसमें पानी मिला दें। अब धीमी आंच पर पकाएं। जब पानी पूरा जल जाए और केवल तेल ही बचे तो आग से उतार लें और ठंडा होने पर किसी शीशी में भरकर रख लें। आपका चर्मरोग नाशक तेल बनकर तैयार हो गया।
कनेर का नुस्खा
– सौ ग्राम कनेर का पत्ता लेकर उसे आधा लीटर सरसो के तेल में उबालें। जब तेल आधा बचे तो आग से उतार लें और ठंडा होने पर किसी शीशी में भरकर रख लें। इसे नियमित लगाने से खुजली के साथ ही अन्य त्वचा रोग भी दूर होते हैं।
– सरसों के तेल में कनेर के पत्तों को भूनकर खुजली वाले स्थानों पर मलने से भी खुजली दूर होती है।
– एक पाव तिल का तेल लें और उसमें कुछ कनेर के पत्तों को खूब पका लें। यह तेल सूखी व गीली दोनों तरह की खुजली को दूर करता है।
खुलजी के घरेलू उपाय
– मुल्तानी मिट्टी व नीम की पत्ती का लेप सप्ताह में दो बार लगाने से खुजली में आराम मिलता है। इसे लगाने के कुछ देर बाद ठीक से धो लेना चाहिए।
– नारियल तेल को हल्का गर्म कर लें और उसमें कपूर मिला लें। यह तेल लगाने से भी खुजली शीघ्र ही दूर हो जाती है।
– जनेंद्रिय पर यदि खुजली है तो गर्म पानी में फिटकरी मिलाकर धोना चाहिए।
– दो चम्मच नारियल तेल में एक चम्मच टमाटर का रस मिलाकर खुजली वाले स्थानों पर मालिश करें। उसके कुछ देर बार गर्म पानी से नहा लें। एक सप्ताह के प्रयोग से खुजली चली जाएगी।
– गेहूं के आटे को पानी में घोलकर लगाने से भी अनेक प्रकार के चर्म रोग विदा हो जाते हैं। आग से चले हुए घाव में भी लाभ होता है।
– सुबह ख़ाली पेट 30-35 ग्राम नीम का रस पीने से चर्म रोग ठीक होते हैं और उनकी रोकथाम भी होती है। यह रक्त को साफ़ करता है।

सावधनियाँ
खुजली का इलाज करने पर निम्न सावधानियां बरतनी चाहिए।
– साफ़-सफ़ाई का पूरा ध्यान रखें।
– साबुन का इस्तेमाल बंद कर दें या नीम के साबुन का इस्तेमाल करें।
– जिन सुगंधित पदार्थों क्रीम, लोशन, शैंपू आदि से एलर्जी से हो उससे बचें।
– यदि कब्ज़ है तो उसकी दवा कराएं।
– मिठाई या मीठी चीजों से परहेज़ करें। परवल, शाक, टमाटर व नींबू रस का सेवन करें।