इस पोस्ट के ज़रिये एक साथ ब्लड कैंसर व पानी से एलर्जी की होम्योपैथिक दवा के बारे में चर्चा करने जा रहा हूँ। यह इसलिए कि ये दोनों समस्याएँ एक साथ एक ही परिवार में दो लोगों को थीं। पति ब्लड कैंसर से पीड़ित था और पत्नी पानी की एलर्जी से। बड़े-बड़े चिकित्सा संस्थानों में दवा कराने के बाद उन्होंने वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों की शरण ली। अंतत: होम्योपैथ ने उन्हें पूरी तरह रोग मुक्त कर दिया।
कैस स्टडी
यह केस सात समुद्र पार का है। पति- पत्नी दोनों विदेश रहते हैं और दोनों अच्छी जॉब में थे, पैसे की कमी नहीं थी। इसलिए देश-विदेश में जहाँ किसी ने सलाह दी, वे दवा कराए लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। अमेरिका, जर्मनी आदि में उन्होंने दवा करा ली थी, कीमो थेरेपी कराई लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। वज़न लगातार कम होता जा रहा था। अंतत: वे भारत लौटे और बहुत भटके। भटकते-भटकते उनकी मुलाकात एक होम्योपैथिक चिकित्सक से हो गई। भारत इस उम्मीद में आए थे कि शायद कोई साधु-महात्मा मिल जाए और जादू जैसे आशीर्वाद से उन्हें ठीक कर दे। उनकी पत्नी की भी हालत ठीक नहीं थी, थोड़ा भी पानी में हाथ पड़ता था तो सूजन आ जाती थी। नहाना तो उनके लिए जैसे अभिशाप हो गया था। उसे पानी से एलर्जी थी।
ब्लड कैंसर – सफल इलाज
होम्योपैथिक चिकित्सक ने उनके रोग की हिस्ट्री व लक्षणों का परीक्षण किया। एक बात साफ़ हो गई थी कि उनका ब्लड कैंसर रोग अनुवांशिक नहीं था। शरीर में रासायनिक विष की अधिक मात्रा प्रतीत हुई। पहले दिन सुबह उन्होंने ‘सल्फर200‘ की एक खुराक और रात को ‘नक्सबोमिका 200‘ की एक खुराक दी। दूसरे दिन से ‘कार्सीनोसिन 1000‘ सप्ताह में आधे-आधे घंटे पर दो बार तथा ‘फेरम सायनाइड 30‘ और ‘आसैनीकम एल्बम 30‘ दिन में दो बार लेने के लिए दवा दी। कुल दवा एक माह की थी। पंद्रह दिन में ही दवा का असर दिखने लगा, शरीर में स्फूर्ति आने लगी और कमज़ोरी कम होने लगी। क़रीब एक साल तक उनकी दवा चली और वे पूरी तरह ठीक हो गए।
पानी से एलर्जी – सफल इलाज
पत्नी को पानी से एलर्जी थी। उनकी स्थिति भी बहुत ख़राब थी। सामान्य तौर पर देखने से वह स्वस्थ थीं लेकिन पानी उनका दुश्मन था। यहाँ तक पानी पीना होता था तो बीयर पीती थीं। पानी से हल्का भी शरीर से टच हो जाता था तो दिक्कत शुरू हो जाती थी। चिकित्सक ने उन्हें रोग की हिस्ट्री व लक्षणों के आधार पर ‘केल्केरिया कार्ब 1000‘ की दो खुराक प्रति सप्ताह लेने के लिए दी। पंद्रह दिन में ही उनकी एलर्जी ख़त्म हो गई।
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