पुरुषों में भी संभव है स्तन कैंसर

स्तन कैंसर आमतौर पर महिलाओं की बीमारी है लेकिन यह पुरुषों में भी संभव है। एक प्रतिशत पुरुषों में भी स्‍तन बढ़ने की समस्‍या आ रही है। दूषित खान-पान व हार्मोंस इंजेक्सन द्वारा उगाई गई सब्ज़ियां ये समस्‍या उत्‍पन्‍न कर रही हैं। पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर की समस्‍या आमतौर पर 19 से 25 वर्ष के बीच देखने को मिल रही है लेकिन अधिक उम्र के पुरुषों में भी यह समस्‍या हो सकती है। पुरुषों में स्‍तन बढ़ने के बाद जब दर्द शुरू होता है तो स्थिति विकट हो जाती है। हालांकि स्‍तन वृद्धि का हर मामला कैंसर से सं‍बंधित नहीं होता है, फिर भी जब भी ये बढ़े या दर्द हो तो किसी योग्‍य चिकित्‍सक से परामर्श कर लेना चाहिए।

पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के कारण

पुरुषों में भी महिला हार्मोंस होते हैं लेकिन बहुत कम मात्रा में। पुरुषों में स्‍तन वृद्धि में उसके शरीर के भीतर स्थित पुरुष और महिला होर्मोंस एंड्रोजेंस और ऑस्ट्रोजेन का अंसुलन ज़िम्‍मेदार होता है। मेडिकल साइंस इसे गाइनेकोमैस्टिया कहता है। जब पुरुष का शरीर महिला होर्मोंस के प्रति ज़्यादा संवेदशनशील होता है तब ये असुंतलन पैदा होते हैं, हालांकि ऐसे मामले दुर्लभ हैं। अधिकतर मामलों में इसका कारण ख़राब पोषण, स्टेरॉयड व शारीरिक अक्षमता होती है। दूध देने वाले व नॉन वेज के रूप में प्रयोग किए जाने वाले जानवरों के अधिक उत्‍पादन व वृद्धि के लिए उन्‍हें दिये जाने वाले ग्रोथ हार्मोंस भी इस असंतुलन के ज़िम्मेदार होते हैं। अधिक स्टेरॉड्स युक्त न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स का प्रयोग करने से भी पुरुषों में स्‍तन वृद्धि और ब्रेस्ट कैंसर संभव है। इनके प्रयोग से शरीर में एंड्रोजेंस पैदा होने लगता है जो पुरुषों में स्‍तन वृद्धि में सहायक होता है।

पुरुष स्तन कैंसर
Breast Cancer in Men

स्तन कैंसर के लक्षण

– ब्रेस्ट में गांठ बनने लगती है और धीरे-धीरे बढ़ने लगती है।

– असामान्‍य तरीक़े से स्‍तन का बढ़ना।

– स्‍तन के आसपास सूजन होना।

– निप्पल का लाल होना, उससे ख़ून आना, उसका आकार बढ़ना और बिगड़ना।

स्तन कैंसर व आहार

एक अध्‍ययन के अनुसार भारत में ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्‍या 25 से 31 प्रतिशत और पुरुषों की संख्‍या 1 प्रतिशत है। कुछ ऐसे फल, सब्ज़ियां व दाल हैं जिनका प्रयोग कर हम कैंसर के ख़तरे से बच सकते हैं। ख़ासतौर से पुरुष स्तन कैंसर से बचने के लिए इसका नियमित प्रयोग करना चाहिए।

1. पीले व नारंगी रंग के फल

पीली शिमला मिर्च, कद्दू व खरबूजा में मौजूद स्‍ट्रांग एंटी-ऑक्सीडेंट स्तन कैंसर के कारकों को शरीर से बाहर करता है। अपने आहार में नियमित एक पीला फल या सब्ज़ी शामिल कर स्तन कैंसर के ख़तरे से बचा जा सकता है। इसके अलावा हरी सब्ज़ियों में ब्रोकली व गोभी आदि कैंसर के सेल्‍स को हटाती हैं।

2. दालें

दालों में फायबर की मात्रा अधिक होती है जो बैड एस्‍ट्रोजेंस को शरीर से बाहर निकालता है। महिलाओं में स्तन कैंसर का एक कारण बैड एस्‍ट्रोजेंस का ज़्यादा निर्माण भी है। इसलिए दाल, चावल, ओट्स और अन्‍य अनाज खाने से स्तन कैंसर की रोकथाम होती है। फ़ाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्‍त करने के साथ ही टॉक्सिंस (विषैले तत्त्व) को भी शरीर के बाहर निकालता है।

3. अनार

आयरन व एंटी ऑक्‍सीडेंट्स से भरपूर अनार स्तन कैंसर होने कारक एस्ट्रोजेन्स आदि के निर्माण की रोकथाम करता है। अनार के दानें भी खाए जा सकते हैं और इसका जूस भी प्रयोग किया जा सकता है।

4. बेरी

बेरी (एवोकैडो, बरबेरी, ब्लूबेरी, अंगूर, स्ट्राबेरी और क्रैनबेरी आदि) में इलाजिक एसिड होता है जो स्तन कैंसर की आशंका को कम करता है। बेरी का प्रयोग अन्‍य प्रकार के कैंसर की भी रोकथाम करता है।

5. अखरोट

अखरोट में मौजूद एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण ट्यूमर को बनने से रोकते हैं जो कैंसर का प्रमुख कारण है। इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्‍व भी होते हैं जो स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभदायक हैं। नाश्‍ते में अंकुरित अनाज के साथ भी इसे खाया जा सकता है।

व्‍यायाम

– नियमित व्‍यायाम करें। इससे शरीर स्‍वस्‍थ रहेगा।

– शराब व सिगरेट आदि से दूर रहें।

– हार्मोन्स रिप्लेसमेंट थेरेपी करवाने से बचें। इससे स्तन कैंसर के ख़तरे बढ़ते हैं।

– महिलाएं अपने बच्‍चों को पर्याप्‍त स्‍तनपान कराएं। स्‍तनपान न कराना भी स्तन कैंसर को आमंत्रण है।

– थोड़ा भी लक्षण दिखे तो योग्‍य चिकित्‍सक से संपर्क करें।

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