कॉन्डम का प्रयोग और साइड इफ़ेक्ट

अनचाहा गर्भ ठहरने की शंका और डर के अनेक समाधानों में से एक समाधान है कॉन्डम का प्रयोग करना। प्रश्न ये उठता है कि क्या वाक़ई कॉन्डम का प्रयोग स्वास्थ्य की दृष्टि से शत प्रतिशत सुरक्षित है। अगर आप सेक्स करते समय कॉन्डम प्रयोग करते हैं और अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत नहीं हैं तो आपको इस बारे में दुबारा सोचना चाहिए। आज हम आपको कॉन्डम के बारे में कुछ ऐसी बातें बताने वाले हैं जिससे आपका कॉन्डम प्रयोग करने के प्रति विचार तक बदल सकता है।

condom health hazards

कॉन्डम का प्रयोग और सावधानी

1. लेटेक्स से एलर्जी

शायद आपको पता ही होगा कि अधिकांध कॉन्डम लेटेक्स से बने होते हैं। यह पेड़ों से प्राप्त होने वाला एक तरह का रबर होता है। द अमेरिकन एकैडमी ऑफ़ एलर्जी अस्थमा एंड इम्यूनोलॉजी के रिसर्च के अनुसार कुछ लोगों को लैटेक्स के प्रयोग से एलर्जी हो सकती है। इन लोगों को सिंथेटिक कॉन्डम का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। साथ ही आपको कॉन्डम का प्रयोग करने से पहले उसके प्रयोग की अंतिम तिथि अवश्य जांच लेनी चाहिए।

2. गर्भधारण का डर

कॉन्डम पहनकर सेक्स करने के बाद गर्भधारण नहीं होगा ऐसी मान्यता बिल्कुल ही ग़लत है। अगर आप इसके प्रयोग में असावधानी बरतेंगे तो गर्भधारण का डर बना ही रहेगा। इसलिए अपनी आँखें और दिमाग़ खोलकर ही इसका प्रयोग करें और प्रयोग के बाद ठीक से डिस्पोज़ कर दें।

कॉन्डम का प्रयोग

3. ओवरियन कैंसर का डर

कॉन्डम में प्रयोग किए जाने वाले रसायनों और ल्यूब्रिकेंट से कुछ महिलाओं को ओवेरियन कैंसर भी हो सकता है जिससे बांझपन की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए प्रयोग के समय अथवा बाद में कोई अवांछनीय परिवर्तन जैसे लाल चकते, जलन, सूजन आदि नज़र आये तो डॉक्टरी सलाह अवश्य लें ।

4. यौन संचरित रोग का डर

आप कॉन्डम का प्रयोग करके एड्स जैसे रोग से सुरक्षित रहते हैं लेकिन बहुत से यौन संचरित रोग यानि सेक्शूअली ट्रांसमिटेड डिसीज़ होने का ख़तरा बना रहता है। क्योंकि बाहरी त्वचा तो आपसी सम्पर्क में रहती है जिससे इंफ़ेक्शन फैल जाता है।

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