यदि दांतों में पस हो तो मुँह में भयंकर पीड़ा होती है। यह संक्रमण के चलते होता है। जैसे-जैसे पस बनता जाता है, वैसे-वैसे पीड़ा बढ़ती जाती है मसूढ़ों में जलन व टूटे हुए दांतों के कारण अंदर पस बन जाता है जो असहनीय दर्द को जन्म देता है। जब पस बन जाता है तो उसमें बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं और अपना विस्तार करने लगते हैं, इससे दांतों को सहारा देने वाली हड्डियां संक्रमित हो जाती हैं। समय से इसका इलाज न हो तो यह कई रोगों का कारण बन सकता है और जीवन को ख़तरा उत्पन्न हो सकता है।
दांतों में पस के लक्षण
– कुछ खाने पर संक्रमित दांत में दर्द हो
– मुंह में ख़राब स्वाद वाले तरल पदार्थ स्रवित हों
– साँसों की बदबू
– मसूढ़े लाल हो जाएं
– मुंह खोलने में दर्द हो
– संक्रमित क्षेत्र में सूजन
– कुछ निगलने में परेशानी
– चेहरे पर सूजन आदि इसके मुख्य लक्षण होते हैं।
दांतों में पस होने के कारण
– मसूढ़ों के रोग
– मुँह की सफ़ाई में अनियमिता
– इम्यून सिस्टम कमज़ोर होना
– टूटते दाँत
– दांतों में इंफ़ेक्शन
– बैक्टीरिया का विकास
– कार्बोहाइड्रेट युक्त और चिपचिपा भोजन
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दांतों में पस का उपचार
– कच्चे लहसुन की एक कली का रस निचोड़ कर दर्द के स्थान पर लगाएं। तत्काल राहत मिलेगी।
– लौंग के तेल से दांतों पर हल्की मालिश करें, इसके बाद ब्रश दांतों पर हल्का घुमाएं, इससे तेल दांतों के बीच चला जाएगा और दर्द को दूर भगा देगा।
– एक चम्मच नारियल का तेल मुंह में डालें, आधा घंटे तक इसे मुंह में रखें। इसके बाद थूक कर कुल्ला कर लें। आराम मिलेगा।
– दांतों में पस होने पर पिपरमिंट तेल से भी दांतों पर हल्की मालिश करने से तत्काल आराम मिलता है।
– एक चम्मच सेब का सिरका कुछ देर के लिए अपने मुंह में रखें, फिर इसे थूक दें। इससे पस व मसूढ़ों की सूजन में आराम मिलेगा।
– गुनगुने पानी में नमक मिलाकर कई बार गरारा करने से 90% तक आराम मिल जाता है।
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