गर्भधारण के पश्चात स्त्री की देखभाल

जब एक स्त्री माँ बनती है तो उसे दैविक अनुभव होता है। इस अवस्था में आवश्यक होता है कि घर की कोई अनुभवी महिला गर्भवती स्त्री की देखभाल और मार्गदर्शन करे। पहली बात माँ बनने पर शरीर में हो रहे बदलावों को लेकर और गर्भ में पलने वाले शिशु के बारे में कई प्रश्न उठते है। घर की अनुभवी महिलाएँ जैसे सास, जेठनी, ननद आदि उसे इन प्रश्नों के उत्तर देकर संतुष्ट कर सकती हैं। आज के समय में संयुक्त परिवार कम ही रह गए हैं। इसलिए एकल परिवार जहाँ केवल पति पत्नी रहते हों, उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए गर्भधारण के बाद स्त्री की देखभाल करने की जानकारी लेते हैं।

गर्भधारण के संकेत

Signs of Pregnancy
– जी मिचलाना, उल्टी आना प्रारम्भिक लक्षण होते हैं।
– एक महीने बाद पीरिड्स बंद हो जाते हैं।
– महिलाओं को गर्भधारण के पहले 3 महीनों में सुबह-सुबह उल्टी आ सकती है।
यदि आपको इनमें से कोई लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो प्रेग्नेंसी किट द्वारा जांच करनी चाहिए। अगर परिणाम हाँ में आता है तो आपको डॉक्टरी परामर्श के अनुसार चलना चाहिए। साथ ही प्रेग्नेंसी कैल्कुलेटर का प्रयोग करना चाहिए।

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गर्भधारण करने के बाद सावधानियां

Pregnancy Healthcare Tips in Hindi
१. इस अवस्था में शरीर की नसें और जोड़ कमज़ोर हो जाते हैं। इसलिए कोई भारी सामान न उठाएं, न ही खिसकाएं।
२. गर्भवती स्त्री को हर प्रकार की मानसिक परेशानियों से दूर रहना चाहिए। टेंशन में रहना बच्चे के लिए नुक़सानदायक है।
३. अच्छे विचारों वाली पुस्तकें पढ़ें, ख़ुश रहने की कोशिश करें, मन में नकारात्मक विचार न लाएं, लड़ाई झगड़े और विवाद से बचें। टीवी पर कोई डरावने और मानसिक दबाव डालने वाले सीरियल्स न देखें।
४. गर्भधारण के बाद केवल सपाट चप्पल ही पहनें। हाई हिल्स पहनने के लिए सारी उम्र पड़ी है। अगर फिसल गए तो आपको और होने वाले बच्चे को नुक़सान पहुंच सकता है।
५. गर्भवती महिला को डाइट चार्ट के अनुसार स्वास्थवर्धक भोजन करना चाहिए। पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड खाने से बचना चाहिए। बाहर की तली भुनी चीज़ें जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, चाउमीन आदि फ़ास्ट फ़ूड बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। इससे गर्भ में पल रहे शिशु के विकास पर विपरीत असर पड़ सकता है।
६. दूसरों की कही सुनी बातों पर विश्वास न करें। डॉक्टरी परामर्श और लिखी हुई दवाओं का ही प्रयोग करें।
७. 18 सप्ताह पूरे कर चुकी गर्भवती स्त्री को लम्बी यात्रा नहीं करनी चाहिए। बाइक और स्कूटी पर भी नहीं बैठना चाहिए।
८. अधिक देर तक खड़े रहना नुक़सानदायक है। इसलिए जॉब से छुट्टी ले लें और किचेन में खाना ज़मीन पर बैठकर बनाएं। जीने और सीढ़ी पर बार बार न चढ़े उतरें।
९. खुले और ढीले ढाले कपड़े पहनें और कसे हुए कपड़े पहनना से नुक़सान होगा।
१०. गर्भधारण करने के बाद शराब और सिगरेट को भूल जाएं। अगर घर में कोई और पीता है तो उसे भी मना करें।

Reading Healthcare Tips for Pregnant Woman…

११. गर्भावस्था के समय शारीरिक संबंध बनाते समय अतिरिक्त सावधानियां रखें।
१२. हल्के व्यायाम करने शरीर स्वस्थ रहता है और मानसिक तनाव घट जाता है। टहलने की आदत बनायें और गर्मियों में घर के अंदर ही रहें।
१३. सोने का समय बनाएं और कम से कम 10 घंटे की नींद ज़रूर लें।
१४. गर्भधारण के बाद होने वाली कमज़ोरी के कारण पैरों और टखनों में जलन हो सकती है। जिसके लिए आपको पैर तकिए पर रखकर सो सकते हैं। जहाँ तक संभव हो आरामदायक जूते पहनिए।
१५. इस अवस्था में साफ़ सफ़ाई का पूरा ख़याल रखना चाहिए। किचेन और खाने के बर्तनों को स्वच्छ रखें। खाने के बर्तनों को गर्म पानी से धोकर प्रयोग करें।
१६. अच्छी यादें बनाने का प्रयास करें। इससे आपको सुखद परिणाम मिलेंगे। कई बार गर्भावस्था लंबी लगती है लेकिन अच्छी बातों के बारे में सोचकर आपको समय बिताना चाहिए।
१७. गर्भावस्था के 19 सप्ताह पूरे करने के बाद घर में अकेले नहीं रहना चाहिए। हो सके तो मायके या ससुराल से किसी को साथ रहने के लिए बुला लें।
१८. गर्भधारण के बाद स्वाभाव रूखा और चिड़चिड़ा होना आम बात है। पर इस बात को समझकर आपको सबके साथ प्यार और अपनेपन के साथ रहना चाहिए। कहा सुनी हुई तो आपकी टेंशन भी बढ़ेगी।

प्रसव के बाद आहार

Diet after Delivery
प्रसव के बाद आहार ऐसा हो, जिससे माँ और संतान दोनों के लिए पौष्टिक हो। अधिक पोषक तत्वों वाला आहार खायें। घी, मक्खन, डालडा, तली भुनी चीज़ें और अधिक मिर्च मसाले वाली चीज़ें न खाएं।
– हरी सब्ज़ियां, ताज़े फल और कम चर्बी वाले दुग्ध पदार्थों का खाएं।
– मांसाहार करने वाली स्त्रियां अंडे और मछली खा सकती हैं। मछली में ओमेगा 3 और अंडे से प्रोटीन प्राप्त होता है। अंडे की ज़र्दी यानि पीले वाले भाग को न खाएं। इसमें चर्बी और कोलेस्ट्रोल अधिक होता है।
– दालिया फ़ाइबर और आयरन का प्रचुर स्रोत है। इसे खाने से पाचन क्रिया ठीक रहती है और शरीर में ख़ून भी बढ़ता है।
– पालक खाने से भी शरीर में रक्त वृद्धि होती है और हड्डियां मजबूत बनती हैं। आप इसे सब्ज़ी या सूप बनाकर खा पी सकती हैं।
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