माँ बनने का एहसास इतनी सुखद अनुभूति कराता है कि इस अवस्था में महिलाएं कई सुंदर सपने बुनने लगती हैं। सपने सच तभी होंगे जब गर्भवती को गर्भावस्था के लिए आहार के बारे में समुचित जानकारी होगी। अपना उचित ख़याल रख ही आप स्वस्थ गर्भावस्था को सच कर सकती हैं। गर्भावस्था के समय एक महिला को उचित आहार और खान पान का सेवन करना चाहिए क्योंकि शिशु का विकास गर्भावस्था के समय से सही मात्रा में लिए गए उचित पोषण पर निर्भर करता है।
एक गर्भवती महिला के भोजन में सामान्य महिला के तुलना रोज़ाना 350 से 500 कैलोरी ज़्यादा होनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान कैलोरी ही नहीं बल्कि प्रोटीन, विटामिन और मिनिरल्स खाकर फ़ोलिक एसिड और आयरन की मात्रा को भी संतुलित रखना चाहिए। अगर खाने में पोषक तत्वों की कमी हो जाए तो यह शिशु के विकास में बाधक बन सकती है। इसलिए ज़रूरी हैं कि गर्भावस्था में उचित आहार और खानपान का सेवन करें ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।
गर्भावस्था के लिए आहार का सही ज्ञान
What to Eat During Pregnancy
1. दुग्ध उत्पाद ○ Dairy products
गर्भावस्था के समय माता और भ्रूण का शारीरिक विकास आहार में प्रोटीन की मात्रा पर निर्भर करता है।
महिलाओं को बोन डेंसिटी बढ़ाने और शिशु की हड्डियों के निर्माण के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है।
डेयरी उत्पाद में Casein और Whey दो तरह के प्रोटीन होते हैं। इसके अलावाअ दुग्ध उत्पादों में कैल्शियम, फ़ास्फ़ोरस, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, मैग्नीशियम और ज़िंक भी मौजूद होता है।
दूध से बनने वाले सभी खाद्य – दूध, दही, छाछ, पनीर, खोया आदि सब डेयरी उत्पाद हैं। गर्भावस्था के समय इन्हें अपने दैनिक आहार में अवश्य सम्मिलित करें। एक विशेष प्रकार के एंजाइम की कमी के कारण कुछ महिलाओं को लैक्टोज असहिष्णुता के कारण दूध न पचने की शिक़ायत हो जाती है।
जिन गर्भवती महिलाओं दूध न पचने की शिक़ायत हो उन्हें प्रोटीन और कैल्शियम के दूसरे स्रोत खाने चाहिए, जैसे हरी सब्ज़ियां, सोया दूध, टोफ़ू, मछली, तिल, मेवे और साबुत अनाज आदि।
2. कई तरह के दाल ○ Legumes
विभिन्न प्रकार की दाल – चना, राजमा, मूंगफली, बीन्स, सोयाबीन, मूंग और भी बहुत सारी दालें।
इन दालों में फ़ाइबर, प्रोटीन, फ़ोलेट (Vitamin B9), आयरन और कैल्शियम की मात्रा भरपूर रहती है। जो गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद ज़रूरी है
अतः वे इन्हें अपने आहार में अवश्य शामिल करें, ताकि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ बने रहें।
गर्भावस्था की पहली तिमाही में फ़ोलेट (विटामिन B9) का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। इसलिए विभिन्न प्रकार की दालों को अपने भोजन में ज़रूर शामिल करें। फ़ोलेट की कमी से जन्म के वक्त बच्चे का वज़न कम हो सकता है और वह विभिन्न प्रकार की बीमारियों का शिकार हो सकता है।
एक कटोरी चना या मूंग की दाल में दैनिक आवश्यकता से आधा फ़ोलेट होता है।
3. साबुत अनाज ○ Whole grain
रिफ़ाइंड अनाज की अपेक्षा साबुत अनाज में वे सारे तत्त्व होते हैं जो की आपको सही पोषण देते हैं। इसमें फ़ाइबर, विटामिन और कार्बोहाइड्रेट की प्रचुर मात्रा में होती है और यह पचाने में भी आसन होता है। गर्भावस्था के लिए आहार में इसे शामिल करने से अनचाहा वज़न भी नहीं बढ़ता है। साबुत अनाज के उदाहरण हैं – चोकर मिला गेहूं का आटा, ज्वार, बाजार, मक्का, ओट्स आदि।
4. हरी सब्ज़ियां ○ Green vegetables
हरी सब्ज़ियां जैसे की पालक, ब्रोकली, सोया मेथी आदि में आयरन, विटामिन A, C व K, कैल्शियम जैसे तत्व की प्रचुर मात्रा में होते हैं जो कि स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आहार के रूप अवश्य लेने चाहिए। इन हरी सब्ज़ियों में मौजूद फ़ाइबर के कारण गर्भावस्था में कब्ज़ की शिक़ायत भी नहीं होती है। इन्हें भोजन में शामिल करने वाली महिला के होने वाले बच्चे का जन्म के समय वज़न संतुलित रहता है।
5. शकरकंद ○ Sweet potato
शकरकंद में beta-Carotene नाम का एक तत्त्व होता है जो खाने के बाद शरीर में विटामिन A में बदल जाता है।
विटामिन A शिशु के शारीरिक विकास और उसके उत्तकों के विभाजन में बहुत ही लाभकारी होता है। गर्भवती महिलाओं को सामान्य महिलाओं की अपेक्षा 10-40% ज़्यादा विटामिन A की आवश्यकता रहती है।
100-150 ग्राम पका हुए शकरकंद खाने से रोज़ की ज़रूरत का सारा विटामिन A मिल जाता है और इसमें फ़ाइबर होने से पेट ज़्यादा देर तक भरा रहता है।
6. अंडा ○ Eggs
अंडा गर्भावस्था के लिए आहार की श्रेणी में एक अच्छा न्यूट्रीशन स्रोत है, इसमें सभी प्रकार के पोषक तत्त्व होते हैं। एक अंडे में भरपूर कैलोरी, प्रोटीन, खनिज और विटामिन होते है। अंडे में कोलीन (Choline) नामक एक विटामिन B कॉम्पलेक्स होता है जो की शिशु के मस्तिष्क विकास में सहायक होता है। कोलीन की कमी से शिशु के दिमाग़ी विकास में बाधा आ सकती है। एक अंडे में एक गर्भवती के दैनिक आवश्यकता का 25% कोलीन होता है।
7. कॉड लीवर आयल ○ Cod liver oil
यह तेल कॉड नामक एक मछली के लीवर से बनता है। इस तेल में ओमेगा 3 फ़ैटी एसिड, EPA, DHA नामक तत्त्व होते हैं, जो की शिशु के दिमाग़ और आँख के विकास में सहायक होते हैं। कॉड लीवर आयल में विटामिन D की भी अच्छी मात्रा होती है। गर्भावस्था के शुरुआत के दिनों में कॉड लीवर आयल का सेवन करने से शिशु का वज़न भी सही रहता है और भविष्य में उसे बीमारियों का ख़तरा भी कम रहता है।
8. मांस ○ Flesh
अगर आप मांसाहारी भोजन करते हैं तो आपको मालूम ही होगा कि मांस प्रोटीन का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है। गर्भावस्था में किसी भी महिला को प्रोटीन की प्रचुर मात्रा की आवश्यकता होती है। इसलिए वसा रहित मांस का सेवन करें – जैसे की मछली, चिकन आदि।
9. सूखे फल व मेवे ○ Dry Fruit
गर्भावस्था के लिए आहार चार्ट बनाते समया आपको ताज़े फलों के साथ-साथ सूखे हुए फल व मेवे जैसे – किशमिश, अंजीर आदि को समुचित मात्रा में अवश्य शामिल चाहिए। आप बादाम, काजू, अखरोट जैसे मेवे भी खाएँ, यह प्रोटीन और फ़ैट के काफी अच्छे स्रोत होते हैं।
10. पानी पीना ○ Drink water
गर्भावस्था के लिए आहार का चयन जितना ज़रूरी है, उतना ही पानी भी आवश्य है। गर्भ धारण के दौरान महिला के शरीर में ख़ून की मात्रा 1.5 लीटर तक बढ़ जाती है। इस मात्रा को बनाये रखने और आपके शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित रखने के लिए आवश्यक मात्रा में पानी पीते रहना ज़रूरी है।
पीने का पानी साफ़ और रोगाणु मुक्त होना चाहिए। आप पानी को उबालकर, छानकर या RO फ़िल्टर की सहायता से स्वच्छ पानी प्राप्त कर सकती हैं। पानी की कमी का शिशु के शरीरिक और मानसिक विकास पर काफी प्रभाव पड़ता हैं।
गर्भावस्था के समय आप रोज़ाना 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए। परन्तु यह आपकी शारीरिक बनावट के अनुसार अलग भी हो सकती है।
शायद आप जानते ही हों कि आपको भोजन, फल, सब्ज़ी, चाय और कॉफ़ी से भी पानी मिल जाता है। लेकिन आप प्यास लगने तक पानी पीने का इंतिज़ार न करें बल्कि दिन भर नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें, ताकि आप और आपका बच्चा दोनों सुरक्षित रहें।