यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने से वह जोड़ों में जमा होने लगता है। इसके बाद जोड़ों का दर्द शुरु हो जाता है। घुटनों, एड़ियों और पैरों की उंगलियों में दर्द होने की सबसे बड़ी वजह यूरिक एसिड का बढ़ना है। इस बीमारी को गाउट _ Gout भी कहते हैं। यदि यूरिक एसिड का उपचार सही समय पर न किया जाये तो उठना बैठना और चलना फिरना भी दुश्वार हो जाता है। इसका लेवल बढ़ता रहे तो गठिया रोग और किडनी में पथरी भी हो सकती है। इसलिए इसे समय पर ही कंट्रोल कर लेना चाहिए। प्राकृतिक देसी और आयुर्वेदिक उपाय करके गाउट का दर्द और हाइ यूरिक एसिड को कम किया जा सकता है।
ये समस्या 45 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों में अधिक होती है और खाने पीने का ख़याल न रखा जाए तो यह बीमारी पहले भी हो सकती है।
यूरिक एसिड कैसे बढ़ता है?
प्यूरिन _ Purine के टूटने की वजह से शरीर में यूरिक एसिड बनता है, जो ख़ून से गुर्दों तक पहुंचता है और पेशाब के द्वारा शरीर से बाहर निकल जाता है। जब ये शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है और शरीर के अंदर क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगता है। बॉडी में इसका लेवल बढ़ने से यह परेशानी का सबब बन जाता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण
हममें से अधिकांश लोगों को इस बीमारी के लक्षण नहीं मालूम होते हैं। अगर इसके लक्षण पता चल जाएँ तो समय पर इस बीमारी का इलाज शुरु किया जा सकता है। आइए इसके लक्षण जानते हैं:
– जोड़ों में दर्द रहना
– जोड़ों में गांठ पड़ना
– पैर के अंगूठे में सूजन
– जोड़ों में सूजन
– उठते बैठते समय घुटनों और जोड़ों में दर्द
घरेलू उपाय करके यूरिक एसिड कम करना
– 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाकर 1 गिलास गुनगुने दूध के साथ पिएँ। गर्मियों में अश्वगंधा का प्रयोग कम करें।
– जैसा कि हमने ऊपर बताया कि शरीर में यूरिक एसिड क्रिस्टल के रूप में जमा होता है। इसलिए इसे तोड़कर बाहर निकालने के लिए आपको 1 गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर पीना चाहिए। ऐसा करने से यह पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाता है।
– रोज़ खाली 3 अखरोट खाने से हाइ यूरिक एसिड कंट्रोल में आने लगता है।
– एलो वेरा जूस में आंवले का रस मिलाकर पीने से भी आराम आता है।
– नारियल पानी शरीर में यूरिक एसिक को कम करने में असरदार है।
– खाना खाने के आधे घंटे बाद 1 चम्मच अलसी के बीज चबाकर खाने से फ़ायदा मिलता है।
– यूरिक एसिड के कारण गठिया होने पर बथुए का जूस खाली पेट पिएँ। दो घंटे तक कुछ न खाएँ पिएँ।
– अजवाइन भी शरीर में हाइ यूरिक एसिड को कम करने की अच्छी दवा है। भोजन पकाने में अजवाइन का इस्तेमाल करें।
– दो चम्मच सेब का सिरका 1 गिलास पानी में मिलाकर दिन में 3 बार पिएँ। लाभ दिखेगा।
– सेब, गाजर और चुकंदर का जूस हर रोज़ पीने बॉडी का pH लेवल बढ़ता है और यूरिक एसिड कम होता है।
यूरिक एसिड और गाउट का रामबाण इलाज
यूरिक एसिड और गाउट के दर्द का उपचार करने के लिए कच्चा पपीता एक रामबाण औषधि है। एक मध्यम आकार का कच्चा पपीता लें, उसे काटकर छोटे छोटे टुकड़े कर लें। बीजों को हटा दें। कटे हुए पपीते को 2 लीटर पानी में 5 मिनट के लिए उबालें। उबालते समय इसमें ग्रीन टी की 2 चम्मच पत्तियाँ भी डालें। पानी को ठंडा करके छान लें और इसे दिन में चाय की तरह 2 से 3 बार पिएँ।
हाइ यूरिक एसिड को कंट्रोल करने तरीक़े
पानी अधिक पिएँ
शरीर से यूरिक एसिड को बाहर निकालने के लिए आपको पानी अधिक पीना चाहिए। इससे बढ़ा हुआ यूरिक एसिड पेशाब के साथ निकल जाएगा।
मोटापा कम करें
मोटापे की वजह से शरीर में प्यूरिन जल्दी टूटता है, जिससे यूरिक एसिड ज़्यादा बनने लगता है। इसलिए अपना वज़न बढ़ने न दें। वज़न कम करने के लिए डायटिंग न करके सही और शुद्ध भोजन करें।
यूरिक एसिड बढ़ने पर आहार
हाइ यूरिक एसिड न बने इसके लिए आपको ऐसा भोजन करना चाहिए जिससे आवश्यकता से अधिक प्यूरिन न बने। इसलिए ऑर्गन मीट, सी फ़ूड, मछली और रेड मीट को क़तई नहीं खाना चाहिए।
– विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएँ।
– वसा रहित दूध पिएँ। यानि दूध से मलाई निकालकर ही पिएँ।
– नींबू पानी पिएँ। ये बॉडी को डिटॉक्सिफ़ाइ करता है और क्रिस्टल को घोलकर बाहर कर देता है।
– स्ट्राबरी, चेरी और जामुन जैसे फ़्रूट्स बॉडी से यूरिक एसिड बाहर निकालने और गठिया के इलाज में मदद करते हैं।
– कुकिंग के लिए ऑलिव ऑयल का प्रयोग करें।
– हाइ फ़ाइबर डाइट लें।
– ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन न करें।
– पैनकेक, केक, पेस्ट्री जैसी वस्तुएँ न खाएँ।
– डिब्बा बंद फ़ूड खाने से बचें।
– शराब और बीयर से परहेज़ करें।