होम्योपैथिक दवा का असर सच या फिर अंधविश्वास

अक्सर लोग बात करते हैं कि होम्योपैथिक इलाज असरदार है। लेकिन पाश्चात्य संस्कृति के अनेक वैज्ञानिक इसकी प्रमाणिकता को सिरे से खारिज करते हैं। वो होम्योपैथिक दवा को एकदम बकवास क़रार देते हैं। इस लेख में हम होम्योपैथिक दवा का असर सच है या अंधविश्वास है, इसे जानने की कोशिश करेंगे।

होम्योपैथिक इलाज का परिचय

आयुर्वेद और एलोपैथी की तरह ही होम्योपैथी इलाज करने की एक प्रचलित विधि है। जर्मन डॉक्टर सैमुएल हनीमेन को इसका जनक माना जाता है। होम्योपैथिक इलाज में अक्सर रोग जैसे ही लक्षण पैदा करने वाली दवाएँ दी जाती हैं। एक डोज़ में दवा की इतनी कम मात्रा होती है, कि उसका पता लगाना लगभग न मुमकिन है।

होम्योपैथिक दवा का असर कितना सच

होम्योपैथिक दवा का डोज़ और सच

हनीमैन के अनुसार होम्योपैथिक दवा में मौजूद सक्रिय तत्वों को पारम्परिक रूप से हिलाने पर जो कम्पन होता है उससे एक तरह की ऊर्जा उत्पन्न होती है, यह ऊर्जा रोग का नाश करती है।

होम्योपैथिक दवा के सक्रिय तत्व

आपको जानकर डर लगेगा कि होम्योपैथी में अक्सर आर्सेनिक, प्यूटोनियम, पोटैशियम सायनाइड और मर्करी सायनाइड जैसे विषैले तत्वों का इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही जड़ी बूटी, मक्खियाँ, जुएँ, सर्प विष, कुत्ते की लार और कैंसर कोशिकाओं के प्रयोग की बात की जाती रही है।

रोगी को अधूरी जानकारी

केवल होम्योपैथ डॉक्टर को ही रोगी को दी जाने वाली दवा में इस्तेमाल तत्व की जानकारी होती है। लेकिन होम्योपैथिक दवाओं पर सिर्फ़ लैटिन नाम दिया रहता है, जिसे हर रोगी के लिए समझना मुश्किल है। जर्मन आलोचक हर होम्योपैथिक दवा की सम्पूर्ण और विस्तृत जानकारी देने की माँग करते रहे हैं।

होम्योपैथिक दवा का असर

होम्योपैथिक दवाएँ क्रिस्टल शुगर के कारण गोल आकार में होती हैं, जिन्हें ग्लोबुली कहते हैं। तरल होम्योपैथिक दवाओं में एल्कोहल और पानी से अधिक कुछ नहीं होता है, जिस पर प्राकृतिक क्रियाओं का असर हो सकता है। ये क्रिस्टल शुगर की गोलियाँ नुक़सानदेह नहीं होती हैं।

होम्योपैथी के घातक परिणाम

कुछ लोग जानलेवा बीमारियों में भी होम्योपैथी पर अंधविश्वास करते हैं। जिससे बहुत सा समय व्यर्थ चला जाता है। उदाहरण के लिए कैंसर जैसे जानलेवा रोग का इलाज तभी सम्भव है, जितनी जल्दी उसका एलोपैथिक और आयुर्वेदिक उपचार किया जाए। सही जाँच और लाभकारी उपचार ही आपको स्वस्थ रख सकती है।

मनोविज्ञान का प्रयोग

सभी होम्योपैथ डॉक्टर रोगी से देर तक बात करके उसकी मन:स्थिति जानने का प्रयास करते हैं और उसको विश्वास दिलाते हैं कि दवा के असर से वह जल्द ही ठीक हो जाएगा। इसी विश्वास से बहुत से मरीज़ ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह या चोट जैसी अन्य परिस्थितियों में होम्योपैथिक दवा बेअसर रह जाती है।

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