कम पानी पीने के बड़े नुक़सान

इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार महिलाओं को दिन में 9 कप (72oz) पानी पीना चाहिए। भले ही दिन में बार बार आपको बाथरूप क्यों न जाना पड़े। क्योंकि कम पानी पीने वालों को सेहत का बड़ा नुक़सान झेलना पड़ता है। हम सीधे उस अध्ययन की बात करते हैं जो आपको बताता है कि आप अगर पर्याप्त मात्रा में पानी न पियें तो आपको क्या कुछ नहीं झेलना पड़ सकता है।

कम पानी पीने वालों को नुक़सान

कम पानी पीने के नुक़सान

1. बीमारियाँ अधिक होंगी

आप जितना हो सके पानी अधिक से अधिक पियें क्योंकि इससे किडनी में पथरी, मूत्राशय से जुड़ी समस्याएँ और कोलन कैंसर (Colon Cancer) होने की सम्भावना कम हो जाएगी। साथ ही दिल का दौरा पड़ने का भी चांस कम हो जाएगा।

2. मेटाबॉलिज़्म स्थित रहेगा

डॉ० हावर्ड मुराद के अध्ययन पर प्रकाशित पुस्तक द वाटर सीक्रेट में बताया गया है कि शरीर के ज़्यादा हाइड्रेट होने पर बेसल मेटाबॉलिक रेट (आराम करने पर बर्न होने वाली कैलोरी) बढ़ जाता है। इसलिए कम पानी पीने की बुरी आदत को आज ही छोड़ दीजिए।

3. एक ही काम को करने के लिए अधिक सोचना होगा

वर्ष 2011 में किंग्स कॉलेज लंदन के इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइकेट्री में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कम पानी पीने वाले डीहाइड्रेटेड टीनएजर्स (किशोर किशोरियों) का मस्तिष्क उनके स्कल से धँस जाता है। इस बीमारी से ग्रस्त किशोर किशोरियों को प्रॉब्लम साल्विंग गेम्स खेलते समय अधिक सोच विचार करना पड़ता है, तब जाकर उनकी परफ़ार्मेंस पर्याप्त मात्रा में पानी पीने वाले बच्चों के बराबर हो पाती है।

4. ज़्यादा खाने लगेंगे

वर्ष 2010 में 45 लोगों पर इंस्टीट्यूट फ़ॉर पब्लिक हेल्थ एंड वाटर रिसर्च पर अध्ययन में पाया कि खाना खाने से पहले 2 8-आउंस गिलास पानी पाने वाले 75 से 90 कैलोरी अधिक ग्रहण करते हैं। तीन महीने में पर्याप्त पानी पीने वालों लोगों ने कम पानी पीने वालों की अपेक्षा औसतन 5 पाउंड ज़्यादा वज़न कम किया।

5. झुर्रियों का सामना अधिक करना होगा

डॉ० ने अपनी किताब में लिखा है कि पानी स्किन को मोटा करता है, फ़ाइन लाइंस और झुर्रियों को भरता है, और मुरझाए कॉमप्लेक्शन को ख़त्म करके निखार लाता है। क्या आप अब भी कम पानी पीने से नहीं बचना चाहेंगे।

6. मूड ख़राब रहेगा

वर्ष 2009 में मेडफ़ोर्ड, मैसाचुसिट्स की टफ़्ट्स यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं ने पहले ग्रुप के स्त्री-पुरुषों को बिना पानी पिए 60-70 मिनट की हाइ-इम्पैक्ट ऐरोबिक्स एक्सरसाइज़ करवाई। दूसरे ग्रुप के स्त्री-पुरुषों ने पर्याप्त पानी पीकर ठीक वैसा ही ऐरोबिक्स किया। डीहाइड्रेटेड ग्रुप के लोग थकावट, भ्रमित, ग़ुस्सा, डिप्रेशन और टेंशन महसूस कर रहे थे।

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