कान का दर्द और बहने की समस्या का घरेलू इलाज

हमारे जीवन में जितना महत्‍वपूर्ण शरीर के अन्‍य अंग हैं, उतना ही कान भी है। कान का दर्द हो और यह वो बह रहा हो, तो कम सुनाई पड़ सकता है या नहीं सुनाई पड़ता है तो हम दुनिया की बहुत सारी जानकारियों या सूचनाओं से चूक जाते हैं। यदि हमसे कोई कुछ कहता है तो न सुन पाने की स्थिति में हम कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाते। न कोई शोर सुनाई पड़ता है न कोई हल्‍ला, इसलिए हम आसपास मंडरा रहे संकटों के प्रति भी सतर्क नहीं हो पाते। सड़क पर चलते समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

कान का दर्द और बहना अच्छा नहीं, ऐसे में चार लोगों के बीच में उठना-बैठना ठीक नहीं लगता, झेंप महसूस होती है। या फिर हम कान में रूई लगाए घूमते फिरते हैं। आज हम इन दोनों समस्‍याओं से निजात का उपाय बता रहे हैं। इससे जन्‍मजात बहरापन तो दूर नहीं होता है लेकिन बाद में हुए बहरेपन में काफी लाभ होता है।

कान की बीमारी
Kan Ki Bimari

कान का बहना और उपाय

– चूने का एक-दो बूंद पानी डालने से बच्चों का कान का बहना बंद हो जाता है।

– अजवायन ले आएं और उसे गाय के शुद्ध घी में खूब पकाने के बाद छानकर रख लें। जब भी कान दर्द करे या बहे तो उस घी को गुनगुना करके एक-दो बूंद कान में डालने से आराम मिलता है।

– मधु, अदरक का रस व थोड़ा सा नमक मिलाकर गुनगुना कर लें और उसे कानों में डालें। कान का दर्द चला जाएगा। बहने में भी आराम होगा।

– यदि कान बह रहा है तो प्याज़ का रस थोड़ा-सा गर्म करके एक या दो बूंद कान में डालने से लाभ होता है। इससे बहरापन व दर्द भी चला जाता है।

[button color=”orange” size=”large” type=”square” target=”_blank” link=”https://lifestyletips.in/kanon-mein-awaz-goonjna-bimari/”]ये भी पढ़े: कानों में आवाज़ गूंजना बीमारी का इलाज[/button]

– 10 तोला सरसों के तेल में 1 तोला रतनजोत मिलाकर पकाएं। जब रतनजोत जलने लगे तो इसे आग से उतारें और इस तेल को साफ शीशी में भरकर रख लें। कान के बहने व कान दर्द में इसे दो बूंद कानों में डालने से लाभ होता है।

– 20 माशा फिटकरी व 1 माशा हल्‍दी पीसकर कांच के किसी साफ बर्तन में रख लें। जब भी कान में दर्द हो या बहे तो कान को रूई से साफ करके दो रत्‍ती दवा डालने से आराम मिलता है।

कान का दर्द और उपाय

– बच्चों में कान दर्द महसूस हो तो उसकी मां का दूध लें और उतनी ही मात्रा में उसमें कद्दू का रस मिलाकर दो बूंद कान में डालें।

– फूले हुए सुहागे का कपड़े से छाना हुआ पाउडर दिन में दो बार कानों में छिड़कना चाहिए। चार दिन में ही राहत मिल जाएगी।

कान का दर्द
Kan Ka Dard

– आम के पत्‍तों का रस गुनगुना गर्म करके कान में डालने से कान का दर्द चला जाता है।

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– कान के दर्द या बहने में गेंदे के पत्तों के ताज़े रस की कुछ बूंदें कान में डालने पर तुरंत आराम मिलता है।

– कान ज़्यादा दर्द कर रहा है तो चुकंदर के पत्तों का रस गुनगुना करके दो- दो बूंद दोनों कानों में तीन-तीन घंटे के अंतराल पर डालना चाहिए।

– गेंदे के फूल या तुलसी के पत्तों का रस भी कान में डालने से दर्द दूर हो जाता है।

– लहसुन डालकर गरम किए गए पीले सरसों के तेल को गुनगुना करके दो-दो बूंद कान में डालने से दर्द चला जाता है।

– पुदीना का रस डालने से भी कान का दर्द चला जाता है।

– कान के दर्द के लिए केले के पत्तों का रस निकालें और उसमें समुद्रफेन मिलाकर कान में डालें। कुछ ही देर में कान का दर्द चला जाएगा।

बहरेपन का इलाज

– यदि बहरापन आ गया है, सुनाई कम देता है या बिल्‍कुल नहीं देता है तो लगभग 46 ग्राम कड़वे बादाम के तेल में लहसुन की मध्‍यम आकार की 12 कलियां डालकर भूनें। जब लहसुन पूरी तरह जलकर काला हो जाए तो उसे निकालकर फेंक दें और तेल को छानकर किसी शीशी में रख लें। इस तेल को गुनगुना गर्म करके रोज़ कान में दो बूंद डालने से बहरेपन की समस्‍या से निजात मिलती है।

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