अगर आप अपने मोटापे से परेशान हैं और एक्सट्रा फ़ैट कम करना चाहते हैं, साथ ही अपनी कार्य शक्ति को भी बढ़ाना चाहते हैं तो महामुद्रा आसन करें। जो न केवल आपके मोटापे को कम करेगा बल्कि शरीर को स्फूर्ति भी प्रदान करता है। महामुद्रा को प्रातः स्नान के बाद खाली पेट करना चाहिए। प्रारंभ में दोनों पैरों से इसे 3-3 बार करना चाहिए फिर आप अपनी क्षमता के अनुसार प्राणायाम की संख्या को बढ़ाते रहें।
महामुद्रा आसन करने की विधि
- यह आसन बैठ के किए जाने वाले आसनों में से एक है। महामुद्रा के आसन से शरीर के कई अंग प्रभावित होते हैं।
- सबसे पहले भूमि पर आसन बिछा लें।
- अब आसान पर दोनों पैरो को फैला कर बैठ जाएं।
- मेरुदंड सीधा रखें। हाथ घुटने पर रखें। बायें पैर को घुटने से मोड़कर एड़ी को अपनी जांघ से सटायें।
- बायें पैर का तलवा जंघा से लगा रहें। हाथ ऊपर उठा कर सांस लें।
- फिर माथे को दाहिनी घुटने से लगाकर हाथों से पैर को पकड़ लें। यह महामुद्रा की पूर्ण स्थिति है।
- अब सांस छोड़ते हुए सीधा उठें। दाहिना पैर सीधा करें।
- अब सामान्य अवस्था में आ जाएँ। इस आसन को पैर बदलकर फिर से अभ्यास करें।
महामुद्रा आसन के लाभ
- यह आसन दमा, क्षय, कुष्ठ, बवासीर आदि रोगों में बहुत लाभकारी है।
- इस आसन के नियमित अभ्यास से पेट पतला होता है।
- जंघा भाग, रीढ़, कमर, कंधे, फेफड़े बलवान होते हैं।
- सुषुम्ना नाड़ी अच्छी तरह से चलने लगती है।
- इस आसन से शरीर में जमी फ़ालतू चर्बी दूर होने लगती है।
- कमर और पैरो के दर्द दूर होते है।यह आसन लाभ की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
- इस आसन से जल्दी ही स्वप्न दोष की समस्या दूर होती है।
- इस आसन से शरीर में स्फूर्ति आती है।
- मधुमेह और अपेंडिसाइटिस के रोगियों के लिए यह आसन बहुत उपयोगी है।
- इसके नियमित अभ्यास से आलस्य भी दूर हो जाता है।
- इस आसन को करने से पेट सम्बंधित सभी रोग दूर हो जाते हैं।
- स्त्रियों की मासिक धर्म से सम्बंधित समस्या दूर हो जाती है।
सावधानियां
- गंभीर हृदय रोगी को महामुद्रा नहीं करना चाहिए।
- जिनको स्लिप डिस्क (कमर दर्द) की समस्या हो उन्हें महामुद्रा नहीं करनी चाहिए।
- महामुद्रा को खाली पेट करना ज़्यादा लाभ प्रद है। इसे करने के 30 मिनट बाद ही कुछ खायें पियें ।
- योग को अपने जीवन में अपनाएं, खुशहाल जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।