माहवारी से संबंधित समस्‍याएं और उपाय

महिलाओं में मासिक धर्म एक अनिवार्य प्रक्रिया है। कभी-कभी इस प्रक्रिया में विकार उत्‍पन्‍न हो जाते हैं और माहवारी अनियमित हो जाती है। सामान्‍यतया माह में दो-तीन दिन रक्‍तस्राव होता है। विकारग्रस्‍त होने पर कभी बहुत ज्‍यादा रक्‍तस्राव होने लगता है और कई दिन तक होता है। कभी एक ही दिन होकर बंद हो जाता है और कभी रक्‍तस्राव होता ही नहीं है। कभी-कभी पंद्रह दिन पर ही पीरियड्स शुरू हो जाती है और कभी दो महीने तक नहीं आती।

इसके अलावा एक दूसरी समस्‍या भी आती है। कुछ महिलाओं को मेंसुरेशन के समय शरीर में ऐंठन, कमर दर्द, सिर दर्द, पेट, पीठ, जांघों, स्‍तनों में दर्द, अनिद्रा, चक्‍कर, बेचैनी आदि की समस्‍या शुरू हो जाती है और माहवारी का समय समाप्‍त होने पर यह अपने आप ठीक हो जाती हैं। आमतौर पर महिलाएं जब ज़्यादा दर्द होता है तो दर्द की दवा खा लेती हैं, इससे बचना चाहिए क्‍योंकि विदेशों में बीस वर्ष से दर्द की दवा को प्रतिबंधित कर दिया गया है और अपने यहां यह धड़ल्‍ले से बिकती है।

माहवारी का दर्द
Menstruation pain

अनियमित माहवारी के लिए

अशोक पेड़ के पत्ते

अशोक वृक्ष के पत्‍तों का अर्क अनियमित माहवारी को ठीक करने की अचूक दवा है। इसका यदि नियमित एक माह तक सेवन किया जाए तो मासिक धर्म से संबंधित सभी प्रकार की समस्‍याएं दूर हो जाती हैं। यदि एक माह में ज़्यादा आराम नहीं मिलता है तो इसका सेवन एक माह और कर लेना चाहिए। अशोक वृक्ष के पांच-छह पत्‍ते लेकर पीस लें और डेढ़ गिलास पानी में उबालें, जब पानी आधा रह जाए तो आग से उतार लें और ठंडा होने पर बिना छाने उसे पी जाएं। सुबह खाली पेट पीना ज्‍यादा लाभकारी है। हमारे आसपास अशोक के दो तरह के वृक्ष देखने को मिलते हैं, एक लंबा होता है और दूसरा छोटा, गोल व छायादार। छोटे वाले वृक्ष के ही पत्‍ते औषधि के लिए लेना चाहिए।

अन्य विकल्प

कुछ आयुर्वेदाचार्यों का मानना है कि जब तक जीवन में माहवारी है, यदि महिलाएं प्रतिदिन आधा गिलास गर्म पानी में एक गेहूं के दाने के बराबर खाने वाला गीला चूना डालकर सुबह खाली पेट पीएं तो माहवारी से संबंधित परेशानियां नहीं आएंगी और जो समस्‍याएं होंगी, वे ख़त्‍म हो जाएंगी।

माहवारी के दौरान दर्द का उपाय

देशी गाय का घी

माहवारी के दौरान होने वाले दर्द की सबसे अच्‍छी दवा है देशी गाय का घी। इस दर्द में इससे तत्‍काल आराम मिलता है। एक गिलास पानी उबालें और उसमें एक चम्‍मच देशी गाय का घी डालकर चाय की तरह पियें। लेकिन इसका प्रयोग माहवारी के दौरान ही करना चाहिए, उसके बाद नहीं। यह केवल माहवारी के दौरान होने वालों दर्दों में ही लाभ करता है। इसके सेवन से दर्द तत्‍काल चला जाता है।

Keywords – Menstural cycle, Menstruation pain, Period Cycle, Mahwari ka dard, Masik dharm ka upay

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *