कलौंजी का प्रयोग पूरे एशिया, अफ्रीका और अरब देशों में मसाले और औषधि के रूप में प्राचीन समय से हो रहा है। आयुर्वेद में भी इसका विशेष स्थान है, क्योंकि यह बहुत लाभकारी होती है। इसके बीजों की शक्ति सात वर्ष तक बनी रहती है।
कृत्रिम प्रोडक्ट्स से हमारे शरीर को बहुत नुक़सान पहुंचता है। हम प्राकृतिक चीज़ों का इस्तेमाल करके अनेक साइडइफ़ेक्ट मुक्त लाभ पा सकते हैं। जिससे हमारी त्वचा, बाल और पूरा शरीर स्वस्थ रहता है।
कलौंजी हम सभी अपने घर में रखते हैं, और इससे भोजन में डालते हैं। यह अनेक मिनिरल्स और पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें मौजूद फ़ाइबर, आयरन, सोडियम, कैल्शियम और पोटैशियम से अनेक रोगों में फ़ायदा मिलता है। इसमें 15 तरह के अमीनो एसिड होते हैं जो हमारे लिए प्रोटीन का स्रोत होते हैं।

1. झड़ते बालों का उपचार
बदलती लाइफ़स्टाइल और केमीकल शैम्पू के प्रयोग के कारण बाल गिरने की समस्या से महिलाएँ और पुरुष दोनों पीड़ित हैं। तमाम तरह के हेयर ट्रीटमेंट के बावजूद भी लाभ नहीं होता है। लेकिन इन सबसे ऊपर कलौंजी का बड़ी लाभकारी होती है।
इस्तेमाल –
– नींबू के रस से बालों पर 20 मिनट मसाज करके धुल लीजिए। इसके बाद आप कलौंजी लगाकर बालों को सुखने दीजिए। 15 दिन ऐसा करने से आपके बाल झड़ना कम हो जाएंगे।
– कलौंजी ऑयल के साथ ऑलिव ऑयल और मेंहदी पाउडर को मिलाकर हल्का गर्म करके ठंडा करके रख लीजिए। इस तेल का सप्ताह में 1 बार प्रयोग करने से गंजेपन की समस्या का इलाज हो सकता है।
– कलौंजी की राख को तेल में मिलाकर लगाने से गंजापन दूर होता है और नए बाल निकलने लगते हैं।
2. डायबिटीज़ में लाभ
जिन्हें मधुमेह की बीमारी हो, वे ब्लैक टी में आधा चम्मच कलौंजी के तेल मिलाकर नाश्ते से पहले लें और रात में सोने से पहले भी। इस समय चिकनाई युक्त खाने से परहेज़ करें।
अगर अंग्रेज़ी दवाएँ खा रहे हैं तो उन्हें जारी रखें और तीन हफ़्ते में शुगर की जांच करायें। यदि शुगर लेवल सामान्य हो गया हो तो आप अंग्रेज़ी दवा बंद करके कलौंजी का सेवन जारी रखिए।
3. हृदय रोग में लाभ
आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर एक कप दूध 10 दिन तक सुबह शाम पीने से हृदय रोग में काफ़ी लाभ मिलता है। चिकनाई युक्त भोजन से परहेज़ करें।
4. आँखों को लाभ
आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद गाजर के जूस में मिलाकर 40 दिन सुबह शाम पीने से आंखों की लाली, मोतियाबिंद, आंखों से पानी बहना और आंखों की नसों में कमज़ोरी जैसे समस्याएँ खत्म हो जाती हैं। उपचार के दौरान आंखों को धूप और गर्मी से बचाना चाहिए।

5. दमा का इलाज
भोजन करने से पहले एक कप गरम पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच शहद मिलाकर 40 दिनों तक सुबह शाम पीने से दमा, खांसी और एलर्जी में लाभ मिलता है। ठंडे पदार्थों से परहेज़ करें।
6. पेट दर्द में लाभ
अपच की समस्या होने पर काला नमक मिलाकर कलौंजी का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ मिलता है।
अन्य लाभ
– डायबिटीज़, पिंपल, सिर दर्द, अस्थमा, जोड़ों का दर्द, आंखों की रोशनी, कैंसर, उच्च रक्तचाप आदि समस्याओं में गुणकारी है और स्मरण शक्ति बढ़ाती है।
– इसका प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है। इसे दाल, सब्ज़ियों, ब्रेड, केक, अचार आदि में डाला जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से लड़ने की शक्ति देता है।
– कफ को नष्ट करने के साथ साथ रक्त वाहिनी नाड़ियों से दूषित रक्त को साफ़ करता है।
सावधानी
गर्भावस्था के समस्या कलौंजी या उसका तेल प्रयोग करने से बचना चाहिए। नहीं तो गर्भपात का ख़तरा रहता है।
कलौंजी का तेल बनाना
2 लीटर पानी में 50 ग्राम कलौंजी को उबालें। जब पानी की मात्रा एक लीटर रह जाए तब इसे ठंडा कर लें। पानी के ऊपर तेल की परत तैरने लगती है। इस तेल को हाथ से निकाकर एक कटोरी में रख दें। अब इस तेल को छानकर किसी कांच की शीशी में रख लें।