शायद ही कोई हो जिसे पेट दर्द के बारे में अनुभव न हो। बच्चे से लेकर बूढ़े तक लगभग सभी लोग कभी न कभी इस दर्द से गुजर चुके होते हैं। जब यह दर्द होता है तो सोना-बैठना भी मुश्किल हो जाता है। शुरू में तो आदमी दर्द बर्दाश्त कर लेता है लेकिन जब दर्द बढ़ने लगता है तो स्थिति असहज हो जाती है। जब दवा खाने के बाद भी आराम न मिले तो मरीज की समझ में नहीं आता कि अब क्या करें।
पेट में भयंकर दर्द हो और उसका कोई इलाज न हो पाए तो व्यक्ति को लगने लगता है कि अब उसका बच पाना मुश्किल है और वह धीरे-धीरे अपनी मृत्यु को निकट आता देखने लगता है। लेकिन जब किसी होम्योपैथ के कुशल चिकित्सक के हाथ में पड़ जाता है तो उसे जिंदगी की रोशनी नजर आने लगती है और पेट दर्द ऐसे विदा होता है जैसे कभी था ही नहीं।
पेट दर्द का अनुभव
मेरे पड़ोसी के बेटे को पेट में भयंकर पीड़ा थी। जिला अस्पताल से लेकर अनेक एलोपैथिक के वरिष्ठ चिकित्सकों से उन्होंने इलाज कराया लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात। जब तक दवा खाता था, दर्द गायब रहता था, दवा का असर कम होते ही दर्द बढ़ने लगता था। यह क्रम लगभग एक साल चला।
कोई फायदा न होता देख उन्होंने एक आयुर्वेद के वैद्य को दिखाया। उन्होंने दवा शुरू की, थोड़ा आराम भी मिला लेकिन दर्द से निजात नहीं मिल रही थी। दरअसल जिसने भी इस बच्चे का इलाज किया उसने पेप्टिक अल्सर को ध्यान में रखकर किया। इससे पेट दर्द में तो कोई आराम नहीं हुआ, उल्टे दर्द बढ़ता चला गया।
होम्योपैथिक इलाज
इसी बीच उनकी मुलाकात एक ऐसे होम्योपैथिक चिकित्सक से हो गई जो पेशेवर नहीं थे। वह रेलवे में नौकरी करते थे और होम्योपैथ का अध्ययन व प्रयोग भी यदा-कदा करते रहते थे। उनके अनुरोध पर चिकित्सक उनके घर गए और बेटे से बातचीत के बाद लक्षणों के आधार पर उसे ‘डायस्कोरिया 30‘ की खुराकें 10-10 मिनट पर दी, दर्द में तुरंत राहत मिल गई। साथ ही उन्होंने ‘नक्स वोमिका 200‘ की दो खुराकें रात को आधे-आधे घंटे पर व ‘कांलोसिन्थ 30‘ व ‘डायस्कोरिया 30‘ दिन में दो-दो बार लेने के लिए दी। साथ ही ‘मेग्नीशिया फास 6 एक्स‘ भी दे दिया और कहा कि यदि दर्द कभी बढ़े तो 10-12 गोलियां आधा कप गुनगुने पानी में घोलकर 2-2 चम्मच दवा 10-10 मिनट पर ले लें। इसके बाद उन्होंने अगले सप्ताह बुलाया।
दर्द का निदान और उपाय
अगले सप्ताह नाक खुजलाना, दांत किटकिटाना, लार बहने आदि लक्षण के आधार पर पेट में कीड़े होने की बात सामने आई। इसके लिए उन्होंने ‘सिना 1000‘ की दो खुराकें, ‘ट्रयूकियम मारम विरम 30‘ व ‘सेन्टोनाइन 30‘ की दो-दो खुराकें प्रति दिन लेने के लिए कहा। इससे पेट के कीड़े व टेप वार्म निकल गए जिससे पेट दर्द हमेशा के लिए चला गया।