लंदन में धूमकेतुओं का अध्ययन कर रहे हैं अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने बड़ी सफलता हासिल की है। कॉमेट 67पी / चुरयुमोव-गेरासिमेंको (Comet 67P) पर रिसर्च में जुटी यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के रोसेटा यान (Rosetta Space Craft) ने इस धूमकेतु पर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन (Oxygen Gas) होने के सबूत पेश किए हैं। इस कॉमेट पर पानी की अपेक्षा ऑक्सीजन 1 से 10 प्रतिशत मात्रा में पायी गयी है। वैज्ञानिक सम्भावना जता रहे हैं कि इस खोज के बाद सौरमंडल के बनने के कारणों पर और अधिक जानकारी मिल जाएगी। हो सकता है कि सौरमंडल के बारे में पुरानी विचार धारा टूट जाए।
रोसेटा यान की बड़ी सफलता
13 अगस्त को सूर्य के पास से गुज़रने वाले इस धूमकेतु के निर्माण में ऑक्सीजन गैस के शामिल होने की पूरी सम्भावना है। रोसेटा यान इस धूमकेतु का अध्ययन एक साल से भी अधिक समय से कर रहा है। इस अध्ययन में रोसेटा ने जो जानकारी इकट्ठा की है उसके अनुसार इस कॉमेट पर ऑक्सीजन गैस के अतिरिक्त कार्बन डाइ ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, नाइट्रोजन, सल्फ़र और नोबेल गैसों के अतिरिक्त जलवाष्प भी उपस्थित है।
रोसेटा यान द्वारा एकत्र सैम्पलों की जाँच कर रही टीम प्रमुख कैथरीन अल्टवेग ने कॉमेट पर ऑक्सीजन गैस की मौजूदगी को आश्चर्यजनक बताया है क्योंकि यह रासायनिक रूप से एक बेहद अभिक्रियाशील गैस है, जिसका धूमकेतु पर पाया जाना बहुत बड़ी उपलब्धि है। ऑक्सीजन का ऐसे किसी धूमकेतु पर पाया जाना बहुत बड़ी सफलता है। इससे अंतरिक्ष पिंडों से जुड़ी रिसर्च में एक नया मोड़ आ गया है।
यह ऐसी पहली घटना है जिसमें किसी पृथ्वी के अतिरिक्त अन्य अंतरिक्षीय पिंड पर ऑक्सीजन पायी गयी है। अब तारों पर हुए रिसर्च में भी किसी तारे पर ऑक्सीजन होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। इसलिए धूमकेतु पर ऑक्सीजन मिलना एक आश्चर्य ही है। रोसेटा यान ने सितम्बर 2014 से मार्च 2015 तक 3000 हज़ार से भी ज़्यादा सैम्पल्स एकत्र करके भेजे हैं और इस अंतरिक्ष वैज्ञानिक इनका गहन अध्ययन कर रहे हैं।
उम्मीद है कि हम कौन हैं, हम कहाँ से आये हैं और हमारी उत्पत्ति कैसे हुई? इसकी जानकारी हमें जल्द ही मिल जाए।
Keyword: Rosetta Finds Oxygen on Comet 67P