टायफाइड बुखार के लिए घरेलू उपाय

टायफाइड फ़ीवर _ Typhoid Fever को हिंदी में आंत्र ज्वर, मियादी बुखार या फि मोतिझरा भी कहते हैं। यह बुखार सैल्मोनेल्ला नाम के बैक्टीरिया की वजह से होता है। यह रोग मुख्य रूप से दूषित चीज़ें खाने पीने और साफ़-सफ़ाई का ध्यान न रखने से होता है। यह रोग आज सामान्य बीमारियों में गिना जाता है, लेकिन असावधानी से मरीज़ के लिए जानलेवा भी हो सकता है। टाइफाइड का उपचार सही समय पर न किया जाए तो मरीज़ की आंतों से ख़ून का रिसाव हो सकता है और इसके साथ ही दिमाग़ी बुखार और निमोनिया होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है। आंत्र ज्वर में तेज़ बुखार आता है जो दवा लेने से कम हो जाता है, लेकिन दवा का असर कम होते ही दुबारा चढ़ जाता है। इस लेख में हम आपको टाइफाइड बुखार के ट्रीटमेंट के बारे में बताएंगे।
बारिश के मौसम में टाइफाइड होने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है, तुलनात्मक रूप से बरसात में खाना पानी ज़्यादा आसानी से दूषित हो जाता है।

टाइफाइड बुखार
Typhoid fever homeremedies and treatment

टाइफाइड बुखार के लक्षण

मरीज़ में टायफाइड के लक्षण 4 से 5 दिन में दिखने लगते हैं, लेकिन 2 हफ़्ते तक भी लग सकते हैं।
– सिर दर्द के साथ गले में ख़राश होना
– बुखार के साथ कमज़ोरी लगना
– ठंड लगने के साथ पसीना आना
– पेट दर्द होना, उल्टी और दस्त आना
– भूख कम हो जाना

टायफाइड का घरेलू उपचार

1. लहसुन

लहसुन एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। लहसुन की 5 से 10 कलियाँ पीसकर घी या तिल के तेल में तलकर उसमें सेंधा नमक डालकर खाएँ। किसी भी तरह का बुखार हो इस उपाय से उतर जाता है।

2. प्याज का रस

मरीज़ को थोड़ी थोड़ी देर में प्याज का रस पिलाने से बुखार उतर जाता है। साथ ही कब्ज़ की शिक़ायत भी नहीं रहती है।

3. तुलसी

– सूरजमुखी और तुलसी के पत्तों का रस पीने से टाइफाइड बुखार में आराम मिलता है।
– तुलसी और अदरक डालकर बनायी गई चाय पीने से भी टायफाइड में फ़ायदा मिलता है। तुलसी के पत्ते, थोड़ी अदरक, काली मिर्च और दालचीनी को पानी में अच्छे से उबाल लें और मिसरी डालकर पिएँ।
– जुकाम और सर्दी का इलाज करने में भी तुलसी की चाय पीना लाभप्रद है।

4. केला और शहद

– एक पके हुए केले को पीस लें और 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार खाएँ।
– पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में शहद मिलाकर पिएँ।

5. अदरक और पुदीना

– पुदीने के कुछ पत्ते और अदरक का छोटा टुकड़ा अच्छे से पीस लें और 1 कप पानी में घोल दें। दिन में 2 बार इस घोल को पीने से बुखार कम हो जाता है।
– 1 कप सेब के जूस में थोड़ा सा अदरक का पेस्ट मिलाकर पीने से भी आराम मिलता है।
गर्मियों में टायफाइड होने पर आपको कच्चे आम को भूनकर इसका रस पानी में मिलाकर पीना चाहिए।

Typhoid fever
Typhoid fever explained

टाइफाइड का आयुर्वेदिक उपचार

5 ग्राम नीम पर चढ़ी गिलोय का रस, 20 ग्राम तुलसी के पत्ते, 10 ग्राम सोंठ और 10 छोटी पिपर के टुकड़े, सबको मिलाकर पीस लें। अब इस मिश्रण को 1 गिलास पानी में उबाल कर काढ़ा तैयार कर लीजिए। इसे ठंडा करके पीना चाहिए। काढ़ा पीने से आधे घंटे पहले और बाद में कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिए। इस आयुर्वेदिक उपचार में टाइफाइड बुखार के अलावा डेंगी, मलेरिया और चिकनगुनिया में भी असरदार आराम मिलता है।

ऐलोपैथिक उपचार

जैसे ही मरीज़ में टाइफाइड के लक्षण नज़र आएँ तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। मरीज़ के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दिए जाते हैं, इससे 2 से 3 दिन में आराम मिलने लगता है।
बिना डॉक्टरी सलाह के टाइफाइड बुखार की कोई दवाइयाँ लें। डॉक्टर को दिखायें, खून की जांच करवाएँ, उसके बाद डॉक्टर द्वारा सही ट्रीटमेंट लीजिए।
कुछ लोग आराम मिलते ही दवाएँ बंद कर देते हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए। टाइफाइड के बैक्टीरिया पूरी तरह ख़त्म हो जाएँ इसके लिए आपको दवा का पूरा कोर्स करना चाहिए।

बाबा रामदेव के आयुर्वेदिक दवाएँ

मियादी बुखार ठीक करने के लिए आप आयुर्वेदिक मेडिसिन भी ले सकते हैं। आगे कुछ आयुर्वेदिक दवाओं के नाम बता रहे हैं जो आपको आंत्र ज्वर में दी जाती है। ये दवारँ किसी भी पतांजलि शॉप या पंसारी की दुकान में मिल जाएंगी।
– सौभाग्य वटी
– परवल पिश्ती
– गिलोय सत्व
– ब्राह्मी वटी
– संजीवनी वटी
– सुदर्शन घन वटी
– ज्वर नाशक क्वाथ

टाइफाइड में खानपान

पपीता, चीकू, सेब, दूध, फल और मूंगदाल की खिचड़ी खाएँ। खाने में हल्का भोजन करना चाहिए ताकि आसानी से पच जाए।
चाय, कॉफ़ी, कोल्ड ड्रिंक, मसालेदार खाना, स्मोकिंग और जंकफ़ूड खाने से बचें।

इन बातों का रखें ध्यान

बुखार चाहे किसी वजह से हुआ हो इसके असर को कम करने और जल्दी आराम पाने के लिए कुछ बातों का ख़याल रखना चाहिए।
– बुखार होने पर आराम करने में ध्यान देना चाहिए।
– खाने पीने का ख़याल रखना चाहिए।
– पानी अधिक पिएँ और पानी उबालकर ही पिएँ। पानी अधिक पीने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाते हैं।
– तेज़ बुखार में ठंडे पानी का कपड़ा सिर पर रखना चाहिए। इससे बुखार दिमाग पर नहीं चढ़ता है।
– टाइफाइड ठीक होने के बाद भी खाने पीने का ध्यान रखें और परहेज़ करते रहें। ताज़े फलों का जूस पिएँ, उबला हुआ पानी पिएँ, हल्का हल्का खाना खाएँ और साफ़ सफ़ाई का ध्यान रखना चाहिए।

आंत्र ज्वर से बचाव

– खाना खाने से पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ धोएँ।
– बाज़ार में सड़क किनारे बिकने वाले खुले और कटे खाद्य पदार्थों का क़तई सेवन न करें।
– 2 साल में एक बार टाइफाइड से बचने का टीका लगवाएँ।
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