यह सभी जानना चाहते हैं कि एसिडिटी का इलाज कैसे करें। खानपान की ग़लत आदतों के कारण एसिडिटी, पेट में गैस, जलन और कब्ज़ की परेशानी उठानी पड़ती है। खाना पचाने के लिए हमारे पेट में एसिड बनता है, जो आवश्यकता से अधिक बन जाए तो पेट में एसिडिटी हो जाती है। एसिडिटी का उपचार जल्द से जल्द करना चाहिए, वरना कई तरह की परेशानियाँ हो जाती हैं।
एंटासिड, ईनो, गैसोफ़ास्ट आदि दवाइयाँ बाज़ार में मिलती हैं, जिनसे पेट की एसिडिटी में आराम मिलता है। लेकिन ये आराम कुछ ही देर के लिए होता है। आप एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेदिक या घरेलू उपाय करके फौरन आराम पा सकते हैं। एसिडिटी को गैसट्राइटिस, अम्लपित्त या अम्लता जैसे दूसरे नामों से भी जाना जाता है।
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एसिडिटी के कारण क्या हैं
- मसालेदार चटपटा खाना खाना
- स्मोकिंग, शराब और दूसरे नशे करना
- लम्बे समय तक ख़ाली पेट रखना
- रात का खाना देर से खाना
- ख़ाली पेट चाय पीना या अधिक चाय पीना
- शरीर में गर्मी बढ़ जाना
एसिडिटी के लक्षण
- पेट में जलन महसूस होना
- कड़वी और खट्टी डकारें आना
- पेट में गैस बनना
- कब्ज़ की शिक़ायत होना
- उल्टी आना या फिर बार-बार उबाक आना
- सिर में दर्द होना
आयुर्वेद से एसिडिटी का इलाज
1. एसिडिटी का आयुर्वेदिक उपचार करने के लिए सुबह शाम एक गिलास पानी के साथ आँवले का चूरन खायें। इसके बाद आधे घंटे तक कुछ और नहीं खाना है। इसकी जगह आप एक चम्मच आँवले का रस भी पी सकते हैं।
2. एसिडिटी कंट्रोल करने के लिए अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर पानी में उबाल लें। फिर इस पानी को छानकर गुनगुना पियें। अदरक की चाय भी एसिडिटी से छुटकारा देती है।
3. एसिडिटी और पेट में जलन होने पर एलोवेरा जूस पीना लाभदायक होता है। हर दिन एलोवेरा जूस पीने वाले लोगों को पेट में एसिडिटी की समस्या नहीं होती है।
4. मुलेठी का काढ़ा बनाकर पियें, इससे एसिडिटी के साथ-साथ गले की जलन भी ख़त्म होती है। मुलेठी का चूरन भी लाभदायक है।
5. एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए 1 गिलास पानी में नीम की छाल को रात भर भीगने दें। सुबह इस पानी को छानकर पिएं। आप नीम की छाल का चूरन बनाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
6. अश्वगंधा से एसिडिटी का आयुर्वेदिक उपाय किया जा सकता है। एक गिलास दूध में चुटकी भर अश्वगंधा मिलाकर पीने से अम्लपित्त ख़त्म होती है।
7. मुन्नका अम्लता खत्म करने में कारगर है। मुन्नका को एक गिलास दूध में उबालकर खायें। गुलकंद भी अम्लपित्त खत्म कर सकता है।
8. गिलोय की जड़ के 7 छोटे-छोटे टुकड़े पानी में उबालें। गुनगुना होने पर इसे घूँट-घूँटकर पीने से एसिडिटी से निजात मिलती है।
9. यष्टि मधु और दालचीनी चूरन को शहद के साथ मिलाकर गोलियाँ बनायें। फिर इन्हें आवश्यकतानुसार चूसें।
10. 1-1 चम्मच जीरा, सौंफ, अजवाइन और सावा के बीज पानी में उबालें। इसे छानकर पानी को दिन में 2-3 बार पिएं। इस प्रयोग से पेट की समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
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एसिडिटी और पेट में जलन के घरेलू नुस्खे
घरेलू नुस्खे भी एसिडिटी का इलाज करने में सक्षम हैं। आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खे करने पर बीमारी से छुटकारा मिलने के साथ-साथ दवा के साइड इफ़ेक्ट नहीं होते हैं।
1. एसिडिटी से तुरंत आराम चाहते हैं तो 1 गिलास पानी में 1 चम्मच बेकिंग सोडा घोलकर पिएं।
2. रोज़ सुबह खाली पेट 3 गिलास पानी पिएं।
3. खाली पेट नारियल पानी पीने से बहुत लाभ मिलता है।
4. दोपहर में 1 गिलास नींबू का शरबत यानि शिकंजी पिएं।
5. एसिडिटी से बचाव के लिए रात को 10 ग्राम किशमिश भिगोकर रखें और सुबह खाएं।
6. बादाम एसिडिटी की दवा है। यह पेट में बनने वाले एसिड को न्यूट्रिलाइज़ करता है, इसलिए जब पेट में जलन हो 2-3 बादाम खा जाएं।
7. तुलसी के पत्ते, इलायची और लौंग का सेवन करने से पेट में गैस, एसिडिटी और पेट में जलन जैसी समस्याएं ख़त्म हो जाती हैं।
8. एक गिलास पानी के साथ थोड़ी सी अजवाइन लेने अम्लपित्त का उपाय कर सकते हैं।
9. रात सोते समय शहद के साथ 1 छोटा चम्मच त्रिफल चूरन खाने से पेट में अम्लता नहीं होती है।
10. पेट में जलन महसूस होने पर ठंडी चीज़ों का सेवन कीजिए।
11. नियमित लस्सी और दही का सेवन कीजिए।
12. रोज़ एक केला ज़रूर खाएं।
13. खाना खाने के बाद थोड़ा गुड़ ज़रूर खाएं।
14. खाने के बाद 1 गिलास में पुदीना उबालकर पिएं।
15. सुबह खाली पेट 1 गिलास पानी में कुछ बूँद नींबू का रस, अदरक का रस, जीरे का चूरन और शहद मिलाकर पिएं। इस उपाय से एसिडिटी खत्म हो जाएगी और पूरे दिन एसिडिटी का प्रभाव नहीं दिखेगा।
16. एसिडिटी और पेट में जलन होने पर पत्ता गोभी, गाजर, कद्दू और प्याज की सब्ज़ी खाएं।
17. कच्चे पपीते, पत्ता गोभी और गाजर का जूस एसिडिटी और पेट की जलन मिटाने का कारगर उपाय है।
18. अन्नानास, चीकू, खरबूजा और तरबूज खाने से पेट में जलन नहीं होती है।
19. एसिडिटी और पेट में जलन की समस्या होने पर 1 या 2 दिन उपवास रखें। इससे गले की जलन और खट्टी डकारें बंद हो जाएंगी। भूख लगने पर फलाहार कीजिए। भारी भोजन करने से बचें।
20. लगातार एक जगह बैठकर काम करने वाले लोगों को पेट और छाती में जलन हो सकती है। ऐसे में नारियल पानी पीने और पेठे की मिठाई खाने से लाभ होता है। टमाटर, चावल, चाय, सिगरेट और शराब से परहेज़ करना चाहिए। साथ ही राजमा और उड़द दाल के साथ चावल मत खाएं।
एसिडिटी के इलाज के लिए बाबा रामदेव की दवाएं
दिव्य अविपत्तिकार चूरन खाने से पेट में एसिड बैलेंस रहता है और हाज़मा सही रहता है। इसके साथ पेट में गैस, पेट में जलन और अपच की समस्या में भी यह चूरन लाभदायक है।
अविपत्तिकार चूरन दिन में 2 बार 4 चम्मच तक खाना खाने के बाद खाना चाहिए। आप इसको नारियल पानी या गुनगुने पानी के साथ खा सकते हैं।
एडिसिटी और पेट में जलन होने पर परहेज़
- फास्ट फूड और मिर्च मसालेदार चीज़ों का परहेज़ कीजिए।
- मुँह की लार को बाहर न थूँके, इसे निगल लें। इससे एसिडिटी से होने वाली जलन कम हो जाती है।
- हर दिन 4 लीटर पानी पिएं ही पिएं।
- खाना चबाकर चबाकर आराम से करें।
- योग और व्यायाम को अपनाएं।
- मोटापा बढ़ने पर वज़न कम करें।