छत्तीसगढ़ में 10 हज़ार साल पुराने एलियंस के सबूत

छत्तीसगढ़ के कंकेर ज़िले के आदिवासी बस्तर नाम की जगह पर अर्कियोलॉजी और कल्चर विभाग ने नासा और इसरो की मदद से चट्टानों पर बनी 10 हज़ार साल पुरानी बनी पेंटिंग्स के बारे में सहायता लेने की प्रयास किया है जिसमें परग्रही जीवन और सभ्यता से हमारे सम्पर्क को चिह्नित किया / दर्शाया गया है।
Charama Rock Paintings IIIअर्कियोलॉजिस्ट जेआर भगत के अनुसार, इन पेंटिंग्स में उन परग्रहियों को दर्शाया गया है जैसा कि हमें आज की हॉलीवुड और बॉलीवुड फ़िल्मों में देखने को मिलता है। ये गुफ़ाएँ रायपुर से 130 किमी दूर स्थित चंदेली और गोटीटोला गाँव में हैं।
खोजबीन से हम यह पता चलता है कि प्राग ऐतिहासिक समय में या तो मानव ने ऐसे परग्रहियों को देखा था या उनकी कल्पना की थी जो कि किसी दूसरे ग्रह पर रहते हैं। इस बात ने आज हममें से अनेक लोग और शोधकर्ता इस बारे में बहुत रुचि दिखा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में अभी ऐसा कोई एक्सपर्ट नहीं है जो परग्रही जीवन से जुड़े इन सबूतों के बारे में पूरी जानकारी दे सके। इस विषय पर अभी बहुत शोध करना बाक़ी है ताकि सारी जानकारी हमें मालूम सके।
परग्रही जीवन छत्तीसगढ़ भारतयहाँ गाँव वालों के बीच बहुत सी मान्यताएँ हैं। इनमें से कुछ गाँव वाले इनकी पूजा करते हैं जबकि अन्य अपने पुरखों द्वारा रोहेला लोगों के बारे में सुनायी गयी कहानियाँ कहते हैं। ये लोग आकाश से उड़नतश्तरी में बैठकर ज़मीन पर आते थे और गाँव के एक या दो लोगों को उठा ले जाते थे। जिनमें से आज तक कोई वापस नहीं लौटा।
पेंटिंग्स को प्राकृतिक रंगों से बनाया गया था जो कि 10 हज़ार साल बाद भी फीके नहीं पड़े हैं। इन अंजानी तस्वीरों में हथियार जैसी चीज़ों को दिखाया गया है, जिनका आकार बहुत स्पष्ट नहीं है। ख़ास तौर पर इन तस्वीरों में जो लोग दिख रहे हैं उनके नाक और मुँह नहीं हैं। कुछ तस्वीरों में ये परग्रही लोग स्पेस सूट पहने दिखाये गये हैं। आर्कियोलॉजिस्ट कहते हैं कि प्राग ऐतिहासिक लोगों की कल्पना शक्ति के बारे में हम पुख़्ता तौर पर कुछ भी नहीं कह सकते हैं लेकिन परग्रही जीवन के बारे बिना कुछ देखे ऐसी कोरी कल्पना कर पाना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं है।
परग्रही जीवन छत्तीसगढ़ भारतइन तस्वीरों में ठीक वैसे ही परग्रही और उनके यान / यूएफ़ओ का होना जैसा कि हम आज एलियन मूवीज़ में देखते हैं, बहुत बड़ी संयोग है। पंखे की तरह दिखने वाले एंटीना और यान के तीन पाए / पैर आज की सम्भावित यूएफ़ओ आकृतियों से बहुत मेल खाते हैं।
इस पर विश्वभर के आर्कियोलॉजिस्ट से सम्पर्क किया जा रहा है और इस बारे में नैटजियो टीवी चैनल ने एक एपिसोड भी तैयार किया है, जिसे प्रसारित किया जा चुका है। पूरी सम्भावना है कि प्राग ऐतिहासिक काल से परग्रही पृथ्वी पर आते रहे हैं। इसलिए आज परग्रही जीवन के बारे में नकारना पूरी तरह ग़लत है।

गुफ़ाओं में मिले परग्रही जीवन के भित्तिचित्र

परग्रही जीवन छत्तीसगढ़ भारत
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स्रोत – TOI
चित्र – Amit Bhardwaj
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