संधि शोध यानि जोड़ों में दर्द जिसे आर्थराइटिस Arthritis या Joint inflammation भी कहते हैं। इसके रोगी को जोड़ों में अक्सर दर्द, अकड़न या सूजन बनी रहती है। इस रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं। जो बेहद पीड़ा पहुँचाती है। जोड़ों में गांठें बन जाने के कारण इस रोग को गठिया रोग भी कहते हैं।
बदलती जीवनशैली, तनाव, मोटापा, गलत खानपान आदि कारणों से ये रोग बुज़ुर्गों से लेकर युवा वर्ग को भी अपना शिकार बना रहा हैं और लोग वक़्त से पहले कई रोगों के शिकार हो जाते हैं। इन रोगों से हम बच सकते हैं अगर समय रहते हम अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग हो जाएं।
आर्थराइटिस क्या है?
आर्थराइटिस जोड़ों के ऊतकों की जलन और क्षति के कारण होता है । जलन के कारण ही ऊतक लाल हो जाते है, जिससे इनमें दर्द होता और इनमें सूजन आ जाती हैं।
आर्थराइटिस के लक्षण
अगर रोगी को बार-बार बुखार आये, मांसपेशियों में लगातार दर्द हो, भूख कम लगे और अचानक वजन घटने लगे तो ये आर्थराइटिस के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा शरीर का गर्म होना, लाल चकत्ते पड़ना और कंधो, हाथों, जोड़ों में जहां-जहां दर्द हो, वहां दर्द के साथ सूजन का आना भी इस बीमारी का लक्षण है। आर्थराइटिस का सबसे अधिक प्रभाव घुटनों में और उसके बाद कुल्हे की हड्डियों में दिखाई देता है।
सर्दियों में जोड़ों में दर्द होने का कारण
सर्दियों में अक्सर घुटनों के जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ जाती है इसके पीछे का कारण है –
सर्दी के मौसम में बैरोमीट्रिक प्रेशर के कम होंने से ऊतक में विस्तार/ फैलाव बढ़ जाता है जिससे जोड़ो में दर्द बढ़ जाता है। ये बैरोमीट्रिक प्रेशर हमारे आस-पास के वातावरण का भार या दबाव का होता है यही प्रेशर हमारे शरीर को दबाता है जिससे शरीर के ऊतक का विस्तार/ फैलाव नहीं हो पाता है।
आर्थराइटिस / जोड़ों के दर्द से बचने के लिए क्या करें?
1. व्यायाम
आर्थराइटिस/ जोड़ों के दर्द में राहत के लिए नियमित घूमना- फिरना, टहलना अवश्य चाहिए।
इससे रक्त संचार बढ़ जाता है । कोशिश करें कि एक ही स्थिति में ज़्यादा देर तक न बैठें। कुछ न कुछ एक्टिविटी अवश्य करते रहें।
2. पोषक तत्व और उचित आहार
आर्थराइटिस के रोगी को मांसाहार, दाल, पनीर, पालक, टमाटर और पोषणयुक्त आहार का सेवन करना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
जो लोग तंबाकू या धूम्रपान करते हो उन्हें नशे से बचना चाहिए।जो लोग मोटापे से ग्रस्त हैं, उन्हें अपना वजन कम करना चाहिए। इसके साथ साथ पोषक तत्व से परिपूर्ण आहार लें।नियमित रूप से विटामिन सी, के, डी के लिए संतरे का सेवन करें।
3. विटामिन डी
यह हमें सूर्य की किरणों से प्राप्त होता है। इसलिए धूप में अवश्य बैठें।
4. तेल मसाज
आर्थराइटिस से राहत प्राप्त करने के लिए मसाज थेरिपी का भी प्रयोग करें जो आपके लिए बेहद लाभप्रद हैं। इसके लिए अजवाइन के तेल से मसाज करें, यह तेल दर्द को कम करता है। इसके अलावा सेब के सिरके से भी मसाज करें। यह भी इस दर्द को कम करता है।
5. धूम्रपान या नशे से बचें
इसके रोगी को धूम्रपान नहीं करना चाहिए। इसलिए तम्बाकू या नशा करने से बचें।
इन उपायों को अपनाएं और आर्थराइटिस / जोड़ों के दर्द में बेहद राहत पाएं और दूसरों को भी यह लेख पढ़ायें ताकि इन लक्षणों से परिचित होकर सही समय पर इनका उपचार हो सके और आप स्वस्थ और हेल्दी रह सकें।
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