गर्भावस्था के पाँचवे सप्ताह में शिशु विकास और अन्य लक्षण

गर्भधारण के दौरान जैसे जैसे समय बीतता जाता है, वैसे वैसे माँ बनने का एहसास एक सुखद अनुभूति देता है। इसके साथ ही गर्भवती स्त्री मन ही मन कई सुंदर सपने संजोने लगती है। लेकिन गर्भवती स्त्री को अपने सपनों को सच में बदलने के लिए गर्भावस्था में कुछ सावधानियाँ भी बरतनी चाहिए। जिससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रह सकें। इसके लिए ज़रूरी है कि गर्भावस्था के पाँचवे सप्ताह में होने वाले बदलाव और लक्षणों की सही-सही जानकारी हो ताकि अपना ध्यान रखा जा सके।
गर्भावस्था के पाँचवे सप्ताह में शिशु का विकास

गर्भावस्था के पाँचवे सप्ताह में शिशु विकास

सामान्यत: गर्भावस्था के पाँचवे सप्ताह में गर्भवती स्त्री का पेट उतना बाहर नहीं आता, जिससे दूसरा कोई उसकी गर्भावस्था का अनुमान लगा सके। परन्तु पाँचवे सप्ताह में भ्रूण का वृद्धि और विकास तेज़ी से होता है। इस समय शिशु के हृदय कक्षों का बनना प्रारम्भ हो चुका होता है। जिनमें कुछ ही दिनों में रक्त का प्रवाह प्रारम्भ हो जाएगा। इस समय आपका शिशु चौथाई सेंटीमीटर ही लम्बा होता है और एक मानव की तरह न दिखकर एक टैडपोल (मेंढक के अंडे से निकले बच्चे) जैसा दिखता है। इस सप्ताह में शिशु के आकार में बड़ी तेज़ी से वृद्धि होती है।
किडनी और लीवर के साथ-साथ शिशु के सभी महत्त्वपूर्ण अंगों का विकास होने लगता है। शिशु की आँतें भी विकसित होने के साथ-साथ एपेंडिक्स अपने स्थान पर आ जाती है। शिशु के मस्तिष्क और मेरुदंड को जोड़ने वाले न्यूरल टूब भी जुड़ जाती है।
गर्भावस्था के पाँचवे सप्ताह में शिशु के आंतरिक अंगों के विकास के साथ-साथ उसमें बाह्य परिवर्तन भी होने लगते हैं। जिन बड्स से शिशु के हाथ-पैरों का विकास होता है, दिखने लगते हैं। शिशु के मुँह की जगह पर फ़ोल्ड बन जाते हैं, प्राय: जहाँ पर गर्दन और निचला जबड़ा बनता है।

गर्भवती स्त्री में आने वाले बदलाव

  1. अगर स्त्री को अब तक अगला मासिक धर्म (पीरियड) नहीं आया है, तो यह गर्भधारण हो जाने को इंगित करता है।
  2. नज़दीक़ी मेडिकल स्टोर से एक घरेलू प्रेगनेंसी टेस्ट किट ख़रीदकर प्रेगनेंसी टेस्ट किया जा सकता है। अगर किट में
  3. टेस्ट का परिणाम दो स्पष्ट गुलाबी लाइनों के रूप में मिले तो आपकी प्रेगनेंसी कनफ़र्म हो जाती है।
  4. गर्भावस्था मूड स्विंग (भावनाओं का तुरंत बदलना) एक साधारण सी बात है। स्त्री एक पल तो सुखद अनुभूति महसूस करती है तो थोड़े ही समय बाद चिंता की भावना से ग्रस्त हो जाती है। ऐसे समय में पारिवारिक सहयोग आवश्यक रहता है।
  5. शरीर में मौजूद प्रेगनेंसी हॉर्मोन के कारण थकावट, स्तनों में हल्की सूजन और दर्द, कुछ भोजन की ख़ुशबू से जी मचलाना आदि जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।

पिछले अंक –

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *