मलेरिया बुखार एक संक्रामक बीमारी है। इसमें ठंड लगने के साथ रोज या तीसरे-चौथे दिन बुखार चढ़ता है। यह बीमारी बरसात में ज़्यादा फैलती है। इसके मुख्य कारण घर के आसपास के गड्ढों में जमा पानी में बैठने वाले एनोफेलीज़ मादा मच्छर _ Anopheles mosquito होते हैं। ये मच्छर जब मलेरिया के रोगी को काटने के बाद किसी दूसरे को काटते हैं तो उसे भी यह बीमारी हो सकती है। ग़लत खान-पान व अनियमित जीवन शैली के चलते भी यह रोग हो सकता है।
मलेरिया बुखार के लक्षण
मलेरिया में तेज ठंड के साथ बुखार चढ़ता है। सिर में दर्द , मिचली , उल्टी और बुखार उतरने के साथ पसीना होना आदि इसके मुख्य लक्षण हैं।
घरेलू व प्रभावी उपचार
– काली मिर्च , तुलसी के तीन-चार पत्ते व करंज की गिरी 3 ग्राम लेकर पीस लें और दिन में दो बार दूध के साथ सेवन करें।
– आधा कटा नींबू लें और उसमें थोड़ा सेंधा नमक व काली मिर्च का चूर्ण डालकर आंच पर हल्का गरम करें। इसे चूसने से मन भी ठीक होता है और मलेरिया बुखार में भी आराम मिलता है।
– एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस लें, उसमें चार काली मिर्च का चूर्ण व थोड़ा सा शहद मिलाकर सेवन करने से आराम मिलता है।
– तुलसी व नीम के ताज़े निकले पत्ते पीसकर उसमें नींबू रस मिलाकर देने भी मलेरिया बुखार में आराम मिलता है।
– लाल मिर्च लें और पानी में डालकर हाथ से मीज कर उसे गाढ़ी चटनी की तरह बना लें। इसे कपड़े में बांधकर यदि महिला को मलेरिया है तो बांयी बाँह में तथा पुरुष को मलेरिया है तो दायीं बांह में बांध दें। बुखार उतर जाएगा।
– दस ग्राम चीनी के साथ दो ग्राम मिश्री व 1 ग्राम फूली हुई फिटकरी दूध या पानी के साथ सेवन करने से मलेरिया बुखार उतर जाता है।
– दस-दस ग्राम चिरइता व संतरे का रस सुबह-शाम पिलाने से भी मलेरिया का बुखार उतर जाता है।
– एक कप पानी में दस ग्राम हरड़ का चूर्ण मिलाकर गरम करें। जब आधा कप पानी बचे तो आग से उतार लें और उसमें थोड़ी सी चीनी मिला दें। इसे चार भाग में करके दिन में चार बार रोगी को दें।
– तावे पर भुना हुआ सफेद नमक मलेरिया , विषम ज्वर , एंकातरा – पारीतिजारी , चौथारी आदि बुखारों की उत्तम दवा है। नमक को भूरा होने तक तवे पर भूनें। ठंडा होने पर शीशे के बर्तन में रख लें। बुखार चढ़ने से पहले छह ग्राम नमक एक गिलास गर्म पानी में डालकर पिलाएं। मलेरिया भगाने के लिए दो ख़ुराक काफ़ी है।
– पांच ग्राम जामुन वृक्ष की छाल पीसकर उसमें गुड़ मिलाकर सेवन करने से मलेरिया का बुखार चला जाता है।
– प्याज के एक चम्मच रस में दो-तीन कलीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से मलेरिया के बुखार में लाभ मिलता है।
– नीम का ताजा निकला पत्ता, चार-पांच काली मिर्च व थोड़ा नमक डालकर चटनी बना लें। सुबह-शाम सेवन करने से मलेरिया भाग जाता है।
– सुबह-शाम तुलसी का पत्ता व काली मिर्च चबाकर खाने से मलेरिया बुखार नहीं चढ़ता।
– बुखार चढ़ने के पहले लहसुन का रस नाखूनों पर लगा लेने से भी मलेरिया का बुखार नहीं चढ़ता है।
– बुखार तेज़ हो तो ठंडे पानी से रोगी के शरीर को बार-बार पोंछना चाहिए। साथ ही लौकी के गोल कटे हुए टुकड़ों से हथेलियों और तलवों को मलने से भी आराम मिलता है।
मलेरिया बुखार में पथ्य
रोगी को आलूबुखारा , चीकू , संतरा , अंगूर , चकोतरा , मौसमी , अनार , प्याज , पुदीना एवं साबूदाना आदि का सेवन करना चाहिए।
मलेरिया के बुखार से बचाव
– घर के आसपास जल जमाव न होने दें। जल जमाव वाले स्थानों पर ही मच्छर अंडे देते हैं।
– जहाँ पानी इकट्ठा हो तथा नालियों पर डीडीटी, मिट्टी का तेल, बीएचसी व तम्बाकू के घोल आदि का छिड़काव करें।
– बच्चों को इधर-उधर थूकने से मना करें, खेलकर आने के बाद उनके हाथ साबुन से अच्छी तरह धुल दें।
– पानी उबालकर पीना ज़्यादा लाभकारी है। फलों, सब्ज़ियों को अच्छी तरह से धुलने के बाद ही उनका उपयोग करें|
– खुले में रखे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।