वर्तमान समय में तनाव हमारी ज़िंदगी का एक हिस्सा हो गया है। तेज़ी से बदलते समय में पीछे छूट जाने की चिंता ने हमें तनावग्रस्त किया है। प्रतिस्पर्धा कड़ी है। आगे निकल जाने की होड़ मची हुई है। काम का दबाव इस क़दर बढ़ता जा रहा है कि ख़ुद को समय देने की फ़ुर्सत ही नहीं है। घर-परिवार में भी समय दे पाना मुश्किल होता जा रहा है। इस दौड़ का प्रभाव यहीं तक सीमित नहीं है। यह हमारे मस्तिष्क के तंतुओं को इतना सक्रिय कर रहा है कि नींद गायब होने लगी है और जब पूरी नींद नहीं आएगी वे तंतु शिथिल नहीं होंगे। तंतु शिथिल नहीं होंगे तो नींद नहीं आएगी। यह ऐसा दुष्चक्र है जिसमें आदमी उलझकर मानसिक रोग को निमंत्रित कर रहा है।
![मानसिक रोग के कारण और उपचार 1 मानसिक रोग](https://lifestyletips.in/wp-content/uploads/2016/12/mental-illness.jpg)
बढ़ता तनाव
तनाव जब बढ़ता तो अपनी वृद्धि के तमाम तरह के उपाय ढूँढ़ने लगता है। इस वजह से तनावग्रस्त आदमी लगातार अपना तनाव बढ़ाता चला जाता है। उसका छोटी-छोटी बातों को लेकर अपने पड़ोसी, सहकर्मी, परिवार के सदस्य या सड़क चलते हुए आम राहगीर से भी विवाद संभव है। यह विवाद उसके तनाव को और बढ़ा देगा। फिर उससे निपटने के लिए वह एक नये तरह के तनाव को जन्म देगा। इस तरह तनाव से तनाव में उसकी यात्रा गहरी होती जाती है और एक दिन वह गंभीर मानसिक बीमारियों की चपेट में आ जाता है।
घातक परिणाम
तनाव का सबसे घातक परिणाम होता है कि व्यक्ति तमाम तरह के झगड़े अनावश्यक मोल ले लेता है। इससे उसके जीवन, व्यवसाय, नौकरी व सामाजिक संबंधों पर बुरा असर पड़ता है। उसके सगे-संबंधी उससे कटने लगते हैं, दूर होने लगते हैं। कुछ समय बाद वह अकेला हो जाता है। क्रोध, बेचैनी, सिर दर्द व आत्मग्लानि का शिकार होने लगता है और धीरे-धीरे गंभीर रूप से बीमार हो जाता है। स्मरण शक्ति व आत्मविश्वास उसका साथ छोड़ देते हैं।
मानसिक रोग से मुक्ति पाने का उपाय
शंखपुष्पी, ब्राह्मी, गिलोय, सूखा आंवला व जटामासी 100-100 ग्राम ख़रीद लें। ये सभी सामग्री पंसारी या जड़ी-बूटी वाली दुकान पर मिल जाएगी। सभी को मिलाकर ख़ूब बारीक़ कूट-पीस कर कपड़छन चूर्ण बना लें। इसे किसी शीशी में भरकर रख लें, शीशी का ढक्कन ठीक से बंद करें ताकि उसमें हवा न जाने पाए। रोज़ दिन में तीन बार एक-एक चम्मच चूर्ण मधु या आंवले के शरबत के साथ लें। पानी के साथ भी यह चूर्ण लिया जा सकता है। बच्चों को आधा चम्मच ही देना चाहिए। यदि इस चूर्ण का प्रयोग गर्भवती महिला करे तो बच्चा पूरी तरह स्वस्थ व मानसिक रोगों से मुक्त होगा।