मंगल पर आण्विक ऑक्सीजन का पता चला

स्ट्रैटोस्फ़ेरिक ऑब्ज़र्वेट्री फ़ॉर इंफ़्रारेड एट्रोनॉमी ( एसओएफ़आइए, सोफ़िया ) _ Stratospheric Observatory for Infrared Astronomy (SOFIA) 40 साल बाद मार्स के वातावरण में आण्विक ऑक्सीजन का पता लगाया है। अन्य गैसों के ख़त्म होने से आण्विक ऑक्सीजन _ Atomic Oxygen पर प्रभाव पड़ता है और इसलिए इस बात का मंगल के वातावरण पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। वैज्ञानिक ने अनुमान से आधी मात्रा में ऑक्सीजन मिली है, मंगल के वातावरण में होने वाले बदलाव इसके कारण हैं। लाल ग्रह के वातावरण में होने वाले बदलावों को समझने के लिए वैज्ञानिक एसओएफ़आइए सोफ़िया _ SOFIA का प्रयोग जारी रखेंगे।

मंगल पर आण्विक ऑक्सीजन

सोफ़िया प्रोजेक्ट _ SOFIA Project की वैज्ञानिक पामेला मार्कम _ Pamela Marcum ने बताया कि मंगल के वातावरण में आण्विक ऑक्सीजन को मापना बहुत कठिन है। अटॉमिक ऑक्सीजन का पता लगाने के लिए फ़ार-इंफ्रारेड वेवलेंथ्स _ Far-Infrared Wavelenght की आवश्यकता पड़ती है, जिसके लिए शोधकर्ताओं को पृथ्वी के वातावरण के ऊपर रहकर बहुत ही सेंसिटिव उपकरणों का प्रयोग करना होता है। सोफ़िया में दोनों ही सुविधाएँ हैं।
मंगल पर आण्विक ऑक्सीजन
मंगल के वातावरण में ऑक्सीजन की माप अंतिम बार 1970 के दशक में वाइकिंग और मारिनर मिशन के समय की गई थी। अभी मंगल ग्रह पर 95 प्रतिशत कार्बन डाईऑक्साइड और 3 प्रतिशत नाइट्रोजन है, जो जीवन की संभावना के लिए पर्याप्त नहीं है। सोफ़िया के एयरबॉर्न लोकेशन को धन्यवाद की यह ऑब्ज़र्वेशन हाल ही में फिर किया गया। यह लोकेशन पृथ्वी से 37,000 से 45,000 फ़िट ऊपर है जहाँ इंफ़्रारेड को रोकने वाला मॉइश्चर नहीं हैं। इस ऑब्ज़र्वेट्री में लगा एक एडवांस उपकरण जर्मन रिसीवर फ़ॉर एस्ट्रोनॉमी एट टेराहर्ट्ज़ फ़्रीक्वेंसीज़ ( जीआरईएटी, ग्रेट ) ‌_ German Receiver for Astronomy at Terahertz Frequencies (GREAT) है, जो एंट्रोनॉमर्स को मंगल के वातावरण की ऑक्सीजन को पृथ्वी के वातावरण की ऑक्सीजन में अंतर करने की सुविधा देता है। शोधकर्ताओं ने जो खोजा उसे सन 2015 में एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफ़िज़िक्स जरनल _ Astronomy and Astrophysics Journal में छापा था।
सोफ़िया एक बोइंग 747एसपी जेटलाइनर _ Boeing 747SP Jetliner में बदलाव करके बनाया गया है जिस पर 100 इंच व्यास वाली दूरबीन लगायी गयी है। यह नासा और जर्मन एरोस्पेस सेंटर का साझा प्रोजेक्ट है। मोफ़ेट फ़ील्ड, कैलिफ़ोर्निया में नासा का एमेस रिसर्च सेंटर सोफ़िया प्रोग्राम को संचालित करता है। विज्ञान और मिशन ऑपरेशन्स में यूनिवर्सिटीज़ स्पेस रिसर्च एसोसिएशन, कोलम्बिया, मैरीलैंड और स्टुट्ट्गर्ट यूनिवर्सिटी का जर्मन सोफ़िया इंस्टीट्यूट ( डीएसआई ) भी योगदान कर रहा है। यह एयरक्राफ़्ट नासा के ऑर्मस्ट्रांग फ़्लाइट रिसर्च सेंटर के हैंगर 703 ‌_ Armstrong Flight Research Center Hanger 703 पर आधारित है, जो पामडेल, कैलिफ़ोर्निया में है।
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