आप अतीत में थोड़ा लौटें तो पाएंगे कि पहले के लोग काफी स्वस्थ हुआ करते थे। अगर आप उनके स्वस्थ रहने के कारणों की पड़ताल करेंगे तो पता चलेगा कि उस समय पर्याप्त मात्रा में वाहन उपलब्ध नहीं थे, हर घर में मोटरसाइकिल व स्कूटी नहीं थी। लोग बहुत ज़्यादा पैदल चलते थे। तीन-चार किलोमीटर दूर बाज़ार में सब्ज़ी या किराना का सामान ख़रीदने, गेहूं का आटा पिसवाने, सरसों का तेल पेराने या अन्य कार्यों के लिए पैदल जाते थे। बच्चों के स्कूल भी बहुत नजदीक नहीं थे। कम से कम तीन-चार किलोमीटर की दूरी पर होते थे और बच्चे पैदल पढ़ने जाते थे। यह बहुत दिन की बात नहीं है, अभी बीस साल पहले यह स्थिति थी।
उस समय न तो फ़ास्ट फ़ूड की बहुत ज़्यादा दुकानें थीं और न ही लोग इस प्रकार के खाद्य पदार्थों के बारे में जानते ही थे। पास्ता, बर्गर, पिज़्ज़ा, नूडल्स आदि हमारे भोज्य पदार्थ नहीं थे। सुबह घी का पराठा या सूजी का हलवा नाश्ता हुआ करता था। उस समय न तो लोगों को गंभीर बीमारियां होती थीं और न ही इतने ज़्यादा हॉस्पिटल थे। छोटी-मोटी बीमारियां होती थीं लोग छोटे-छोटे सरकारी अस्पतालों से दवा लेकर ठीक हो जाते थे। किसी-किसी को टीवी आदि गंभीर बीमारियां हुआ करती थीं। इनका संख्या बहुत न्यून थी। महिलाओं को डिलीवरी के लिए अस्पताल नहीं जाना पड़ता था, घर पर ही आसानी से प्रसव हो जाता था। महरिन नार काट देती थीं। अब तो बिना ऑपरेशन के प्रसव संभव ही नहीं लगता। सीधे अस्पताल जाना जैसे मजबूरी है। इन स्थितियों की पड़ताल करने के बाद स्वस्थ रहने का राज़ समझ में आ जाएगा।
स्वस्थ रहने के लिए टिप्स
1- बाहर का खाद्य पदार्थ लेने से बचें। यदि बहुत ज़रूरी है तो फल आदि लेकर उसे अच्छी तरह से धुल कर खाएं।
2- मौसमी ताज़ी फल व सब्ज़ियों का प्रयोग अधिक करें, इनमें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व अपने स्वरूप में मौजूद रहते हैं, बासी फल व सब्ज़ियों में लगभग दस प्रतिशत तक पोषक तत्वों का ह्रास हो जाता है।
3- देर पर पकाने से भी खाद्य पदार्थों के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और उनका लाभ नहीं मिल पाता है।
4- सब्ज़ियों खासकर हरी पत्तेदार सब्ज़ियों को काटने के बाद न धुलें, इन्हें काटने से पहले धुल लेना चाहिए, क्योंकि इसमें जो विटामिन व मिनरल्स होते हैं वे काटने के बाद धोने से पानी के साथ निकल जाते हैं।
5- ज़्यादा देर का काटा हुआ सलाद खाने से परहेज़ करें, इसमें मौजूद विटामिन नष्ट हो जाते हैं। सलाद तुरंत काटें और तुरंत खाएं।
6- पोषक तत्वों को सुरक्षित रखने के लिए सब्ज़ियों को ढककर पकाएं।
7- ताज़े फलों का जूस लेने की अपेक्षा उन्हें सीधे खाएं। इससे दांत भी मजबूत रहेंगे और पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व भी मिलेंगे।
स्वस्थ जीवन जीने के तरीके
8- डिब्बाबंद की अपेक्षा फ्रोजन खाने का चयन करें। यदि डिब्बाबंद खाना ख़रीद रहे हैं तो उसके लेबल व सामग्री की जांच कर लें, ऐसे खाद्य पदार्थों का चुनाव करें जिसमें प्रिजर्वेटिव्स, कलर व सोडियम की मात्रा कम से कम हो।
9- सोडियम लॉरियाल सल्फेट नाम का एक रसायन होता है जिसका इस्तेमाल साबुन, शैंपू, हेयर कंडीशनर और फेशियल क्लींजर आदि में होता है। इसी से झाग उत्पन्न होता है। कई में एल्युमिनियम भी पाया जाता है। ऐसे साबुन-शैंपू का उपयोग न करें, इससे अल्जाइमर्स का खतरा रहता है।
10- सोडियम लॉरेल सल्फेट और फ्लोरइड से युक्त टूथपेस्ट का प्रयोग न करें।
11- एल्युमिनियम युक्त डिओडरेंट से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा रहता है। ऐसा डिओडरेंट चुनें जिसमें एल्युमीनियम न हो।
12- ज़्यादा पैदल चलें, थोड़ी दूर जाने के लिए बाइक या कार का इस्तेमाल न करें। शरीर को थोड़ा श्रम करने का मौका दें।
13- रिफाइंट ऑयल का प्रयोग न करें, शुद्ध मूंगफली, सरसों व नारियल आदि के तेलों का उपयोग करें।
14- जैतून के तेल से भोजन बना सकते हैं, इसमें संतुलित मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। डीप फ्राय करने के बाद बचे हुए तेल को दोबारा उपयोग न करें।
15- अच्छी वसा का सेवन करें, इससे मस्तिष्क, हृदय, कोशिकाएं, त्वचा, बाल व नाखून स्वस्थ रहेंगे। अच्छी मात्रा में ऐसे मोनोसैचुरैटेड फैट और फैटी एसिड का प्रयोग करें जिसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 मौजूद हो। विभिन्न प्रकार के बीज व फलियां, जैतून का तेल, मछलियां व सूखे मेवे आदि से अच्छी व स्वास्थ्यवर्धक वसा मिलती है।
जीवनभर स्वस्थ रहने के लिए आपको उपरोक्त टिप्स को ज़रूर आज़माना चाहिए।