शायद आपको ख़ुद पता नहीं कि आप अपनी उम्र घटा रहे हैं। मानसिक तनाव, बीमारियों व परेशानियों को आप लगातार चिट्ठियाँ लिख रहे हैं और जब उसका जवाब आता है तो आप घबरा जाते हैं। थोड़ी सी सावधानी आपको इन मुश्किलों से बचा सकती है।

हम अपनी उम्र घटा रहे हैं…
पहले काम का तरीक़ा अलग था। खेतों में लगातार कुदाल चलाने, धूप में पसीना बहाने और घर आकर नहा-धोकर खाना खा लेने के बाद आने वाली गहरी नींद अब गायब हो गई है। नए अत्याधुनिक तकनीक ने किसानों को भी मेहनत से महरूम कर दिया है। कार्यालयों में काम जो हाथ से होता था अब वह कंप्यूटर से होना लगा है। फ़ाइल ले आने व ले जाने की झंझट से भी लगभग छुटकारा मिलता जा रहा है, अब फ़ाइलों व सूचनाओं का आवागमन सीधे ऑनलाइन होने लगा है।
आज के बीस साल पहले गांवों व शहरों में जो खेल के मैदान गुलज़ार रहते थे, स्कूल से छुट्टी होने के बाद बच्चे बस्ता फेंककर सीधे खेल के मैदान में भागते थे, उनमें से ज़्यादातर मैदान अब समाप्त हो गए हैं और जो बचे हैं वहाँ लोग शुगर व ब्लडप्रेशर कम करने के लिए टहलते नज़र आते हैं।
स्वास्थ्य की समस्या न आए और चिकित्सक टहलने की सलाह ने दें तो शायद वहाँ भी सूनापन शाश्वत हो जाए। बच्चे अब खेल के मैदान में न जाकर टीवी से चिपक जाते हैं। कार्यालयों में ज़्यादा देर तक बैठकर काम करने और टीवी देखने से बहुत सारी बीमारियाँ जन्म ले रही हैं। आश्चर्य तो यह है कि जो ख़तरा हमारे आसपास मंडरा रहा है, हम उससे अनभिज्ञ हैं।
जो लोग खेतों में कड़ी मेहनत करते थे, वे ज़्यादातर आराम करते हैं। ज़्यादा आराम करने, ज़्यादा देर तक कुर्सी पर बैठकर कंप्यूटर पर काम करने और ज़्यादा देर तक टीवी देखने से केवल बीमारियाँ व तनाव ही जन्म नहीं ले रहे हैं, बल्कि इन सब आदतों के चलते हम अपनी उम्र घटा रहे हैं।
क्या कहते हैं नए शोध
अनेक सरकारी एजेंसियों द्वारा एकत्रित किए गए आंकड़ों के आधार पर अमेरिका में हुए एक शोध का तो यही कहना है कि ज़्यादा देर तक कुर्सी पर बैठे रहने से होने वाली बीमारियों से मरने की आशंका 27 प्रतिशत व टीवी देखने से होने वाली बीमारियों से मरने की आशंका 19 प्रतिशत होती है। कार्यालयों में सिर्फ़ तीन घंटे कुर्सी पर बैठकर काम करने वालों की उम्र दो वर्ष बढ़ जाती है।
यदि टीवी देखने की दो घंटे अवधि रोज कम कर दी जाए तो उम्र में डेढ़ वर्ष की वृद्धि हो सकती है। टीवी से लगातार चिपके रहने के दुष्प्रभाव हम बच्चों में देख रहे हैं, फिर भी सतर्क नहीं हो रहे हैं। असमय ही उनमें दृष्टि दोष उत्पन्न हो रहा है और चश्मा लगाना पड़ रहा है, माइग्रेन की शिक़ायत हो रही है। ज़्यादा देर तक कार्यालयों में कुर्सी पर बैठकर कंप्यूटर पर काम करने या टीवी देखने से बड़ों में भी हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मानसिक तनाव, शुगर आदि बीमारियाँ जन्म ले रही हैं। यदि इसके प्रति थोड़ी सावधानी बरती जाए तो हम असमय दस्तक देने वाली समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।