विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतवानी दी है कि ज़ीका वायरस ZIKA VIRUS दुनिया में बहुत तेज़ी से फैल रहा है। भारत में भी इसके फैलने की आशंका है। इसे देखते हुए ज़ीका वायरस की स्थिति पर समीक्षा के लिए भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय और एम्स के अधिकारियों ने उच्चस्तरीय बैठ की। साथ ही रोकथाम के लिए एक टेक्निकल ग्रुप का भी गठन किया है।
ज़ीका वायरस एडीस ऐजिप्टी Aedes species mosquito नाम के मच्छर से फैलता है। भारत में एडीस ऐजिप्टी के कारण पिछले साल डेंगू ने कई लोगों को अपना शिकार बनाया था। पश्चिमोत्तर भारत में इसका सबसे ज़्यादा प्रभाव रहा था। भारत में कई जगहों पर साफ़-सफ़ाई के ख़राब हालात और पानी की निकासी के बेहतर इंतजाम नहीं हैं। इसी कारण विशेषज्ञों का कहना है कि यहाँ ज़ीका वायरस के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ उपस्थित हैं। इसलिए सभी राज्य सरकारों को साफ़-सफ़ाई के साथ ही मच्छरों के सफ़ाए का भी इंतजाम करना बड़ी चुनौती है।
टेक्निकल ग्रुप का काम
ज़ीका वायरस से निपटने के लिए गठित टेक्निकल ग्रुप दूसरे देशों में ज़ीका वायरस फैलने से पैदा हालात पर नज़र रखेगा। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का कहना है कि सरकार ज़ीका के ख़तरे से सचेत है और किसी तरह के हालात से निपटने के लिए आवश्यक सुविधाएँ मुहैय्या कराने के इंतजाम किए जा रहे हैं।
ZIKA VIRUS से सुरक्षा
हर हाल में मच्छरों के काटने से बचना ही सावधानी का पहला क़दम है। ज़ीका वायरस का ब्राजील में बीते साल मई में पता चला था। जहाँ लगभग डेढ़ लाख लोग ज़ीका वायरस से प्रभावित हैं। अक्टूबर 2015 से लेकर अब तक ब्राजील में 3500 से ज़्यादा छोटे सिर और अविकसित दिमाग़ वाले बच्चे पैदा हुए हैं। एल सेल्वाडोर, कोलंबिया और इक्वेडोर जैसे देशों में महिलाओं को साल 2018 तक प्रेग्नेंट होने से बचने के लिए कहा गया है। अमेरिका ने भी महिलाओं को ज़ीका प्रभावित स्थानों पर जाने को मना किया है। अमेरिका और दूसरे देश इस वायरस की वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं।
ज़ीका का प्रभाव
- युगांडा में पहला केस 1947 में दर्ज़ किया गया था।
- वेनेजुएला में 4700 संदिग्ध मामले रिकॉर्ड गए हैं।
- ज़ीका अब तक 24 देशों में फैल चुका है।
- अब तक 4000 नवजात इसके शिकार हुए हैं।
7 तरह के वायरस की चपेट में दुनिया
ज़ीका : दक्षिण अमेरिका, उत्तर अमेरिका, यूरोप महाद्वीप
एवियन, स्वाइन फ्लू, मर्स सीओवी : एशिया पूर्वी यूरोप
लासा और इबोला : अफ्रीका
ज़ीका वायरस संक्रमण के लक्षण
- बुख़ार होना
- सिर दर्द
- आंखों के पीछे दर्द होना
- उल्टी आना
- स्किन रैशेज
- मसल्स पेन
- जॉइंट पेन
लक्षण दिखने पर क्या करें, क्या न करें
- वायरस के शिकार कुछ ही मरीज़ों को एडमिट करने की नौबत आती है।
- आमतौर पर चार लोगों में से एक में ज़ीका वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं।
- ज़ीका वायरस के शिकार पेशंट में इंफेक्शन का असर एक सप्ताह रहता है।
- प्रेग्नेंट महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चों को ज़्यादा ख़तरा होता है।
- ज़ीका वायरस के मरीज़ कंप्लीट बेड रेस्ट लेना ज़रूरी है।
- ढेर सारा पानी पीना कारगर होता है।
- शरीर में दर्द होने पर पैरासिटामॉल या एसिटीमिनोफेन लिया जा सकता है।
- ध्यान रहे कि इबूप्रोफेन दवा बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए। जैसे – डिस्प्रिन
ज़ीका वायरस कैसे फैलता है?
- ज़ीका ‘एडीस ऐजिप्टी’ नाम के मच्छर से फैलने वाले वायरस है।
- यह मच्छर यलो फ़ीवर, डेंगू और चिकनगुनिया फैलाने के लिए भी जिम्मेदार है। प्रेग्नेंट महिलाओं को इससे ख़तरा होता है।
- वायरस संक्रमित बच्चे छोटे सिर (माइक्रोसेफैली) के साथ पैदा होते हैं।
- माइक्रोसेफैली, न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें ब्रेन पूरी तरह डिवेलप नहीं हो पाता है।
Zika Virus के जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर इस पेज पर दिए हैं। इस जानकारी को सभी के साथ शेअर करना न भूलें। सावधानी ही सुरक्षा है।