अगर सही तरीक़े से नहाया जाए तो थकान दूर हो जाती है, तनाव से राहत मिलती है, पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से होता है। सिर दर्द और पीठ दर्द से राहत मिलती है। लेकिन सही तरीक़े से न नहाने के कारण अक्सर नहाते समय बुजुर्गों को लकवा मार जाता है, दिमाग़ की नस फट जाती है, हार्ट अटैक आ जाता है। जब माँ छोटे बच्चे को नहलाती है तो नहलाते समय बच्चे कंंपकपाने लगते हैंं या डरने लगते हैं। माँ यह समझती है कि बच्चा स्नान करने से डर रहा है जबकि ऐसा नहीं होता है।
ग़लत तरीक़े से स्नान करने के दुष्प्रभाव
सच यह है कि ये सभी समस्या गलत तरीक़े से स्नान करने से होती है। दरअसल हमारे शरीर में गुप्त विद्युतशक्ति ख़ून के निरंतर प्रवाह के कारण उत्पन्न होती रहती है जिसकी सही प्राकृतिक दिशा ऊपर से आरम्भ होकर नीचे पैरोंं की तरफ़ होती है। हमारे सर में बहुत महीन रक्त नलिकाएं होती है जो दिमाग़ को रक्त पहुँचाती है। जब कोई व्यक्ति लगातार सीधे सर पर ठंडा पानी डालकर नहाता है तो ये नलिकाएं सिकुड़ने लगती है या रक्त के थक्के जमने लगते हैं और जब हमारा शरीर इनको सहन नहीं कर पाता तब पानी को शरीर पर डालते ही कंपकपी होने लगती है, हार्टटैक आ जाता है या फिर ब्रेन हैमरेज जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

सर पर सीधे पानी डालने से हमारा सर ठंडा होने लगता है, जिससे हृदय को सिर की तरफ़ ज़्यादा तेज़ी से रक्त भेजना पड़ता है जिससे या तो बुज़ुर्ग में हार्ट अटैक या फिर दिमाग़ की नस फटने की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
ठीक इसी तरह जब बच्चे के सर पर पानी डाला जाता है तो बच्चे का नियंत्रण तंत्र भी तुरंत प्रतिक्रिया देता है जिससे बच्चे के शरीर में कंंपकपी होने लगती है और माँ समझती है कि बच्चा पानी से या फिर नहाने से डर रहा है। ग़लत तरीके से स्नान कराने से बच्चे की हृदय की धड़कन अत्यधिक बढ़ जाती है। इसलिए नहलाने से पहले पानी सर पर डालने के बजाय पैरों के पंजोंं पर डालना चाहिए और फिर धीरे धीरे पैर, हाथ, पेट, चेहरा और फिर सर पर डालना चाहिए ताकि स्वास्थ्य सम्बन्धी कई समस्याओं से बच सकें।
नहाने का सबसे बेस्ट तरीक़ा
हल्का गुनगुना पानी
स्नान करने के लिए हल्के गुनगुने पानी का उपयोग सबसे बेस्ट है क्योंकि हल्के गुनगुने पानी के नहाने से शरीर की थकान भी मिट जाती है और आप बेहद अच्छा महसूस करते हैं।
प्राकृतिक पदार्थों का प्रयोग
नहाने से पहले हल्दी और बेसन का उबटन बेस्ट है। इसके अलावा फेश धोने के लिए मुल्तानी मिट्टी का भी उपयोग बेस्ट है।
स्नान की विधि
स्नान करने का सबसे बेस्ट तरीक़ा है कि सबसे पहले पानी को पैरों के पंजोंं पर, फिर घुटनोंं और जांघो पर पानी डालिए और फिर धीरे धीरे पानी को पेट और कंधो पर डालिए। इसके बाद हाथों की अंजुली में पानी लेकर मुँह पर डालिए और फिर पानी सर पर डालिए। इसके बाद आप पुरे शरीर पर साबुन लगाएं और फिर शॉवर के नीचे खड़े होकर या सर से पानी डालकर नहा सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में केवल 1 मिनट लगता है। लेकिन इस प्रक्रिया से आपके जीवन की रक्षा होती है और आप स्वस्थ रहते हैं। इस 1 मिनट में शरीर की विद्युतशक्ति सही प्राकृतिक दिशा में ऊपर से नीचे की ओर बहती रहती है क्योंकि विद्युत शक्ति को आकर्षित करने वाला पानी सबसे पहले पैरों पर, फिर हाथ, फिर चेहरा और फिर सिर पर डाला गया जो स्वास्थ्य के लिए भी हितकारी है।

अगर बच्चे को भी इसी तरीक़े से नहलाया जाएं तो बच्चे बिलकुल भी कंंपकपाते या डरते नहीं हैं।
तौलिए से रगड़ना
नहाने के बाद शरीर को सुखाने के लिए तौलिये से तेज़ी से न रगड़े क्योंकि तौलिये से तेज़ रगड़ने से रूखापन और खुजली जैसी त्वचा की समस्याएं हो सकती हैंं इसलिए त्वचा को ऐसे ही सूखने दें।