यकृत को अंग्रेजी में लीवर (Liver) कहते हैं। यह हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमारे शरीर के लिए 500 से भी अधिक काम करता है, जिनमें खाना पचाना, शरीर से टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकालना, शरीर को एनर्जी देना, बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करना आदि शामिल हैं। अगर लीवर में इंफेक्शन हो जाए तो बीमारी हो जाती है। जिसके लिए इलाज करना जरूरी होता है। आइए जाने लीवर की कमजोरी दूर करके रोगों से बचने के घरेलू नुस्खे क्या हैं?
लीवर के रोग क्या हैं
- लीवर कैंसर
- पीलिया जॉन्डिस
- हैपेटाइटिस
- फैटी लीवर
- लीवर में सूजन
लीवर की बीमारियों के कारण क्या हैं
खाने पीने में लापरवाही बरतने पर लीवर से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं।
- सिगरेट और शराब ज्यादा पीना
- खाने में तेल मसाले ज्यादा प्रयोग करना
- जंक फूड का सेवन करना
- एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करना
- लगातार कई दिनों तक कब्ज रहना
- नकली दवाओं का सेवन करना
लीवर खराब होने के लक्षण
अगर आपको लीवर से जुड़ी बीमारियों के लक्षण मालूम हों तो उसका इलाज करना और रोकथाम करना बहुत आसान हो जाता है। अगर इनमें से कोई भी लक्षण रोगी में दिखे तो जरा सी भी लापरवाही न करें और तुरंत डॉक्टरी जांच कराएं।
- पाचन तंत्र में खराबी
- पेशाब का रंग पीला होना
- पेट में सूजन आना
- आंखों और चेहरे पर पीलापन आना
- आंखों के नीचे काले घेरे बनना
- मुंह से बदबू आना
- कमजोरी आना
लीवर की कमजोरी दूर करने के घरेलू नुस्खें
आजकल जिगर से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं। खाना पचाने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण अंग है। वह लीवर ही है जो कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में बदलता है और टॉक्सिक पदार्थों को नष्ट करके प्रोटीन में तब्दील कर देता है। जिससे हमारा शरीर इन्फेक्शन से बचा रहता है। आइए जाने किन घरेलू नुस्खों को करके आप लीवर की कमजोरी दूर कर सकते हैं।
1. पालक और गाजर
लीवर की गर्मी और सूजन कम करनी हो तो पालक और गाजर का जूस मिलाकर सुबह-शाम पीना चाहिए इस उपाय से लीवर की अनेक बीमारियां जल्दी ठीक हो जाती हैं। हल्दी एंटी सेप्टिक गुणों से भरपूर होती है जो लीवर पर रामबाण की तरह असर करती है। रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से लीवर की कमजोरी खत्म हो जाती है और उसे ताकत मिलती है।
2. मुलेठी
लीवर की गर्मी निकालने के लिए मुलेठी का प्रयोग कर सकते हैं। मुलेठी की जड़ का चूर्ण बनाकर इसे उबले हुए पानी में और घोलकर ठंडा कर लें और छानकर पिएँ।
3. सेब का सिरका
सेब का सिरका यानी एप्पल साइडर विनेगर शरीर के हानिकारक पदार्थों को बाहर निकाल सकता है। 1 दिन में कम से कम 2 बार एक एक चम्मच सेब का सिरका और शहद पानी में मिलाकर पीने से जिगर को ताकत मिलती है। खाना खाने से पहले सेब का सिरका पानी में मिलाकर पीने से एक ही अतिरिक्त चर्बी कम हो जाती है।
4. पपीता
लीवर में सूजन आ जाने पर रोज दो चम्मच पपीते का रस में नींबू का रस मिलाकर दिन में तीन बार लें। इस उपाय को एक महीने तक करें इससे लीवर की सूजन चली जाएगी।
5. प्याज
रोजाना दिन में 2 बार 700 ग्राम प्याज खाने से लीवर सिरोसिस की बीमारी खत्म हो जाती है।
6. नींबू
एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर और सेंधा नमक डालकर दिन में तीन बार तक पीने से जिगर की कमजोरी और गर्मी खत्म हो जाती है।
7. आंवला
विटामिन सी से भरपूर आंवला लीवर को सही तरीके से काम करने के लिए ताकत देता है। आंवले का चूर्ण या आंवले का रस 20 ग्राम नियमित दिन में तीन बार खाने से कुछ ही दिनों में यकृत की सारी बीमारियां समाप्त हो जाती हैं।
8. लस्सी
यकृत में गर्मी बढ़ जाए तो एक गिलास लस्सी में जीरा इसीलिए काली मिर्च और हींग डालकर पिएँ। इससे यकृत की गर्मी निकल जाएगी।
9. वीट ग्रास
गेहूं के ज्वारे में बहुत से पोषक तत्व होते हैं जो लीवर को मजबूत बना सकते हैं। इसलिए लीवर की कमजोरी दूर करने के लिए गेहूं के ज्वारे को चबाकर या उसका जूस बनाकर सेवन करें।
लीवर की सूजन कैसे दूर करें
लीवर की सूजन दूर करने के लिए नीचे बताए गए तरीकों को कम से कम 1 महीने तक नियमित करना होगा।
- मीठी चीजों का सेवन न करें।
- रोटी की जगह हरी सब्जियां जैसे लौकी, पालक, करेला, गाजर, टमाटर और फल जैसे पपीता, आंवला, जामुन और लीची का खूब सेवन करें।
- सब्जियों में मिर्च मसाला कम से कम खाएं।
- पानी का सेवन अधिक से अधिक करें।
- लस्सी लस्सी और छाछ का सेवन बहुत फायदेमंद रहेगा।
- घी और तेल में तली हुई चीजों का उपयोग कम से कम करें।
लीवर की देखभाल करने के उपाय
- ज्यादा से ज्यादा पानी पिएँ।
- शराब और धूम्रपान से परहेज करें।
- तला-भुना और मसालेदार भोजन न करें।
- बिना किसी वजह एंटीसेप्टिक दवा को न लें।
- नकली दवाओं का सेवन न करें।
- रोजाना एक्सरसाइज और योग करें।
इस लेख में बताए हुए उपाय करके लीवर की कमजोरी दूर की जा सकती है। इन प्रयोगों से बहुत से लोग लाभान्वित हुए हैं। क्योंकि यह देसी इलाज है इसलिए इनके साइड इफेक्ट भी नहीं है। आप इन्हें बिना झिझक कर सकते हैं। लेकिन डॉक्टरी परामर्श कर लें तो और भी अच्छा है।