बहुत सारे रोगों का इलाज प्रकृति में निहित है। चूंकि मनुष्य प्रकृति से पूरी तरह कट गया है इसलिए वह अपना इलाज रसायनों में ढूँढ़ता है। जबकि आहार-विहार, ठंडा-गर्म सेंक व स्नान, मिट्टी, पानी हवा से अनेक बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। ऐसे ही थायरायड है। आज हम थायरायड के इन्हीं उपचारों की चर्चा करेंगे। जिनका प्रयोग कर इस बीमारी से मुक्ति पाई जा सकती है। सही समय, प्रयोग विधि व थोड़े से परहेज़ से थायरायड ठीक हो जाता है।
थायरायड का प्राकृतिक उपचार
१. आहार
– सुपाच्य भोजन लें।
– मट्ठा, दही, नारियल पानी, मौसमी फल, शाक-सब्ज़ियां, अंकुरित गेहूं तथा चोकर वाली रोटी का सेवन करें।
२. परहेज़
चीनी, खटाई, मैदा, चावल, मिर्च-मसाला, तेल, अधिक नमक, चाय, कॉफी, नशीली वस्तुएं, रबड़ी, मलाई, तली-भुनी चीजें, मांस, अंडा, सफेद नमक आदि का सेवन तुरंत बंद कर दें। सेंधा नमक का ही प्रयोग करें।
३. गले की सेंकाई
गर्म व ठंडे पानी से गले की सेंकाई से थायरायड में काफ़ी आराम मिलता है। सेंकाई के लिए एक पानी वाली रबर बाली थैली, गर्म पानी, एक छोटा तौलिया तथा एक बर्तन में ठंडा पानी रख लें।
सेंकाई का तरीका : सबसे पहले रबर की थैली में गर्म पानी भर लें तथा ठंडे पानी में छोटा तौलिया डाल लें। तीन मिनट तक गर्म रबर की थैली से और उसके बाद एक मिनट ठंडे पानी वाली तौलियां निचोड़कर गले की सेंकाई करें। यह क्रम तीन बार ऐसे ही चलेगा। चौथी बार तीन मिनट गर्म पानी से सेंक करने के बाद तीन मिनट ही ठंडे पानी से भी सेंक करना है। इस तरह एक बार में कुल 18 मिनट सेंकाई करनी है। इसे सुबह-शाम दोनों समय करें तो शीघ्र फ़ायदा होता है।
गर्म व ठंडी पट्टी का लपेट
लगभग चार इंच चौड़ा सूती मार्किन का कपड़ा लें, इसकी लंबाई इतनी हो कि गर्दन पर इसे तीन बार लपेटा जा सके। इतना ही लंबा और पांच-छह इंच चौड़ी गर्म कपड़े की पट्टी लें।
लपेटने का तरीका: रात को सोने से पहले सूती कपड़े को ठंडे पानी में भिगोकर निचोड़कर गले में लपेट दें। इसके बाद गर्म कपड़े की पट्टी इस तरह लपेटें कि सूती कपड़े की पट्टी पूरी तरह ढक जाए। 45 मिनट के बाद इसे उतार दें और सो जाएं।
मिटटी की पट्टी
गले पर मिट्टी की पट्टी बांधने के लिए ज़मीन के तीन फीट नीचे की मिट्टी चाहिए और इसके साथ चाहिए एक गर्म कपड़े का टुकड़ा। मिट्टी को सात-आठ घंटे भिगो दें ताकि उसकी लुगदी हो जाए और पट्टी बनाने में आसानी हो।
पट्टी लगाने की विधि: मिट्टी की एक पट्टी बनाएं जो लगभग चार इंच लंबी, तीन इंच चौड़ी व एक इंच मोटी हो। इसे गले पर रखकर गर्म कपड़े से पूरी तरह ढक दें। यह प्रयोग भी 45 मिनट का है, इसे दोपहर को करें।
४. मेहन स्नान
मेहन स्नान थायरायड में बहुत ही कारगर है। एक बड़ा टब हो जिसमें बैठने के लिए एक छोटी चौकी रखी जा सके। उस टब को खूब ठंडे पानी से भर दें। पानी इतना भरें कि चौकी डूब जाए। अब आप पैर को टब से बाहर करके उस चौकी पर बैठ जाएं। एक सूती कपड़े की डेढ़ -दो फीट लंबी पट्टी लेकर अपनी जननेंद्रिय के अग्रभाग पर लपेट दें एवं बाकी बची पट्टी को टब में इस प्रकार डालें कि उसका कुछ हिस्सा पानी में डूबा रहे। अब इस पट्टी को जिसे आपने जननेंद्रिय पर लपेटा था, टब से पानी ले-लेकर लगातार भिगोते रहें, यह प्रयोग पांच-दस मिनट तक करें। इसके बाद 10-15 मिनट तेज़ी से टहलें ताकि शरीर में गर्मी में आ जाए।
५. धनिया की चटनी
धनिया के हरे पत्ते की चटनी बना लें और उसमें से एक चम्मच लेकर एक गिलास पानी में घोलकर पी जाएं। धनिया देशी व ताज़ी होनी चाहिए। यह थायरायड के लिए बहुत ही कारगर उपाय है।