ज़ीका वायरस क्या है – ज़ीका वायरस संक्रमण के विषाणु को ज़ीका नाम दिया गया है। एडीज़ ऐजिप्टी इस वायरस को फैलाने वाला मच्छर है। Zika Virus से ग्रसित व्यक्ति को बुखार, कंजक्टिवाइटिस, लाल चकते और जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है। मरीज में यह लक्षण दो दिन से लेकर एक हफ्ते तक रहते हैं। अभी तक ज़ीका बुखार का इलाज करने के लिए दवा या टीका नहीं बन सका है।
ज़ीका का पहला मामला 1947 में युगांडा के जंगलों में सामने आया था। 2007 तक माइक्रोनेसिया में 75% आबादी इस संक्रमण की चपेट में थी। वर्ष 2014 में ज़ीका वायरस चिली देश के ईस्टर द्वीप में मार्च से जून तक फैला। आज ज़ीका वायरस संक्रमण का प्रकोप अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और प्रशांत महासागर के करीबी क्षेत्र में फैल गया है।
2015 में ब्राजील का उत्तर-पूर्वी भाग Zika Virus की चपेट में आ गया। तभी से ज़ीका बुखार फैलने की सूचना अधिकतर अमेरिकी क्षेत्रों में दर्ज की जा रही है। 1 फरवरी 2016 को 13 से अधिक अमेरिकी देशों में डबल्यूएचओ ने ज़ीका वायरस फैलने की जानकारी दी थी।

ज़ीका वायरस कैसे फैलता है
संक्रामक एडीज़ मच्छर के काटने से ज़ीका वायरस फैलता है। यह वही मच्छर है, जो डेंगू और चिकगुनिया भी फैलाता है।
यह वायरस वीर्य यानि स्पर्म से भी मिला है। लेकिन अभी तक यौन संबंध से इसके फैलने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। ब्लड ट्रांस्फ्यूजन से भी जीका वायरस फैलने की संभावना बनी हुई है।
गर्भवती महिलाओं को ज़ीका बुखार (Zika Virus) से बचने की विशेष आवश्यकता होती है।
ज़ीका बुखार के लक्षण
इसके लक्षण डेंगू और चिकगुनिया के समान ही होते है और अधिकर लोगों की त्वचा लाल हो जाती है और कंजक्टिवाइटिस की समस्या रहती है। इसके अलावा इम्यूनिटी कम होना और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं भी होती हैं। सामान्य लक्षण हैं-
- बुख़ार होना
- सिर दर्द
- आंखों के पीछे दर्द होना
- उल्टी आना
- स्किन रैशेज
- मसल्स पेन
- जॉइंट पेन
Zika Virus और गर्भावस्था
महिलाएं ज़ीका बुखार को समझने में अक्षम रहती हैं। 20 नवंबर को शिशुओं में माइक्रोसेफेली और ज़ीका वायरस संक्रमण से संबंधित रिपोर्ट जारी की गई। गर्भधारण के पहले तीन महीनों में ज़ीका बुखार की वजह से मॉलफार्मेशन और माइक्रोसेफेली का खतरा रहता है। इस पर अभी भी शोध जारी है। माइक्रोसेफेली यानि नवजात शिशु का सिर छोटा होता है। इस न्यूरोलॉजिकल समस्या के कारण बच्चे का मस्तिष्क पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है।
ज़ीका और ग्यूलिएन-बारे सिंड्रोम
ब्राज़ील और फ्रेंच पालीनेशिया में ग्यूलिएन-बारे सिंड्रोम के मामले साफ तौर पर देखने को मिले हैं। इस सिंड्रोम के कारण हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली स्वयं (यानि इम्यूनिटी खुद से लड़ने लगती है) और स्नायु तंत्र को बर्बाद करने लगती हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टरी देखभाल आवश्यक है।
ज़ीका की पहचान
ज़ीका बुखार के लक्षण दिखते ही ख़ून में Zika Virus की मौजूदगी साबित करने के लिए लीमर्स चेन रिएक्शन (पीसीआ) परीक्षण किया जाता है।
बुखार में सावधानियां
- गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चों को ज़्यादा ख़तरा होता है। इसलिए इस अवस्था में खुद को सुरक्षित रखें।
- ज़ीका वायरस के मरीज़ कंप्लीट बेड रेस्ट लेना ज़रूरी है। ज़्यादा थकान वाले कामों से बचें।
- डिहाइड्रेशन से बचने के लिए ढेर सारा पानी पीना कारगर होता है।
- शरीर में दर्द होने पर पैरासिटामॉल या एसिटीमिनोफेन लिया जा सकता है। ध्यान रहे कि इबूप्रोफेन दवा बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए, जैसे – डिस्प्रिन आदि।
- कोई भी उपचार डॉक्टर की सलाह से जांच के उपरांत करना चाहिए।
- असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं। यह वायरस खून से ज्यादा वीर्य में एक्टिव रहता है।
ज़ीका बुखार से बचाव
- स्वयं को मच्छरों से काटे जानें से बचाएं
- संक्रमित क्षेत्रों की यात्राएं करने से बचें
- बदन को ढककर रखें
- सोते समय मच्छरी दानी या ओडोमॉश जैसी क्रीम प्रयोग करें
- मच्छर पैदा न हों इसके लिए आस पास सफाई रखें और पानी न जमा होने दें
- सुरक्षित यौन संबंध बनाएं
ज़ीका बुखार के उपचार
- अभी तक कोई दवा या टीके मौजूद नहीं हैं।
- दर्द, बुखार और संक्रमण की परेशानी दूर करने वाली दवाएं दी जाती हैं।
- शरीर में पानी कम होने से बचाने के लिए ओरल हाइड्रेशन दिया जाता है।
- गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करें।
Additional Readings-