मलेरिया से बचने के 10 उपाय

बुखार आने की कई वजहें हो सकती हैं। सही वजह का पता खून की जांच से ही लगाया जा सकता है। अगर मरीज़ में मलेरिया के लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं तो आपको ब्लड टेस्ट तुरंत करवाना इलाज शुरु कर देना चाहिए। साथ ही साथ मलेरिया से बचने के उपाय भी करने शुरु कर देने चाहिए।

पिछले लेख में मलेरिया के लक्षण और कारण पर चर्चा कर चुके हैं। अगर आप मलेरिया का इलाज आयुर्वेदिक पद्धति या घरेलू उपाय करके करना चाहते हैं तो आप इस आलेख में बताए जाने वाले प्रयोग कर सकते हैं।

Malaria mosquito

मलेरिया से बचने की जानकारी

अपने परिवार को मलेरिया, डेंगी और चिकनगुनिया जैसी बीमारी से बचाए रखना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले मच्छरों से छुटकारा पाने के उपाय करने होंगे।

– मलेरिया मादा एंडीज मच्छर (Anopheles mosquito) के काटने से होता है, इसलिए अपने घर के आस पास मलेरिया पैदा करने वालों मच्छरों को पनपने न दें। साथ ही मलेरिया से बचने के उपाय कर लें।

– घर अंदर और आस पास पानी का जमाव न होने दें। जमे हुए पानी की निकासी तुरंत करवाएं।

– बर्तन में हमेशा पानी को ढककर रखें और ख़ाली बर्तन को हमेशा उल्टा रखें।

– मच्छर भगाने के लिए फ़ॉगिंग (कीटनाशक का छिड़काव) ज़रूर करवाएं।

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– गर्मियों में कूलर में रोज़ साफ़ पानी भरे और दूसरे दिन कूलर की सफ़ाई अवश्य करें। ठंड के मौसम में जब कूलर की ज़रूरत नहीं होती है, जब कूलर को अच्छे से सूखाकर रख दें।

– घर के आसपास मैदान, गड्ढे और नालियों में पानी जमा न होने दें। अगर मैदान या गड्ढे में पानी जमा हो जाए तो उसे मिट्टी डालकर पटवा दें।

– सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छरों को दूर भगाने वाली क्रीम भी बाज़ार में मिल जाती है।

– अपने पड़ोसियों और मोहल्ले के लोगों को मलेरिया के बारे में सचेत करके पानी के भराव को कम करने की कोशिश करें।

– अगर आपके मोहल्ले में किसी व्यक्ति को मच्छरों के काटने से फैलने वाली कोई बीमारी हुई है, तो नगर निगम या नगर पालिका को इस बारे में जानकारी दें। जल्द से जल्दी कीटनाशक दवा का छिड़काव कराएं ताकि मच्छर मर जाएं।

– बारिश के दिनों में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था रखें। पानी का भराव होने पर उचित कार्रवाई करें।

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मलेरिया बुख़ार दूर करने के उपाय

मलेरिया से बचने की जानकारी रखने के साथ साथ मलेरिया के इलाज के बारे में भी सही बातें पता होनी चाहिए। जो अग्रलिखित हैं:

– मलेरिया बुखार होने पर डॉक्टर क्लोरोक्वाइन दवा देते हैं, जो एक एंटी मलेरिया ड्रग है। इस दवा के साइड इफ़ेक्ट होते हैं, इसलिए बिना डॉक्टरी पर्चा बनाएं इसका सेवन न करें।

– रोगी के शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए उसके नींबू पानी, लस्सी, नारियल पानी और फलों जूस पीते रहना चाहिए।

– मरीज़ को ज़्यादा से ज़्यादा आराम करने दें, और डॉक्टरी सलाह के अनुसार हर 6 घंटे पर पैरासीटामॉल खाएं।

मलेरिया और डेंगी बुखार में रोगी को प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है। इसलिए अवश्यकता पड़ने पर मरीज़ को खून उपलब्ध रहे, इसके लिए ब्लड डोनेशन करते रहना चाहिए।

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