कैंसर रोग का नाम लेते ही लोग डरने लगते हैं। आज बहुत सी वजहें जिनके कारण कैंसर रोग फैल रहा है। शुरुआती समय में कैंसर के लक्षण पहचान कर डॉक्टरी इलाज करवा लेने से यह पूरी तरह ठीक हो जाता है। यह लेख कैंसर से बचाव के आसान तरीके बताता है।
आदमियों में मस्तिष्क, मुँह, जीभ, गले, खाने की नली, आवाज़ की नली, फेफड़े, पेट, प्रोस्टेट या फिर बाह्य कैंसर होता है। महिलाओं में स्तन, गर्भाशय, थायराइड, पित्ताशय और मस्तिष्क का कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है।
कैंसर कैसे होता है
मनुष्य के शरीर में 100 से लेकर 1000 तक खराब कोशिकाएं होती हैं। हर वक़्त हमारी बॉडी में नई कोशिकाएँ बनती रहती है और पुरानी मृत कोशिकाएं खत्म होती रहती है। लेकिन कैंसर रोग होने पर लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या अनचाहे रूप से बढ़ने लगती है।
धूम्रपान, मद्यपान, नशा और खानपान की गलत आदतें कोशिकाओं का जेनेटिक कोड बदल सकती हैं, जिससे कैंसर जैसा भयानक रोग हो सकता है। कैंसर की कोशिकाएँ शरीर की सही काम करने वाली कोशिकाओं के काम में बाधा उत्पन्न करती है। कैंसर कोशिकाएँ पूरे शरीर में घूमते रहते हैं और शरीर के किसी भी भाग में नई बीमार कोशिकाएं बनाती हैं। जिससे वह अंग ठीक से काम करना बंद कर देता है। यह बीमार कोशिकाएँ ही कैंसर कहलाती हैं।
कैंसर के लक्षण
– मुँह के अंदर छाले पड़ना, मुँह का सिकुड़ना और पूरा मुँह न खोल पाना
– खाना चबाने, निगलने और हजम कर पाने में दिक्कत होना
– लगातार खाँसी होना या आवाज़ का बैठ जाना
– कमर में लगातार दर्द रहना
– शौच और मूत्र त्याग की आदतों में बदलाव आना
– स्तन या शरीर के किसी भाग में गाँठ का बनना
– देखने और सुनने में परेशानी होना
– सिर में दर्द होना, याददाश्त कमज़ोर होना
उपरोक्त लक्षण अगर 2 हफ्ते से अधिक दिखाई दें तो डॉक्टरी सलाह ज़रूर लीजिए। कैंसर के अलावा भी ये लक्षण दूसरी बीमारियों में भी होते हैं। इसलिए संतुष्ट हो जाना ज़रूरी है।
कैंसर के कारण
– तंबाकू, खैनी, सुपानी, गुटखा, ज़र्दा और पान मसाला जैसी चीज़ों का सेवन मुँह के कैंसर को न्यौता देता है।
– शराब पीने से बाह्य कैंसर, गले का कैंसर और पेट का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। धूम्रपान और मद्यपान दोनों करने वालों को यह खतरा 100 गुना अधिक होता है।
– रिफ़ाइंड ऑयल और पाम ऑयल हमारी सेहत को खराब करते हैं। खाना बनाने के लिए सरसों का तेल, जैतून का तेल, नारियल का तेल या फिर मूँगफली का तेल प्रयोग करें।
– नमक अधिक खाने से पेट का कैंसर हो सकता है, इसलिए स्वादानुसार ही इसका सेवन करें।
– भारी खाना जिसे हजम करने के लिए पाचन तंत्र को अधिक मेहनत लगती है, उसका सेवन कैंसर पैदा कर सकता है।
– ज़्यादा तली भुनी, मसालेदार और चर्बी वाली चीजें सीमित मात्रा में ही खाएँ।
– जो महिलाएँ बच्चों को दूध नहीं पिलाती हैं उनको स्तन कैंसर का खतरा रहता है।
– महिलाओं को गर्भनिरोधक दवाएँ लम्बे समय तक नहीं खानी चाहिए। इसके सेवन से स्तन कैंसर, लीवर कैंसर और दिल की बीमारी का खतरा रहता है।
– मोटापा, हेप्टाइटिस बी और एचआइवी संक्रमण की वजह से भी कैंसर रोग हो सकता है।
कैंसर से बचाव के घरेलू तरीके
1. फल, सब्ज़ियाँ और साबुत अनाज खाएँ।
2. सिगरेट और शराब को बिल्कुल भी हाथ न लगाएँ। सीमित प्रयोग करें।
3. गाय का मूत्र और गेहूँ के ज्वारे का रस कैंसर के बचाव के लिए रामबाण है।
4. ज़्यादा चर्बी वाला भोजन न करें। माँस, तला भुना खाना, घी और तेल का सीमित प्रयोग करें।
5. अधिक कैलोरी युक्त भोजन न करें और व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें।
6. विटामिन और मिनिरल्स की गोलियाँ खाने की बजाय पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें।
7. खाने में स्वादानुसार नमक डालें। लेकिन पके हुए भोजन में ऊपर से नमक न छिड़ककर खाएँ।
8. ताज़ा बना हुआ खाना ही खाएँ। बासी, फफूँद लगा और बैक्टीरिया जनित भोजन कभी न करें।
9. दर्द निवारक दवाओं के अनावश्यक प्रयोग से बचें। बात-बात पर दवा न लें।
10. शक होने पर कैंसर की जाँच करवाएँ।
11. लाल, नीले, पीले और जामुनी रंग के फल और सब्ज़ियाँ कैंसर से बचाव करते हैं। इसलिए टमाटर, पपीता, काले अंगूर, अमरूद, तरबूज आदि का सेवन करें।
12. कैंसर से बचाव के लिए हर रोज़ खाने में लहसुन का सेवन करें। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
13. नींबू, संतरा और मौसमी का जूस पीने से गले और पेट के कैंसर से बचाव होता है।
14. बादाम और किशमिश जैसे सूखे मेवे खाने से कैंसर की बीमारी की रोकथाम होती है।
15. एक से अधिक पुरुषों से संबंध रखने पर गर्भाशय का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।